नयी दिल्ली : भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) राष्ट्रीय राजमार्गों पर पशुओं से हाेने वाली दुर्घटनाओं से बचाव और आवारा पशुओं की चुनौती से बचने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है। इसके तहत एनएचएआई ने मवेशी आश्रयों के निर्माण और रखरखाव के लिए मेसर्स गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है।
हाईवे किनारे पशु-आश्रय स्थलों का होगा निर्माण
यलट परियोजना के तहत 0.21 से 2.29 हेक्टेयर तक के आश्रय क्षेत्रों को आवारा पशुओं के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में कार्य करने के लिए रणनीतिक रूप से विकसित किया जाएगा। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवारा पशुओं की संख्या घटेगी।इस पहल के तहत ए≡चएआई की प्रदान की गई भूमि पर पशु-आश्रय स्थलों का निर्माण करेगा। वह पशुओं का कल्याण सुनिश्चित करते हुए रियायत अवधि के दौरान प्राथमिक चिकित्सा, पर्याप्त चारा, पानी और देखभाल करने वाले उपलब्ध कराकर इन आश्रय स्थलों का रखरखाव भी करेगा।
#NHAI has signed an MoU with M/s Gawar Construction Ltd for a pilot project to establish stray cattle shelters on select NH stretches to address the challenge of stray cattle & animal-related accidents and enhance road safety for NH users.
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यहां किया जाएगा लागू
इस याेजना को विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग खंडों पर लागू किया जाएगा, जिसमें एनएच-334बी के उप्र-हरियाणा सीमा से रोहना खंड शामिल है, जहां खरखौदा बाईपास के साथ आश्रय स्थल स्थापित किए जाएंगे। इसी तरह, एनएच-148बी के भिवानी-हांसी सेक्शन पर हांसी बाईपास, एनएच-21 के कीरतपुर-नेरचौक सेक्शन और एनएच-112 पर जोधपुर रिंग रोड के डांगियावास से जाजीवाल सेक्शन पर आश्रय स्थलों का निर्माण किया जाएगा।
अनूठी पहल
इस संबंध में एनएचएआई (NHAI) के अध्यक्ष संतोष कुमार यादव ने कहा, “राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवारा पशुओं से उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करने वाली यह अनूठी पहल है। यह न केवल सड़क सुरक्षा को बढ़ाकर यात्रियों के लिए सुरक्षित राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने की एनएचएआई की प्रतिबद्धता दर्शाती है। इसके साथ ही यह आवारा पशुओं की देखभाल की मानवीय आवश्यकता को भी पूरा करती है। उन्हाेंने कहा कि मुझे यकीन है कि यह पहल देश में समग्र राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास के लिए एक नया मानदंड स्थापित करेगी।”
NHAI के इस कदम का स्वागत
इस पहल पर राष्ट्रीय राजमार्ग बिल्डर्स फेडरेशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र अग्रवाल ने कहा कि हम राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल विकसित करने के लिए एनएचएआई के इस कदम का स्वागत करते हैं और इस पहल के लिए अपना समर्थन देते हैं। मैं अपने सदस्यों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और इस पथ-प्रदर्शक पहल में भागीदार बनें, जो आवारा पशुओं के पुनर्वास और सड़क सुरक्षा को बढ़ाने के इस नेक काम को आगे बढ़ाने में मदद करेगी।
NHAI के साथ भागीदारी करके खुशी
इस मौके पर गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड के निदेशक रविंदर गवर ने कहा कि हमें राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थल स्थापित करने के इस अनूठे अवसर के लिए एनएचएआई के साथ भागीदारी करके खुशी हो रही है। हम इस पहल को अपनी सभी एनएच परियोजनाओं और यहां तक कि अन्य रियायतकर्ताओं को दी गई परियोजनाओं पर भी लागू करने के लिए तैयार हैं, ताकि देशभर के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे और अधिक आश्रय स्थल स्थापित किए जा सकें।
इसके तहत मेसर्स गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड अपनी सीएसआर फंड से घायल आवारा पशुओं के परिवहन और उपचार के लिए मवेशी एम्बुलेंस तैनात करेगा। इन पशुओं की समय पर चिकित्सा देखभाल के लिए प्रत्येक तरफ 50 किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और अस्पताल स्थापित करेगा। आश्रयों के निर्माण और रखरखाव से परे मेसर्स गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड आवारा पशुओं को इन सुविधाओं तक सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करेगा, चारा उपलब्ध कराएगा और मवेशी अतिचार अधिनियम, 1871 के प्रावधानों को लागू करेगा। समझौता ज्ञापन मेसर्स गवर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड की शेष अवधि के लिए प्रभावी रहेगा।