पंचांग
*दिनांक – 21 अक्टूबर 2024*
*दिन – सोमवार*
*विक्रम संवत – 2081 (गुजरात-महाराष्ट्र अनुसार 2080)*
*शक संवत -1946*
*अयन – दक्षिणायन*
*ऋतु – शरद ॠतु*
*मास – कार्तिक (गुजरात-महाराष्ट्र अश्विन)*
*पक्ष – कृष्ण*
*तिथि – पंचमी 22 अक्टूबर रात्रि 02:29 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र – रोहिणी सुबह 06:50 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*योग – वरीयान सुबह 11:11 तक तत्पश्चात परिघ*
*राहुकाल – सुबह 08:03 से सुबह 09:30 तक*
*सूर्योदय -06:37*
*सूर्यास्त- 18:08*
*दिशाशूल – पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
*विशेष – पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*कार्तिक में दीपदान*
*गताअंक से आगे …..*
*दीपदान कहाँ करें*
*लिंगपुराण के अनुसार*
*कार्तिके मासि यो दद्याद्धृतदीपं शिवाग्रतः।।*
*संपूज्यमानं वा पश्येद्विधिना परमेश्वरम्।।*
*जो कार्तिक महिने में शिवजी के सामने घृत का दीपक समर्पित करता है अथवा विधान के साथ पूजित होते हुए परमेश्वर का दर्शन श्रद्धापूर्वक करता है, वह ब्रह्मलोक को जाता है।*
*यो दद्याद्धृतदीपं च सकृल्लिंगस्य चाग्रतः।।*
*स तां गतिमवाप्नोति स्वाश्रमैर्दुर्लभां रिथराम्।।*
*जो शिव के समक्ष एक बार भी घृत का दीपक अर्पित करता है, वह वर्णाश्रमी लोगों के लिये दुर्लभ स्थिर गति प्राप्त करता है।*
*आयसं ताम्रजं वापि रौप्यं सौवर्णिकं तथा।।*
*शिवाय दीपं यो दद्याद्विधिना वापि भक्तितः।।*
*सूर्यायुतसमैः श्लक्ष्णैर्यानैः शिवपुरं व्रजेत्।।*
*जो विधान के अनुसार भक्तिपूर्वक लोहे, ताँबे, चाँदी अथवा सोने का बना हुआ दीपक शिव को समर्पित है, वह दस हजार सूर्यों के सामान देदीप्यमान विमानों से शिवलोक को जाता है।*
*अग्निपुराण के 200 वे अध्याय के अनुसार*
*जो मनुष्य देवमन्दिर अथवा ब्राह्मण के गृह में एक वर्ष दीपदान करता है, वह सबकुछ प्राप्त कर लेता है।*
*कार्तिक में दीपदान करने वाला स्वर्गलोक को प्राप्त होता है।*
*दीपदान से बढ़कर न कोई व्रत है, न था और न होगा ही।*
*दीपदान से आयु और नेत्रज्योति की प्राप्ति होती है।*
*दीपदान से धन और पुत्रादि की प्राप्ति होती है।*
*दीपदान करने वाला सौभाग्ययुक्त होकर स्वर्गलोक में देवताओं द्वारा पूजित होता है।*
*एकादशी को दीपदान करने वाला स्वर्गलोक में विमान पर आरूढ़ होकर प्रमुदित होता है।*
*दीपदान कैसे करें* 🌷
*मिट्टी, ताँबा, चाँदी, पीतल अथवा सोने के दीपक लें। उनको अच्छे से साफ़ कर लें। मिटटी के दीपक को कुछ घंटों के लिए पानी में भिगो कर सुखा लें। उसके पश्च्यात प्रदोषकाल में अथवा सूर्यास्त के बाद उचित समय मिलने पर दीपक, तेल, गाय घी, बत्ती, चावल अथवा गेहूँ लेकर मंदिर जाएँ। घी में रुई की बत्ती तथा तेल के दीपक में लाल धागे या कलावा की बत्ती इस्तेमाल कर सकते हैं। दीपक रखने से पहले उसको चावल अथवा गेहूं अथवा सप्तधान्य का आसन दें। दीपक को भूल कर भी सीधा पृथ्वी पर न रखें क्योंकि कालिका पुराण का कथन है ।*
**दातव्यो न तु भूमौ कदाचन।* *सर्वसहा वसुमती सहते न त्विदं द्वयम्।।*
*अकार्यपादघातं च दीपतापं तथैव च। तस्माद् यथा तु पृथ्वी तापं नाप्नोति वै तथा।।*
*अर्थात सब कुछ सहने वाली पृथ्वी को अकारण किया गया पदाघात और दीपक का ताप सहन नही होता ।*
*उसके बाद एक तेल का दीपक शिवलिंग के समक्ष रखें और दूसरा गाय के घी का दीपक श्रीहरि नारायण के समक्ष रखें। उसके बाद दीपक मंत्र पढ़ते हुए दोनों दीप प्रज्वलित करें। दीपक को प्रणाम करें। दारिद्रदहन शिवस्तोत्र तथा गजेन्द्रमोक्ष का पाठ करें।*
*पाँच दिन जरूर जरूर करें दीपदान* 🌷
*अगर किसी विशेष कारण से कार्तिक में प्रत्येक दिन आप दीपदान करने में असमर्थ हैं तो पांच विशेष दिन जरूर करें।*
*पद्मपुराण, उत्तरखंड में स्वयं महादेव कार्तिकेय को दीपावली, कार्तिक कृष्णपक्ष के पाँच दिन में दीपदान का विशेष महत्व बताते हैं:*
*कृष्णपक्षे विशेषेण पुत्र पंचदिनानि च*
*पुण्यानि तेषु यो दत्ते दीपं सोऽक्षयमाप्नुयात्*
*बेटा! विशेषतः कृष्णपक्ष में 5 दिन (रमा एकादशी से दीपावली तक) बड़े पवित्र हैं। उनमें जो भी दान किया जाता है, वह सब अक्षय और सम्पूर्ण कामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है।*
*तस्माद्दीपाः प्रदातव्या रात्रावस्तमते रवौ*
*गृहेषु सर्वगोष्ठेषु सर्वेष्वायतनेषु च*
*देवालयेषु देवानां श्मशानेषु सरस्सु च*
*घृतादिना शुभार्थाय यावत्पंचदिनानि च*
*पापिनः पितरो ये च लुप्तपिंडोदकक्रियाः*
*तेपि यांति परां मुक्तिं दीपदानस्य पुण्यतः*
*रात्रि में सूर्यास्त हो जाने पर घर में, गौशाला में, देववृक्ष के नीचे तथा मन्दिरों में दीपक जलाकर रखना चाहिए। देवताओं के मंदिरों में, शमशान में और नदियों के तट पर भी अपने कल्याण के लिए घृत आदि से पाँच दिनों तक दीप जलाने चाहिए। ऐसा करने से जिनके श्राद्ध और तर्पण नहीं हुए हैं, वे पापी पितर भी दीपदान के पुण्य से परम मोक्ष को प्राप्त होते हैं।*
*समाप्त ….*
*शालिग्राम का दान*
*स्कन्दपुराण के अनुसार*
*सप्तसागरपर्यंतं भूदानाद्यत्फलं भवेत् ।।*
*शालिग्रामशिलादानात्तत्फलं समवाप्नुयात् ।।*
*शालिग्रामशिलादानात्कार्तिके ब्राह्मणी यथा ।।*
*सात समुद्रों तक की पृथ्वी का दान करने से जो फल प्राप्त होता है, शालिग्राम शिला के दान से मनुष्य उसी फल को पा लेता है । अतः कार्तिक मास में स्नान तथा श्रध्दा पूर्वक शालिग्राम शिला का दान अवश्य करना चाहिए।*
जिनका आज जन्मदिन है
दिनांक 21 को जन्मे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अक्सर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं। अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं।
शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30
शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9
शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052
ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु
शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी
जन्मतिथि के अनुसार भविष्यफल :
दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है।
मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज का दिन पिछले दिनों की अपेक्षा बेहतर रूप से व्यतीत करेंगे। व्यवसाय से कम समय मे ज्यादा मुनाफा पा सकेंगे वही सार्वजिनक क्षेत्र पर भी सम्मान के अधिकारी बनेंगे। घर एवं बाहर अनुकूल वातावरण मिलने से मनचाहा कार्य करने में सुविधा रहेगी। धार्मिक गतिविधयों में जाने से मानसिक शांति मिलेगी। विदेश से आनंद दायक समाचार अथवा विदेश जाने में आ रही बाधा शांत होने से राहत मिलेगी। घर में सुख के साधनो की खरीददारी पर खर्च करेंगे। आर्थिक रूप से भी आज का दिन शुभ रहेगा कार्य व्यवसाय में मध्यान तक कोटा पूरा कर लेंगे। संध्या का समय परिवार के साथ बितायेंगे।
वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
लाभ की स्थिति आज भी यथावत बनी रहेगी लेकिन आज आप कार्यो के प्रति ज्यादा गंभीर नही रहेंगे व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा रहने पर भी धन की आमद आवश्यकता अनुसार हो जाएगी। आज व्यवसाय में जोखिम लेने से ना डरे धन प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ेंगी। परन्तु नौकरी पेशा जातक अधिकारी वर्ग से सतर्क रहें। धर्म-कर्म पर खर्च होगा। व्यावसायिक यात्रा से भी धन लाभ होने की सम्भवना है यात्रा में सतर्क भी रहें। पैतृक संपत्ति सम्बंधित कार्य आज भी अधूरे रहने से हताश होंगे। सरकारी कार्य में समय एवं धन व्यर्थ होगा। परिजनों की भावना समझने का प्रयास करें।
मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन भी आपके लिये संघर्ष पूर्ण रहेगा। प्रातः काल से ही दिनचार्य अस्त-व्यस्त बनेगी जिसके संध्या तक ऐसे ही बने रहने से आर्थिक एवं पारिवारिक समस्या यथावत रहेगा। प्रातः काल से ही आँख में जलन अथवा अंगों में दर्द रहने से निष्क्रियता रहेगी। कार्यो में उत्साहहीनता रहने के कारण पूर्व निर्धारित योजनाएं टालनी पड़ सकती है। व्यवसायिक स्थल पर प्रतिस्पर्धा के कारण टकराव की स्थिति बनेगी। आज के दिन शालीनता के साथ व्यवहार करना फायदेमंद रहेगा। अधिक क्रोध एवं ईर्ष्या की प्रवृति धन के साथ आपसी व्यवहार बिगाड़ेगी।
कर्क(ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज के दिन आपको अवश्य कुछ ना कुछ लाभ देकर ही जायेगा। दिन के आरंभ से मध्यान बाद तक कार्यो को गंभीर होकर करेंगे इसके बाद का समय मौज-मस्ती में बीतेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से आज का दिन पिछले कुछ दिनों से बेहतर रहेगा। कार्य क्षेत्र से अतिरिक्त आय होगी। रुके हुए कार्य पूर्ण होने से भी धन के स्त्रोत्र बढ़ेंगे। सामाजिक गतिविधियों में पूरा समय नही दे सकेंगे। आवश्यक कार्य दिन रहते पूर्ण करलें इसके बाद जारी हानि के योग बन रहे है। पर्यटन पार्टी की योजना बनाई जाएगी। उत्तम भोजन के साथ गृहस्थ का सुख मिलेगा। परिजनों के ऊपर भी खर्च करना पड़ेगा।
सिंह (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज का दिन आपके लिये सभी कार्यो में सुअवसर दिलाएगा इसका लाभ उठाएं किसी परिजन के कारण मानसिक अशांति बनेगी फिर भी कार्य क्षेत्र पर घर की समस्याओं को ना लाये संध्या बाद स्थिति बदलने से कार्यो में बाधा आने लगेगी। आज के दिन आकस्मिक घटनाएं अधिक घटित होंगी चाहे वो आर्थिक या पारिवारिक हों। नौकरी पेशा जातको को भी मेहनत का फल मिलेगा सम्मान में वृद्धि के साथ आय के नवीन मार्ग खुलेंगे। बेरोजगारों को थोड़ा प्रयास करने पर रोजगार उपलब्ध हो सकता है। खर्च भी अचानक होने से थोड़ी असहजता रहेगी। सरकार से सहयोग मिल सकता है।
कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज का दिन मानसिक रूप से शांति वाला रहेगा। धर्म-कर्म के प्रति आस्था बढ़ेगी धार्मिक अनुष्ठानों में सम्मिलित होने के अवसर मिलेंगे। कार्य व्यवसाय में भी आज गति आएगी। आर्थिक कामनाये अधूरी रहने पर भी खुश रहने का सफल प्रयास करेंगे। परिजनों से भावनात्मक सम्बन्ध रहने से मन को शान्ति मिलेगी। परन्तु आज प्रेम प्रसंगों से दूरी बनाना ही बेहतर रहेगा अन्यथा धन और पारिवारिक मान हानि हो सकती है। किसी मांगलिक आयोजन में जाने के कारण अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा फिर भी आनंददायक वातावरण मिलने से खर्च व्यर्थ नहीं लगेगा। स्त्री पक्ष से विशेष निकटता रहेगी।
तुला (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आज के दिन भी आप सभी कार्यो को मन के अनुसार कर सकेंगे। धन संबंधित परेशानी आज नही रहेगी। दिन आपकी मनोकामनाओ की पूर्ति कराने वाला रहेगा। दिन भर मानसिक एवं शारीरिक रूप से दोपहर तक का समय अकस्मात कष्ट डे सकता है। सांय तक झगड़ो को टालने के लिए छोटी-मोटी बातों को अनदेखा करें। कार्य क्षेत्र पर परिश्रम के अनुसार लाभ मिलेने से संतोष रहेगा। नए कार्यो में निवेश कर सकते है। पैतृक संपत्ति के मामलो में उलझने रहेंगी परन्तु पारिवारिक सदस्यों में आपसी सामंजस्य बना रहेगा। किसी से बहस ना करें।
वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आज आप जिस भी कार्य को करने का मन बनाएंगे उसकी सफलता के प्रति आशंकित रहंगे लेकिन आज आत्मविश्वास बड़ा रहने से थोड़े से परिश्रम से सफलता पा लेंगे। आज आप आत्मनिर्भर होकर कार्य करना ज्यादा पसंद करेंगे किसी का दखल देना अखरेगा। बहुप्रतीक्षित अतिमहत्त्वपूर्ण कार्य पूरा होगा। धन लाभ रुक-रुक कर होता रहेगा। घर में सुख के साधनों की खरीददारी की योजना बनेगी। नए सम्बन्ध बनने से अतिरिक्त आय के मार्ग भी खुलेंगे। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति से आज पीछे नहीं हटेंगे।
धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन अधिक परिश्रम वाला रहेगा इसके अनुपात में उचित लाभ भी होने से संतोष में रहेंगे परन्तु धन लाभ के लिये प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। कार्यो को लेकर पहले थोड़ा आशंकित रहेंगे परन्तु एक बार सफलता मिलने पर यही क्रम दिन भर बना रहेगा। आर्थिक दृष्टिकोण से दिन बेहद खास रहेगा परन्तु उधार के व्यहार आज ना ही करें तो बेहतर रहेगा। नौकरी पेशा जातक आज भी व्यस्तता के चलते घर में आलोचना का शिकार बनेंगे। सामाजिक स्तर पर आपकी छवि निखरेगी। स्वास्थ्य थोड़ा नरम गरम रहेगा।
मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज भी आपकी बौद्धिक क्षमता अन्य लोगो पर प्रभाव डालने वाली रहेगी लेकिन आज आर्थिक अथवा पारिवारिक कारणों से किसी की सहायता ना चाहकर भी लेनी ही पड़ेगी। व्यवसाय से आशा अधिक रहेगी परन्तु निष्कर्ष उम्मीद के अनुसार नही होगा। आप कार्यो की भरमार रहने के कारण भ्रमित हो सकते है। परिश्रम का उचित फल नहीं मिलेगा दोपहर तक कार्यो में व्यवधान आने से निराश रहेंगे परन्तु संध्या के समय किसी परिचित के सहयोग से लाभ होने से खर्च निकल जाएंगे। सरकारी कार्य टालें। परिवार के प्रति अधिक भावनात्मक बनेंगे। आध्यात्म में रूचि होने पर भी समय नहीं दे पाएंगे। व्यसनों से दूर रहें।
कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आपको आज का दिन भी धैर्य से बिताने की सलाह है। घर एवं बाहर ना चाहकर भी कलह के प्रसंग बनेंगे। स्वभाव में आज चतुराई अधिक रहेगी हर किसी को स्वार्थ सिद्धि की भावना से देखने के कारण व्यवहारिकता में कमी आएगी।
दिनचर्या अस्तव्यस्त रहने से मनोकामना अधूरी रह सकती है। कार्य क्षेत्र पर किसी से ना उलझे पद एवं प्रतिष्ठा की हानि हो सकती है। सांसारिक गतिविधियों में व्यस्त रहने के कारण स्वयं की अनदेखी करनी पड़ेगी परन्तु इसके बदले धन लाभ होने से संतोष रहेगा। धर्म-कर्म में अधिक रुचि रहेगी धार्मिक कार्यक्रमो में उपस्थिति देंगे। घर के बुजुर्गो से नए अनुभव मिलेंगे। पत्नी संतान का सुख मिलेगा।
मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन भी स्थिति आपके पक्ष में ही रहेगी लेकिन आज आपका सनकी मिजाज लाभ में विलंब करेगा। परिजनों की सही बात को गलत सिद्ध करने पर झगड़ा हो सकता है कुछ देर में ही शांति स्थापित हो जाएगी। सामाजिक क्षेत्र पर पूर्व में किये गए कार्यो से सम्मान मिलेगा। समाज के सम्मानित व्यक्तियों के साथ उठना-बैठना होगा। पौराणीक धार्मिक क्षेत्रो के दर्शन की लालसा रहेगी शीघ्र ही इसके फलीभूत होने की सम्भवना है। दानपुण्य पर खर्च करेंगे। संध्या के समय मानसिक शान्ति के लिए मित्र-परिजनों के साथ बाहर घूमने की योजना बनाएंगे। परिवार में शांति रहेगी।