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बुलंद हौसले की कहानी है केआईपीजी 2023 के 200 मीटर चैंपियन तमिलनाडु के राजेश के. का जीवन

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
12/12/2023
in खेल, देश
Reading Time: 1 min read
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बुलंद हौसले की कहानी है केआईपीजी 2023 के 200 मीटर चैंपियन तमिलनाडु के राजेश के. का जीवन
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नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में सोमवार को जब टी64 कटेगरी का 200 मीटर फाइनल शुरू हुआ तब यहां से हजारों किलोमीटर दूर तमिलनाडु के तांबरम स्थित आनेवेलंगनी कॉलेज में एक बड़ी स्क्रीन पर इसका लाइव प्रसारण हो रहा था क्योंकि इस कालेज का एक ब्लेड रनर राजेश के. पहले खेलो इंडिया पैरा गेम्स को अपनी मौजूदगी से रौशन कर रहा था  कालेज प्रशासन चाहता था कि हर बच्चा राजेश को परफॉर्म करते हुए देखे क्योंकि उसकी कहानी बुलंद हौसले की कहानी है।

राजेश ने जेएलएन स्टेडियम के ट्रैक को अपने परफॉर्मेंस से रौशन करते हुए 200 मीटर में स्वर्ण पदक जीता राजेश ने इसके बाद मंगलवार को लंबी कूद में भी हिस्सा लिया लेकिन वहां वह निराशाजनक तौर पर पांचवें स्थान पर रहे लेकिन महज 6 महीने की उम्र में अपना पैर गंवाने वाले राजेश की निजी जिंदगी में निराशा या हताशा जैसे शब्दों का कोई स्थान नहीं है।

गांधीनगर (गुजरात) के साई सेंटर में नितिन चौधरी की देखरेख में अभ्यास करने वाले राजेश का व्यक्तिगत जीवन ऐसी घटनाओं से भरपूर है, जिन्हें सुनकर किसी के भी मुंह से आह निकल जाए लेकिन उन्होने खुद को कभी दया का पात्र नहीं माना।राजेश ने कहा कि वह इतिहास में अपना नाम दर्ज कराना चाहते हैं।

राजेश ने कहा, – मैं भारत के महान पैराएथलीट मरियप्पन थांगावेलू की तरह नाम कमाना चाहता हूं। मैं टी64 लंबी कूद कटेगरी में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले जर्मनी के पैरा लंबी कूद एथलीट मार्कस रेहम की तरह बनना चाहता हूं। दिव्यांगता कभी मेरी राह में रोड़ा नहीं बनी।मैंने इसे कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और हमेशा एक नार्मल इंसान की तरह सोचा। मैंने कभी अपने आप को दया का पात्र नहीं बनाया।-

यह पूछे जाने पर क्या आप जन्म से ही दिव्यांग हैं, इस पर राजेश ने कहा,- नहीं, मैं जन्म से दिव्यांग नहीं हूं। मेरा जन्म एक नॉर्मल बच्चे की तरह हुआ था लेकिन पैरों में एक इंफेक्शन होने कारण मुझे इंजेक्शन लगाना पड़ा। इंजेक्शन लगाने के दौरान ही उसकी सुई पैरों में ही टूट गई और इससे जहर फैल गया। फिर डाक्टरों ने मेरे माता-पिता की सलाह के बाद मेरी जान बचाने के लिए मैरा पैर काट दिया।राजेश ने बताया कि 10 महीने की उम्र में उन्हें पहला नकली पैर मिला, जिसके सहारे उन्होंने अपना आगे का जीवन गुजरना शुरू किया लेकिन जब वह कक्षा सातवीं में थे, तब उनके माता-पिता ने उनका साथ छोड़ दिया।

बकौल राजेश, – पैर ने 6 महीने में साथ छोड़ा, फिर नकली पैर मिला। जिंदगी सामान्य सी लगने लगी थी लेकिन फिर माता-पिता आपसी सहमति से अलग हो गए। हमें किसी का साथ नहीं मिला मैं और मेरा जुड़वा भाई मजबूरन अपने दादा और दादी के साथ रहने को मजबूर हुए। मेरे दादा ने ऑटो चलाकर हमारा पालन-पोषण किया।–

नकली पैर होने के बाद भी रनिंग में कैसे आए, इस पर 24 साल के राजेश ने कहा,- बीते पांच या छह साल से मैं ब्लेड रनिंग कर रहा हूं।  मैंने अपना सफर 2018 में शुरू किया था लेकिन साल 2016 में रियो पैरालंपिक में मरियप्पन थांगावेलू को टेलीविजन पर टी42 कटेगरी का हाई जम्प गोल्ड मेडल लेते हुए देखते हुए मैं प्रेरित हुआ था और तब से मैंने सोच लिया था कि मुझे भी ओलंपियन बनना है।-

राजेश ने आगे कहा, -एक दिन मेरे एक दोस्त ने फोन किया और कहा कि तुम्हारा देश के लिए खेलने का सपना पूरा हो सकता है। तुम तमिलनाडु के पहले व्हीलचेयर खिलाड़ी विजय सादी से मिलो  मैं नेहरू स्टेडियम में उनसे मिला तो उन्होंने मुझे ब्लेड रनिंग करने की सलाह दी। मैंने 2018 में प्रैक्टिस शुरू की और दो बार नेशनल खेला। मार्च 2023 में पुणे में आयोजित 21वें पैरा नेशनल्स में मैंने कांस्य पदक जीता। इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने मुझे नया ब्लेड दिया, जिसकी कीमत 7.50 लाख रुपये है।-

राजेश ने कहा कि नए ब्लेड ने उन्हें नया जीवन दिया और इसी के दम पर वह पहले पैरा गेम्स में 200 मीटर का स्वर्ण जीतने में सफल रहे। राजेश ने कहा, -अब में इस पैर की मदद से लंबी कूद में भी किस्मत आजमाना चाहता हूं पहले पैरा गेम्स में मेरा परफार्मेंस अच्छा नहीं रहा क्योंकि मैंने लेग नया होने के कारण ज्यादा जोर नहीं लगाया लेकिन आगे मेरा प्रयास 7 मीटर के मार्क तक पहुंचना होगा।–

राजेश ने बताया कि उनका लक्ष्य पैरालंपिक और पैरा एशियाई खेलों में हिस्सा लेना है। बकौल राजेश,- मैं पैरालंपिक और पैरा एशियाई खेलों में देश के लिए पदक जीतना चाहता हूं। अभी मैं गोवा में 9 से 15 जनवरी तक होने वाले पैरा नेशनल्स के लिए तैयारी कर रहा हूं। वहां सर्दी कम है, लिहाजा मेरा परफार्मेंस बेहतर होगा।इसके बाद मैं फरवरी 2024 में दुबई में होने वाले ग्रां प्री के लिए तैयारी करना चाहता हूं।–

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Tags: mochan samachaarpibThe story of high courage is that of KIPG 2023 200m champion Rajesh K of Tamil Nadu. life ofबुलंद हौसले की कहानी है केआईपीजी 2023 के 200 मीटर चैंपियन तमिलनाडु के राजेश के. का जीवन
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