नयी दिल्ली : पटना में बिहार विधान विस्तार भवन के सेंट्रल हॉल में आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (85th All India Presiding Officers Conference) में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (lok sabha speaker om birla) ने जनप्रतिनिधियों के सदनों की गरिमा और सम्मान बढ़ाने के लिए काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि वे लोगों के प्रति अधिक जवाबदेह बन सकें।
व्यवधान और स्थगन की बढ़ती प्रथा चिंता का विषय
कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने संसदीय निकायों के सामने आने वाली चुनौतियों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि विधानमंडलों की बैठकों की घटती संख्या भी चिंता का विषय है, साथ ही व्यवधान और स्थगन की बढ़ती प्रथा भी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, “यह 1954 में एक चुनौती थी और यह आज भी चिंता का विषय है।”
2025 तक सब कुछ एक मंच पर उपलब्ध होगा
बिरला ने कहा कि संविधान ने सहकारी संघवाद की अवधारणा को अपनाया है। उन्होंने कहा, “देश के अधिकांश विधानमंडल कागज रहित और डिजिटल हो गए हैं, ताकि सभी बहसों की एक मंच पर पहुंच सुनिश्चित हो सके। 2025 तक सब कुछ एक मंच पर उपलब्ध होगा। अब समय आ गया है कि पंचायत राज संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों और सहकारी समितियों जैसे अन्य लोकतांत्रिक निकायों को भी इसमें शामिल किया जाए और राज्य ऐसा कर सकते हैं।”
अपने दलों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए
उन्होंने कहा कि विधानमंडलों को सार्थक और परिणामोन्मुखी चर्चाओं का स्थान होना चाहिए और इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आकर अपने-अपने दलों के लिए आचार संहिता बनानी चाहिए ताकि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद लोगों की व्यापक भलाई के लिए अच्छी मिसाल कायम की जा सके।
राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान गरिमा बनाए रखी जानी चाहिए
उन्होंने कहा, “सदनों की गरिमा उसके सदस्यों की गरिमा पर निर्भर करती है और इससे लोकतंत्र को मजबूती मिलती है। सदस्यों के लिए क्षमता निर्माण होना चाहिए। सार्थक चर्चाओं के लिए अधिक जगह बनाने के लिए व्यवधानों और स्थगनों की संख्या कम की जानी चाहिए और पीठासीन अधिकारियों को सभी राजनीतिक दलों के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान गरिमा बनाए रखी जानी चाहिए।”
बता दें कि सम्मेलन में सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषदों के अध्यक्ष और सचिव भाग ले रहे हैं और सम्मेलन का समापन मंगलवार को होगा।
पटना, बिहार में आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (AIPOC) का शुभारंभ करते हुए देश के विभिन्न प्रदेशों की विधायिकाओं के पीठासीन अधिकारियों को संबोधित किया।
हमारी जिम्मेदारी है कि सदनों को संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप चलाएं। सदन की बैठकों की कमी और व्यवधान चिंता का… pic.twitter.com/G8SqtIYn5C
— Om Birla (@ombirlakota) January 20, 2025