नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज राष्ट्रीय मीडिया केंद्र, नई दिल्ली में जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आवेदकों और विभिन्न फेलोशिप योजनाओं के बीच एक एकल इंटरफेस ‘कॉमन फेलोशिप पोर्टल’ (Common Fellowship Portal) लॉन्च किया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB)
पोर्टल लॉन्च करने के बाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वैज्ञानिकों के लिए “विज्ञान कार्य करने में सुगमता (ईज ऑफ डूइंग साइंस)” की परिकल्पना की है”। उन्होंने कहा कि यह पोर्टल इच्छुक छात्रों और स्टार्टअप्स की ऊर्जा एवं समय की बचत करने के साथ ही आवेदन करने में आसानी लाएगा, जिससे आवेदन पत्र जमा करने से लेकर चयन तक की प्रक्रिया सरल और सुव्यवस्थित हो जाएगी। आवेदक पोर्टल पर अपनी प्रोफ़ाइल बना सकते हैं और विभिन्न अनुप्रयोगों को स्वत: भरने के लिए एक ही जानकारी का उपयोग कर सकते हैं। इस प्रकार, यह पोर्टल एक माउस के क्लिक पर एक ही स्थान पर पूरी जानकारी प्राप्त करने और आवेदन जमा करने से उनके समय और ऊर्जा को कम करके सभी आवेदकों की सहायता करेगाI
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की पहल पीएम मोदी के संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण- सभी अनुसंधान अनुप्रयोगों के लिए एक ही केंद्रीकृत पोर्टल, के अनुरूप है। डॉ. सिंह ने आगे बताया कि वर्तमान में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत विज्ञानं और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी), जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद (सीएसआईआर) विभाग आवेदन पत्र जमा करने के लिए एक साथ आए हैं और शीघ्र ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (आईसीएमआर), विश्व विद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और अखिल भारतीय प्रौद्योगिक शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) जैसे अन्य सभी विभागों के लिए भी आवेदन पत्र इसमें जमा करने के लिए शामिल किए जाएंगे।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “पात्रता (इलिजिबिलिटी) कैलकुलेटर- इस पोर्टल की एक अनूठी विशेषता सिद्ध होगी।” यह अनुसंधान आकांक्षाओं के लिए एक ऐसा वास्तविक प्रवेश द्वार बनेगी जो आवेदकों को विशिष्ट विवरण प्रदान करके विभिन्न फेलोशिप योजनाओं के लिए उनकी पात्रता की जांच करने की अनुमति देने के साथ ही डेटा भंडार के रूप में भी कार्य करता है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने भारत के दूरदराज के हिस्सों से भी छात्रों और विद्वानों को समान अवसर प्रदान करने तथा समान वातावरण देने पर बल दिया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले दिनों में हम शिक्षा एवं उद्योग के बीच एक पुल बनाने और हमारे देश से प्रतिभा पलायन को रोकने के लिए उद्योग से जुड़ाव (इंडस्ट्री लिंकेज) के लिए भी प्रयास करेंगे।
समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र ने देश के पीएचडी और पोस्ट-डॉक्टरल छात्रों के लाभ के उद्देश्य से कॉमन फेलोशिप पोर्टल विकसित करने के लिए डॉ. राजेश गोखले के मार्गदर्शन में ‘जैव प्रौद्योगिकी विभाग’ की टीम को बधाई दी। डॉ. सिंह ने उनका मार्गदर्शन करते हुए कहा कि हमने प्रौद्योगिकी में एक मानक स्थापित किया है और अन्य विभागों के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं के आवेदन प्रपत्रों को सफलतापूर्वक डिजाइन करने और उन्हें क्रियान्वित करने में उनकी कड़ी मेहनत के लिए डीबीटी, सीएसआईआर और इंस्पायर (आईएनएसपीआईआरई), किरण (केआईआरएएन) प्रभागों के मानव संसाधन विकास प्रभागों से बने कार्य समूह को भी बधाई दी । उन्होंने स्वीकार किया कि विभिन्न विभागों से जानकारी का समन्वयन, एकत्रीकरण और मानचित्रण करना और इस तरह का एक सामान्य पोर्टल विकसित करना कोई सरल कार्य नहीं है।
इस पोर्टल लॉन्च समारोह में जैव-प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो.अभय करंदीकर, वरिष्ठ सलाहकार डॉ. संजय मिश्रा, प्रेस सूचना ब्यूरो की महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पल्लीवाल गौड़ और इंस्पायर की प्रमुख सुश्री नमिता गुप्ता भी उपस्थित थीं।