नई दिल्ली : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 4 मार्च 2024 को एनटीपीसी परियोजनाओं की एक श्रृंखला राष्ट्र को समर्पित करेंगे और आधारशिला रखेंगे, जो सतत विकास तथा आर्थिक वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का संकेत है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB)
एनटीपीसी के तेलंगाना सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 800 मेगावाट यूनिट #2 (स्टेज-I)
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तेलंगाना के पेद्दापल्ली जिले में स्थित एनटीपीसी के तेलंगाना सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (स्टेज- I) की यूनिट #2 (800 मेगावाट) राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह परियोजना लगभग 8,007 करोड़ रुपये के निवेश के साथ अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल तकनीक का उपयोग करती है, जो कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को काफी कम करते हुए अधिकतम बिजली की उत्पादन दक्षता को सुनिश्चित करती है। यह परियोजना तेलंगाना को 85प्रतिशत बिजली की आपूर्ति करेगी। भारत में एनटीपीसी के सभी ऊर्जा केंद्रों के बीच इसकी बिजली उत्पादन दक्षता लगभग 42प्रतिशत होगी। तेलंगाना में विद्युत आपूर्ति बढ़ाने के अलावा, इस परियोजना के शुरू होने से देशभर में सस्ती व उच्च गुणवत्ता वाली बिजली की 24×7 उपलब्धता के लक्ष्य में भी सहायता मिलेगी। इस परियोजना की आधारशिला भी प्रधानमंत्री द्वारा रखी गई थी। इस परियोजना की पहली इकाई 3 अक्टूबर, 2023 को प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्र को समर्पित की गई थी।
उत्तरी कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की 660 मेगावाट यूनिट #2 (3×660 मेगावाट)
प्रधानमंत्री मोदी झारखंड में स्थित उत्तरी कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (3×660 मेगावाट) की यूनिट-2 (660 मेगावाट) भी राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह परियोजना लगभग 4,609 करोड़ रुपये के निवेश के साथ एयर कूल्ड कंडेनसर तकनीक से सुसज्जित है और यह भारत की पहली सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना के रूप में स्थापित हुई है, जिसके परिणामस्वरूप पारंपरिक वाटर-कूल्ड कंडेनसर (डब्ल्यूसीसी) की तुलना में एक तिहाई जल फुटप्रिंट होता है। एनटीपीसी ने 1 मार्च, 2023 को उत्तरी कर्णपुरा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की यूनिट-1 का वाणिज्यिक संचालन शुरू किया था।
फ्लाई ऐश आधारित हल्के भार वाला ऊर्जा संयंत्र
प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में सीपत सुपर थर्मल पावर स्टेशन में 51 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित फ्लाई ऐश आधारित हल्के भार वाला ऊर्जा संयंत्र को समर्पित करेंगे। यह संयंत्र पेलेटाइजिंग और सिंटरिंग तकनीक का उपयोग करते हुए फ्लाई ऐश को कोयले तथा अन्य मिश्रण के साथ मिलाकर ऊर्जा का उत्पादन करता है, ताकि थोक फ्लाई ऐश उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके और इस प्रकार प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं पर्यावरण की रक्षा की जा सकती है।
एनटीपीसी नेत्रा परिसर में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट तक जल की उपलब्धता
प्रधानमंत्री 10 करोड़ रुपये के निवेश से ग्रेटर नोएडा के एनटीपीसी नेत्रा परिसर में स्थापित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) वॉटर टू ग्रीन हाइड्रोजन संयंत्र को समर्पित करेंगे। एसटीपी जल से उत्पादित ग्रीन हाइड्रोजन से बिजली की खपत कम करने में मदद मिलेगी।
सिंगरौली सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट, चरण-III (2X800 मेगावाट)
इस अवसर पर प्रधानमंत्री 2X800 मेगावाट के सिंगरौली सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट के स्टेज-III का शुभारंभ करेंगे। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र में 17,000 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ शुरू की गई यह परियोजना पर्यावरणीय स्थिरता तथा तकनीकी नवाचार की दिशा में भारत की प्रगति को उजागर करती है।
फ्लू गैस कार्बन डाई ऑक्साइड से 4जी इथेनॉल संयंत्र
प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के लारा सुपर थर्मल पावर स्टेशन में स्थित फ्लू गैस कार्बन डाई ऑक्साइड से 4जी इथेनॉल संयंत्र की आधारशिला रखेंगे। 294 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह नवोन्मेषी संयंत्र 4जी-इथेनॉल को संश्लेषित करने के लिए अपशिष्ट ग्रिप गैस से कार्बन डाइऑक्साइड खींचेगा। यह ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करेगा और सतत विमानन ईंधन की दिशा में आगे बढ़ेगा।
विशाखापट्टनम के सिम्हाद्री में समुद्री जल से हरित हाइड्रोजन संयंत्र
प्रधानमंत्री विशाखापट्टनम के एनटीपीसी सिम्हाद्री में स्थित समुद्री जल से हरित हाइड्रोजन संयंत्र की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना का लक्ष्य 30 करोड़ रुपये के निवेश के साथ समुद्री जल से हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करना है, जिससे इस प्रक्रिया में ऊर्जा की बचत होगी।
छत्तीसगढ़ के कोरबा सुपर थर्मल पावर स्टेशन में फ्लाई ऐश आधारित एफएएलजी सामूहिक संयंत्र स्थापित किया गया
प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के कोरबा सुपर थर्मल पावर स्टेशन में फ्लाई ऐश आधारित एफएएलजी सामूहिक संयंत्र की आधारशिला रखेंगे। यह परियोजना 22 करोड़ रुपये के निवेश के साथ फ्लाई ऐश को मूल्यवर्धित भवन निर्माण सामग्री – मोटे अवयव में परिवर्तित करेगी, जिससे पर्यावरण संरक्षण के प्रति वचनबद्धता बढ़ेगी।
एनटीपीसी की उपरोक्त परियोजनाएं न केवल भारत के बिजली बुनियादी ढांचे का उपयोग करेंगी बल्कि रोजगार सृजन, सामुदायिक विकास तथा पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देंगी। ये परियोजनाएं 30,023 करोड़ रुपये के कुल निवेश के साथ भारत की हरित और अधिक टिकाऊ भविष्य की यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने का प्रतीक हैं।