नई दिल्ली : भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल धौलपुर का दौरा किया और वहां छात्रों व शिक्षकों से मुलाकात की। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनका जन्म झुंझुनूं जिले के किठाना गांव में हुआ लेकिन असली जन्म सैनिक स्कूल में हुआ। मेरे स्कूल ने मेरे जीवन को दिशा दी। मैं आज जो कुछ हूं सैनिक स्कूल की शिक्षा की बदौलत हूं। श्री धनखड ने छात्रों को सलाह दी कि वे अच्छे दोस्त बनाएं और जीवन भर उनसे संपर्क में रहें। उन्होने इस बात पर भी खुशी जाहिर की कि सैनिक स्कूलों की तरह राष्ट्रीय मिलिटरी स्कूल में भी अब लड़कियों को प्रवेश दिया जा रहा है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं हमेशा क्लास में टॉपर रहा। पढ़ाई पर बहुत ध्यान दिया। लेकिन अब महसूस करता हूं की मुझे अन्य को-करिकुलर गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए था। पढ़ाई स्कूली शिक्षा का केवल एक भाग है। सांस्कृतिक, खेलकूद व अन्य गतिविधियां भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं।
Hon’ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar interacted with cadets and staff of Rashtriya Military School, Dholpur in Rajasthan today. #RMSDholpur @DrPremBairwa pic.twitter.com/WtR4zutXUS
— Vice President of India (@VPIndia) January 16, 2024
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि बहुत जरूरी है कि आप देश का हर हिस्सा। देखें। उत्तर पूर्व का भारत अत्यंत सुंदर है, वहां जैसी प्राकृतिक सुंदरता और जैव विविधता संसार में मिलना कठिन है।
श्री धनखड़ ने कहा कि हमें अपने वर्दीधारी सैनिकों पर गर्व है।
उन्होने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज हम जिस हाल में एकत्रित हुए हैं उसका नामकरण भारत माता के महान सपूत स्वामी विवेकानंद के नाम पर है जिनका शिकागो में ओजपूर्ण भाषण सभी को याद है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के शब्द “उठो, जागो, और लक्ष्य प्राप्ति तक मत रुको” आपके लिए आदर्श वाक्य हैं और आपको इस दिशा में निरंतर प्रयास करना चाहिए।
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