• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Monday, May 12, 2025
  • Login
Mochan Samachaar
Advertisement
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
Mochan Samachaar
No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
Home देश

NITI AAYOG ने भारत को एक ‘इलेक्ट्रॉनिक्स पावरहाउस’ बनाने वाली रिपोर्ट जारी की

वित्त वर्ष 2030 तक 500 अरब डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और 6 मिलियन रोजगारों का मार्ग निर्दिष्ट किया गया

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
18/07/2024
in देश
Reading Time: 1 min read
0
NITI AAYOG ने भारत को एक ‘इलेक्ट्रॉनिक्स पावरहाउस’ बनाने वाली रिपोर्ट जारी की
249
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

नई दिल्ली  : नीति आयोग (NITI AAYOG) ने आज ‘इलेक्ट्रॉनिक्स: वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत (BHARAT) की भागीदारी को नई शक्ति दे रहा है’ शीर्षक वाली रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र (ELECTRONICS SWECTOR) का व्यापक विश्लेषण किया गया है, और इसकी क्षमता एवं चुनौतियों पर विशेष जोर दिया गया है। इस रिपोर्ट में इलेक्ट्रॉनिक्स के एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में भारत के उभरने के लिए आवश्यक विशिष्ट उपायों की भी रूपरेखा बताई गई है।

आधुनिक विनिर्माण में वैश्विक मूल्य श्रृंखलाएं (जीवीसी) अत्‍यंत आवश्‍यक हैं जिसमें डिजाइन, उत्पादन, विपणन, और वितरण में अंतर्राष्ट्रीय स्‍तर पर सहयोग करना शामिल है। वैश्विक मूल्य श्रृंखलाएं (जीवीसी) 70% अंतरराष्ट्रीय व्यापार का प्रतिनिधित्व करती हैं, इसलिए ये विशेष रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, ऑटोमोबाइल, रसायन, और फार्मास्यूटिकल्स में अपनी भागीदारी बढ़ाने की भारत की तात्कालि‍क आवश्यकता पर प्रकाश डालती हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिसका 75% निर्यात दरअसल ‘जीवीसी’ से होता है।

Unlocking India’s Potential in Global Electronics Value Chains!

A landmark report of #NITIAayog titled “Electronics: Powering India’s Participation in Global Value Chains” was released today by VC #NITIAayog, Shri @suman_bery; Member, Dr. @DrVKSaraswat49, CEO, Shri BVR… pic.twitter.com/6ZNycTbnNv

— NITI Aayog (@NITIAayog) July 18, 2024

भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है जो वित्त वर्ष 2023 में 155 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को छू गया। इसका उत्पादन वित्त वर्ष 2017 के 48 अरब अमेरिकी डॉलर से लगभग दोगुना होकर वित्त वर्ष 2023 में 101 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो मुख्य रूप से मोबाइल फोन की बदौलत संभव हुआ है, और जिसकी हिस्‍सेदारी कुल इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में अब 43% है। भारत ने स्मार्टफोन आयात पर अपनी निर्भरता काफी कम कर दी है, जिसका 99% विनिर्माण अब देश में ही हो रहा है।

मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी पहल, बेहतर अवसंरचना एवं कारोबार करने में आसानी के साथ-साथ विभिन्न प्रोत्साहनों ने देश में विनिर्माण को काफी हद तक बढ़ाया है और विदेशी निवेश को आकर्षित किया है। इनमें हासिल प्रगति के बावजूद भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार अब तक अपेक्षाकृत बेहद सामान्‍य ही बना हुआ है, जिसकी हिस्सेदारी वैश्विक बाजार में केवल 4% है, और जिसने डिजाइन एवं विभिन्‍न कलपुर्जों के निर्माण में अपनी सीमित क्षमता के साथ अब तक मुख्य रूप से असेंबली पर ही अपना ध्यान केंद्रित किया है।

4.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार पर चीन, ताइवान, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, वियतनाम और मलेशिया जैसे देशों का दबदबा है। भारत वर्तमान में सालाना लगभग 25 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्‍य का निर्यात करता है, जो वैश्विक मांग में 4% हिस्सेदारी के बावजूद कुल वैश्विक हिस्सेदारी के 1% से भी कम है। प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए भारत को उच्च प्रौद्योगिकी वाले कलपुर्जों का स्थानीयकरण करने, अनुसंधान एवं विकास में निवेश के माध्यम से डिजाइन संबंधी क्षमता को मजबूत करने, और दिग्‍गज वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारियां करने की आवश्यकता है।

