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भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान का 20वां दीक्षांत समारोह संस्थान के सभागार करनाल, हरियाणा में आज आयोजित किया गया

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
15/03/2024
in देश
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भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान का 20वां दीक्षांत समारोह संस्थान के  सभागार करनाल, हरियाणा में आज आयोजित किया गया
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नई दिल्ली : भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान का 20वां दीक्षांत समारोह संस्थान के सभागार करनाल, हरियाणा में आज आयोजित किया गया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस व‍िज्ञप्‍त‍ि के अनुसार (According to the press release issued by PIB) इस अवसर पर पदम भूषण डा. आर.एस. परोदा, पूर्व सचिव (डेयर) तथा महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं टास के अध्यक्ष ने दीक्षांत भाषण दिया। 20वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुल 278 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान की गई जिनमें से 49 विद्यार्थियों को बी.टेक की डिग्री, 127 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की डिग्री तथा 102 शोधकर्ताओं को पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई।

दीक्षांत समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में संस्थान के निदेशक एवं कुलपति, मानद् विश्वविद्यालय, डा. धीर सिंह ने बताया कि भाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, करनाल उत्तम नस्ल के गोवंश एवं भैंसों को तैयार करने की दिशा में उन्नत कटिंग ऐज प्रौद्योगिकियों के माध्यम से कार्य कर रहा है। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए उन्हें नौकरी के बजाय उद्यमी बनने की सलाह दी। डॉ सिंह ने कहा कि संस्थान मानव संसाधन विकास के क्षेत्र में महत्व पूर्ण भूमिका निभाते हुए बी.टेक (डेरी प्रौद्योगिकी) की डिग्री के साथ-साथ 14 विषयों में स्नातकोत्तर तथा 14 ही विषयों में पीएचडी की डिग्रियाँ विद्यार्थियों को प्रदान करता है। डा. सिंह ने अपने संबोधन ने आगे कहा कि संस्थान ने अब तक 85 पेटेंट फाइल किए गए हैं जिसमें से उसे 49 प्रदान किए जा चुके हैं। संस्थान रोगों के नियंत्रण के माध्यम से प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रहा है।

डा. धीर सिंह ने यह भी बताया कि विगत वर्ष 100 से अधिक विद्यार्थियों को अन्तर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण प्रदान किया गया। अभी हाल में ही विस्तार के क्षेत्र में कार्य करते हुए संस्थान ने कल्याणी, पश्चिम बंगाल और झारखंड जैसे इलाकों में डेरी मेला का आयोजन किया जिसमें हजारों की संख्या में पशुपालक एवं पशुप्रेमी सम्मिलित हुए।

अपने दीक्षांत संबोधन में बोलते हुए डा. आर.एस.परोदा ने कहा कि राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान डेरी क्षेत्र में उत्कृष्ट  सेवाएं प्रदान कर रहा है।  संस्थान की तारीफ करते हुए उन्होंने बताया कि इस संस्थान ने अथक प्रयास के पश्चात् ही सभी राज्य कृषि विश्व विद्यालयों से अनेक वर्षों तक प्रथम स्थान प्राप्त किया। कृषि एवं डेरी क्षेत्र के लिए पोषण सुरक्षा को महत्वपूर्ण चुनौती बताते हुए उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में तो हम काफी आगे आ गए हैं किन्तु् अभी भी पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है।

 

भारत के सतरंगी क्रांति पर चर्चा के अनुक्रम में किए गए कार्य का ही परिणाम है कि आज भारत वैश्विक औसत दुग्ध उपलब्धता से काफी आगे निकल आया है और आज यहां प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्ध्ता 400 ग्राम से अधिक है। खाद्य सुरक्षा और पोषण सुरक्षा का परिणाम है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से आज तक औसत जीवन आयु दोगुनी से अधिक हो गयी है। अपने उद्बोधन में उन्होंने पर्यावरण में हो रहे परिवर्तनों की और भी सभी का ध्यान खींचते हुए कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय समझौतों को ध्यान में रखते हुए हमें इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर डा. के.एम.बुजरबरुआ पूर्व कुलपति, असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहट तथा डा. डी.वी.के प्रकाशराव, प्रबंध निदेशक, प्रकाश फूडस एडं फीड प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई को संस्थान द्वारा मानद् उपाधि प्रदान की गई।

