नई दिल्ली : डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम (डीवाईसीई) डिजाइन/डिफ़ॉल्ट रूप से गोपनीयता के मूलभूत सिद्धांतों पर बनाया गया है और इसमें यात्री की व्यक्तिगत रूप से पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) डेटा का कोई केंद्रीय भंडारण नहीं है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आंकड़ों की गोपनीयता और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए डिजी यात्रा प्रक्रियाओं को सीईआरटी-इन पैनलबद्ध एजेंसियों द्वारा ऑडिट और प्रमाणन के अधीन किया जाता है। डिजी यात्रा सेंट्रल इकोसिस्टम का प्रबंधन डिजी यात्रा फाउंडेशन द्वारा किया जाता है, जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत बनाई गई एक गैर-लाभकारी कंपनी है और इसलिए यह सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के दायरे में नहीं आती है।
डिजी यात्रा दिशानिर्देश डीजीसीए (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) द्वारा वैमानिकी सूचना परिपत्र (एआईसी) संख्या 09/2022 दिनांक 18.04.2022 के माध्यम से जारी किए गए हैं। ये डिजी यात्रा दिशानिर्देश विकेन्द्रीकृत मोबाइल वॉलेट-आधारित पहचान प्रबंधन मंच प्रदान करते हैं। यात्री की निजी जानकारी यात्री के मोबाइल-वॉलेट में संग्रहित होती है। इसे कूटबद्ध प्रारूप में प्रस्थान हवाई अड्डे के साथ साझा किया जाता है और उड़ान के प्रस्थान के 24 घंटे के बाद डेटा को सिस्टम से हटा दिया जाता है। यह डिजी यात्रा के कार्यान्वयन में डेटा सुरक्षा मुद्दों का समाधान करता है। इसके अलावा, डेटा गोपनीयता और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए डिजी यात्रा प्रक्रियाओं को सीईआरटी-इन पैनलबद्ध एजेंसियों द्वारा ऑडिट और प्रमाणन के अधीन किया जाता है। यह जानकारी नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल (डॉ.) वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।