नई दिल्ली : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज गुजरात के टंकारा में महर्षि दयानंद सरस्वती की जयंती के अवसर पर 200वें जन्मोत्सव-ज्ञान ज्योति पर्व स्मरणोत्सव समारोह में भाग लिया और समारोह को संबोधित किया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB)
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश की धरती महर्षि दयानंद सरस्वती जैसी अद्भुत विभूतियों के जन्म से धन्य हुई। स्वामी जी ने समाज सुधार का बीड़ा उठाया और सत्य को सिद्ध करने के लिए ‘सत्यार्थ प्रकाश’ नामक अमर ग्रन्थ की रचना की। उनके आदर्शों का लोकमान्य तिलक, लाला हंसराज, स्वामी श्रद्धानंद और लाला लाजपत राय जैसी महान हस्तियों पर गहरा प्रभाव पड़ा। स्वामी जी और उनके असाधारण अनुयायियों ने भारत के लोगों में नई चेतना और आत्मविश्वास का संचार किया।
President Droupadi Murmu graced the 200th Janmotsav – Gyan Jyoti Parv Smaranotsav Samaroh on the occasion of the birth anniversary of Maharshi Dayanand Saraswati at Tankara. The President said that the light spread by Maharshi Dayanand Saraswati ji dispelled the darkness of… pic.twitter.com/i9Jr6xpA2A
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 12, 2024
राष्ट्रपति ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी ने 19वीं सदी के भारतीय समाज में व्याप्त अंधविश्वासों और कुरीतियों को दूर करने का बीड़ा उठाया। उन्होंने समाज को आधुनिकता और सामाजिक न्याय का रास्ता दिखाया। उन्होंने बाल विवाह और बहुविवाह का कड़ा विरोध किया। उन्होंने विधवा पुनर्विवाह को प्रोत्साहित किया। वे नारी शिक्षा एवं नारी स्वाभिमान के प्रबल समर्थक थे। उनके द्वारा फैलाये गये प्रकाश ने रूढ़ियों और अज्ञानता के अंधकार को दूर किया। वह प्रकाश तब से हमारा मार्गदर्शन कर रहा है और भविष्य में भी करता रहेगा।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आर्य समाज ने लड़कियों के लिए बालिका विद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना करके महिला सशक्तिकरण में अमूल्य योगदान दिया है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि स्वामीजी की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में दो वर्ष तक चलने वाले स्मरणोत्सव के दौरान, आर्य समाज ने पारिवारिक और सामाजिक सद्भाव, प्राकृतिक कृषि व नशामुक्ति से जुड़े विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए हैं जो एक स्वस्थ समाज के निर्माण में सहायक होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि अगले वर्ष आर्य समाज अपनी स्थापना के 150 वर्ष पूरे करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आर्य समाज से जुड़े सभी लोग एक बेहतर विश्व बनाने के स्वामीजी के दृष्टिकोण को क्रियान्वित करने की दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे।