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पशु समाज के लिए मूल्यवान हैं और पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित करते हैं: परषोत्तम रूपाला

भारत सरकार ने आज नई दिल्ली में मनाया विश्व पशु दिवस 2023

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
04/10/2023
in देश
Reading Time: 1 min read
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पशु समाज के लिए मूल्यवान हैं और पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित करते हैं:  परषोत्तम रूपाला
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हमें जानवरों के साथ परंपरा को जोड़ने और पारंपरिक प्रथाओं को सामने लाने के लिए काम करना होगा जिससे पता चलता है कि हमारी परंपरा और संस्कृति जानवरों के प्रति किस प्रकार सम्मान दिखाती है: श्री रूपाला

नई दिल्ली : केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन व डेयरी मंत्री, परशोत्तम रूपाला ने पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, भारत सरकार के द्वारा विश्व पशु दिवस 2023 आज नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस व‍िज्ञप्‍त‍ि के अनुसार केंद्रीय राज्य मंत्री, मत्स्यपालन, पशुपालन व डेयरी मंत्री, डॉ़ संजीव बालियान भी कार्यक्रम में उपस्थित हुए। साथ ही, कार्यक्रम में संयुक्त सचिव,  डॉ ओ पी चौधरी, मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी विभाग में आयुक्त्त, डॉ अभिजीत मित्रा और भारतीय पशु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष, डॉ ओ पी चौधरी भी कार्यक्रम में शामिल थे।  रूपाला ने कार्यक्रम में पशुओं के लिए काम करने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं को भी सम्मानित किया।

परशोत्तम रूपाला ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी संस्कृति में पशुओं से जुड़ी कई परंपरायें हैं जिन्हें सूचीबद्व और लिपिबद्व कर भारतीय जन्तु कल्याण बोर्ड को प्रकाशित करना चाहिए ताकि दुनिया को इन परंपराओं का पता चले।  उन्होंने कहा कि अब सारे लोग वही मानेंगे जो हम कहेंगे। हम जो कहेंगे उसी पर सोचने के लिए अब सारे लोग मजबूर होंगे। अब वन हेल्थ वाले क्यों आयेध्  कोरोना के बाद दुनिया को समझ में आया कि पशुओं के स्वास्थ्य के बारे में सोचेंगे तो उनका स्वास्थ्य भी ठीक रहेगा।  इसलिए अब हमारे ही स्वास्थ्य के बारे में नहीं सोचना है सभी प्राणियों के स्वास्थ्य के बारे में सोचना पड़ेगा और सारे पर्यावरण का ख्याल रखेंगे तो ही हम बचेंगे। पशु समाज के लिए मूल्यवान हैं और पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित करते हैं।

रूपाला ने कहा कि हमारे देश में पशुओं से जुड़ी कई परंपरायें हैं। ये हमारे राष्ट्र व संस्कृति की देन हैं। हमें विश्व को यह बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें जानवरों के साथ परंपरा को जोड़ने और पारंपरिक प्रथाओं को सामने लाने के लिए काम करना होगा जिससे पता चले कि हमारी परंपरा और संस्कृति जानवरों के प्रति किस प्रकार सम्मान दिखाती है। मैं मानता हूँ कि विश्व पशु दिवस के इस कार्यक्रम के साथ हम अपने देश की ऐसी अच्छी परंपराओं को भी जोड़ें और यह सोचें कि उनको कैसे उजागर किया जा सकता है? इनके साथ हम क्या कर सकते हैं इसको आगे बढ़ाने के लिए हम क्या कर सकते हैं। इन सारी बातों पर हमें काम करना चाहिए। श्री रूपाला ने कहा कि कि जिनको आज अवार्ड मिला है। मुझे लगता है कि उनके काम को और बेहत्तर तरीके से बताने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया में दया से बढ़कर कोई चीज़ नहीं है।

 

डॉ़ संजीव बालियान ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ संस्थायें पशुओं के लिए बहुत अच्छा काम कर रही हैं लेकिन साढ़े नौ साल से मैं देख रहा हूं कि धरातल पर कुछ ज़्यादा काम नहीं हो रहा है। शायद गांव तक हम इन कामों को नहीं ले जा पा रहे हैं। अवारा पशुओं की समस्या पर उन्होंने कहा कि ऐसे संतुलन की आवश्कता है जिससे यह सुधार हो। उन्होंने कहा कि पूरे समाज की यह जिम्म्दारी है और जनता के सहयरोग के बिना सरकार कुछ नहीं कर सकती है। डॉ़ संजीव बालियान ने कहा कि मेरे संसदीय क्षेत्र मुजफ्फरनगर में एक महीने में गौ सेंचुरी बनकर तैयार हो जायेगी। जनता के सहयोग से ही मैं इसे चलाऊंगा। उन्होंने कहा कि भारत में गौशाला में दान देने की परंपरा रही है जब तक शहरी भारत को पशुओं से नहीं जोड़ेंगे तब तक शायद इसे पूरा नहीं कर पायेंगे।

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