डॉक्टेरयल कार्यक्रम 2022-23 के अंतर्गत सुश्री प्रिंयका, डेरी अभियांत्रिकी को स्वर्ण पदक, सुश्री मधु लथा. सी, कृषि विस्तार शिक्षा को रजत पदक तथा सुश्री एलिजाबेथ थॉमस, डेरी प्रौद्योगिकी को कांस्य पदक प्रदान किया गया। वर्ष 2022-23 के मास्टर्स कार्यक्रम के अंतर्गत सुश्री अर्पणा राज, पशु पूर्णात्पादन, पशु चिकित्सा को स्वर्ण पदक, श्री अखिल के, पशुपोषण को रजत पदक तथा श्री अमृतांशु उपाध्याय, पशु आनुवांशिकी एवं प्रजनन को कांस्य पदक प्रदान किया गया। वर्ष 2022-23 के अंतर्गत बी.टेक (डेरी प्रौद्योगिकी) के छात्रों में से प्रीति रानी को स्वर्ण पदक, चेतन सोनी को रजत पदक तथा नर्सिंग को कांस्य पदक प्रदान किया गया। वर्ष 2022-23 डाक्टरल प्रोग्राम के तहत 14 विद्यार्थियों को अवार्ड ऑफ मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किया गया जबकि 2022-23 के दौरान मास्टर्स कार्यक्रम के अंतर्गत 15 विद्यार्थियों को अवार्ड ऑफ मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इसी वर्ष के लिए बी.टेक (डेरी प्रौद्योगिकी) के अंतर्गत 10 विद्यार्थियों को अवार्ड ऑफ मेरिट सर्टिफिकेट प्रदान किया गया।

सर्वश्रेष्ठ थीसिस अनुसंधान अवार्ड के अंतर्गत डाक्टरल कार्यक्रम में डा. गायत्री एस.लाल, पशुधन उत्पादन एवं प्रबंधन को सर्वश्रेष्ठ थीसिस अनुसंधान पुरस्कार प्रदान किया गया जबकि प्रसंस्करण समूह में श्री बसव प्रभु एच.एन को तथा श्री मंजूनाथ के वी को सर्वश्रेष्ठ थीसिस अनुसंधान अवार्ड प्रदान किया गया। मास्टर्स प्रोग्राम 2022-23 के अंतर्गत श्री दिब्याश कर को उत्पादन समूह में सर्वश्रेष्ठ थीसिस पुरस्कार, श्री मनन प्रीत सिंह को प्रसंस्करण समूह में जबकि सुश्री शीतल बेरी को समाज विज्ञान और प्रबंधन में सर्वश्रेष्ठ थीसिस अनुसंधान अवार्ड प्रदान किया गया। डेरी प्रौद्योगिकी प्रभाग को वर्ष 2023 का सर्वश्रेष्ठ प्रभाग पुरस्कार प्रदान किया गया |

दीक्षांत समारोह के अवसर पर डा.मनमोहन सिंह चौहान, कुलपति, गोविंदवल्लभ पंत, कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति, पदम श्री डा.एम.एल.मदन, डा. एस.एल.गोस्वामी, पूर्व कुलपति, बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय, प्रबंधन बोर्ड के सम्मानित सदस्य, आईसीएआर के अनेक संस्थानों के निदेशक, संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक), संयुक्त निदेशक(अनुसंधान), संयुक्त निदेशक (प्रशासन) एवं वरिष्ठ कुलसचिव, विशिष्ट अतिथिगण, प्रभागों के अध्यक्ष, संकाय, अधिकारी एवं कर्मचारी, छात्रों और उनके गौरवान्वित माता-पिता भी उपस्थित थे।

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Tags: haryanaKarnalmochan samachaarpibThe 20th Convocation of ICAR-National Dairy Research Institute was held today in the Auditorium of the Instituteभाकृअनुप-राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान का 20वां दीक्षांत समारोह संस्थान के सभागार करनालहरियाणा में आज आयोजित किया गया
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