वित्त वर्ष 2023 में भारत में कुल इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन का मौजूदा मूल्य अत्‍यंत अधिक 101 अरब अमेरिकी डॉलर है। इस आंकड़े में 86 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्‍य के तैयार माल का उत्पादन और 15 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्‍य के कलपुर्जों का उत्‍पादन शामिल है। इसी अवधि के दौरान भारत से निर्यात कुल मिलाकर तकरीबन 25 अरब अमेरिकी डॉलर का हुआ, जो वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाजार में भारत की बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। जहां तक ​​देश में मूल्य वर्धन का सवाल है, इस क्षेत्र ने भी 15% से 18% के बीच योगदान दिया है और लगभग 1.3 मिलियन रोजगार सृजित किए हैं।

सामान्य कारोबारी (बीएयू) परिदृश्य में अनुमानों से पता चलता है कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण वित्त वर्ष 2030 तक बढ़कर 278 अरब अमेरिकी डॉलर हो सकता है। इस पूर्वानुमान में 253 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्‍य के तैयार माल का उत्‍पादन और 25 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्‍य के कलपुर्जों का विनिर्माण शामिल है। रोजगार सृजन में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है जो बढ़कर लगभग 3.4 मिलियन को छू जाएगा, जबकि निर्यात 111 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।

हालांकि, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की भारत की महत्वाकांक्षा को देखते हुए इसके प्रौद्योगिकी-संचालित क्षेत्रों के लिए अधिक महत्वाकांक्षी नजरिया अपनाना आवश्यक है। अनुकूल कारोबारी माहौल और दमदार नीतिगत सहायता, जिसमें राजकोषीय प्रोत्साहन और गैर-राजकोषीय उपाय शामिल हैं, को देखते हुए भारत को वित्त वर्ष 2030 तक कुल मूल्य के हिसाब से इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 500 अरब अमेरिकी डॉलर हासिल करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य में 350 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्‍य के  तैयार माल का विनिर्माण और 150 अरब अमेरिकी डॉलर मूल्‍य के कलपुर्जों का विनिर्माण शामिल है।  इस तरह की जोरदार वृद्धि से अनुमानित 5.5 मिलियन से लेकर 6 मिलियन लोगों के लिए रोजगार सृजित होने का अनुमान है, जिससे देश भर में रोजगार के अवसरों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात 240 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है और देश में मूल्य वर्धन बढ़कर 35% से अधिक हो जाने की उम्मीद है।

इसके समानांतर, संबंधित रणनीति में मोबाइल फोन जैसे स्थापित क्षेत्रों में उत्पादन बढ़ाने और कलपुर्जों के विनिर्माण में पैर जमाने पर जोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, पहनने योग्य उपकरणों, आईओटी उपकरणों, और ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उभरते क्षेत्रों में विविधीकरण करने पर भी जोर दिया जाना चाहिए। यह रणनीतिक विविधीकरण उपभोक्ताओं की उभरती मांगों और तकनीकी प्रगति का लाभ उठाएगा, जिससे भारत वैश्विक मंच पर अभिनव इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों में अग्रणी बन जाएगा।

रिपोर्ट में इस महत्वाकांक्षी विकास पथ को प्रशस्‍त करने के लिए राजकोषीय, वित्तीय, नियामकीय और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों में रणनीतिक उपायों की सिफारिश की गई है। इनमें भारत में एक मजबूत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए कलपुर्जों और पूंजीगत वस्तुओं के विनिर्माण को बढ़ावा देना, अनुसंधान एवं विकास तथा डिजाइन को प्रोत्साहित करना, टैरिफ को युक्तिसंगत बनाना, कौशल संबंधी पहल, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सुविधा और बुनियादी ढांचे का विकास करना शामिल है।

भारत के पास इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में खुद को वैश्विक स्‍तर पर अग्रणी के रूप में स्थापित करने की अपार क्षमता है। उभरते अवसरों का लाभ उठाकर, मूल्य श्रृंखला के एकीकरण को बढ़ाकर, तथा मौजूदा चुनौतियों से पार पाकर भारत अपने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को आर्थिक विकास और रोजगार सृजन की एक आधारशिला में बदल सकता है।

रिपोर्ट को निम्नलिखित लिंक पर ऑनलाइन देखा जा सकता है: https://www.niti.gov.in/sites/default/files/2024-07/GVC%20Report_Updated_Final_11zon.pdf

Tags: BHARATElectronics Powerhouse BHARAT REPORTNITI AAYOG
Previous Post

NHAI फ्रंट विंडशील्ड पर बिना FASTAG लगे वाहनों से वसूल करेगा दोगुना मार्गशुल्क

Next Post

19 जुलाई 2024, आज का पंचांग और राशिफल

Next Post
11 जुलाई 2024, आज का पंचांग और राशिफल

19 जुलाई 2024, आज का पंचांग और राशिफल

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Mochan Samachaar

© 2023 Mochan Samachaar Design and Develop by GKB Web Solution.

Udyam Registration Number : UDYAM-WB-10-0083581

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें

© 2023 Mochan Samachaar Design and Develop by GKB Web Solution.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In