नई दिल्ली : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि प्रौद्योगिकी सैन्य कार्यों में क्रांति ला रही है। उन्होंने मौजूदा तकनीकों के एकीकरण और भविष्य की उभरती प्रौद्योगिकियों में निवेश की जरूरत को रेखांकित किया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB)सीडीएस ने 11 मई, 2024 को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की एक सभा को संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने मुंबई स्थित भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) में ‘समाज के लिए परमाणु: जल, भोजन और स्वास्थ्य की सुरक्षा’ विषय पर दो दिवसीय कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया।
जनरल अनिल चौहान ने बताया कि इस साल की थीम- ‘समाज के लिए परमाणु: जल, भोजन और स्वास्थ्य की सुरक्षा’ है, जो हमारे समाज के सामने आने वाले सबसे गंभीर मुद्दों के समाधान में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है।
सीडीएस ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में देश की ऐतिहासिक शक्ति पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी प्रौद्योगिकियों को साकार करने की कल्पनाशीलता की भावना को फिर से जीवित करने को भी प्रोत्साहित किया। सीडीएस ने कहा कि यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी में हुई उल्लेखनीय प्रगति पर विचार करने का समय है, जिसने हमारे देश की प्रगति को आकार दिया है। उन्होंने आगे कहा कि यह हमारे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और अन्वेषकों के अथक प्रयासों को पहचानने का अवसर भी है, जो हमारे देश को आगे बढ़ाने के लिए तत्परतापूर्वक काम करते हैं।
जनरल अनिल चौहान ने हमारे राष्ट्र के कल्याण को लेकर विज्ञान और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने की दृढ़ प्रतिबद्धता के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) की सराहना की। उन्होंने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर डीएई और उसके सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। साथ ही, भारत की प्रगति और नवाचार के पथ पर आगे बढ़ने के लिए अपने प्रयासों को जारी रखने की कामना की।
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