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भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) वर्षांत समीक्षा 2023, पढ़ें पूरे साल की पहल/उपलब्धियां/घटनाएं

11.53 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित करने के लिए 5,228 करोड़ रुपये की दी गई सब्सिडी

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
23/12/2023
in देश, व्‍यापार
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भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) वर्षांत समीक्षा 2023, पढ़ें पूरे साल की पहल/उपलब्धियां/घटनाएं
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नई दिल्ली : भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई)  ने वर्ष 2023 में कई पहल की है आईये देखते है वर्ष के दौरान भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) की प्रमुख पहल/उपलब्धियां/घटनाएं इस प्रकार हैं: पीआईबी द्वारा जारी प्रेस व‍िज्ञप्‍त‍ि के अनुसार

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण योजना का चरण II

सरकार स्वच्छ और हरित सार्वजनिक परिवहन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने और वाहन उत्सर्जन के मुद्दे को संबोधित करने के उद्देश्य से फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME-II) योजना के चरण- II को लागू कर रही है। इस योजना का परिव्यय 1 अप्रैल, 2019 से शुरू होकर पांच साल की अवधि में 10,000 करोड़ रुपये था। “भारत में दूसरे चरण में इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने और विनिर्माण करने” के परिव्यय को 10,000 करोड़ रुपये से बढाकर 11,500 करोड़ रुपये कर देने के प्रस्ताव की व्यय विभाग (डीओई) द्वारा जांच की गई है और योजना के उद्देश्यों पर विचार करते हुए इसे मंजूरी दे दी गई है। यह चरण मुख्य रूप से सार्वजनिक और साझा परिवहन के विद्युतीकरण का समर्थन करने पर केंद्रित है, और इसका उद्देश्य ई-बसों सहित ई-वाहनों की मांग को प्रोत्साहन के माध्यम से समर्थन देना है। इसके अलावा, इस योजना के तहत चार्जिंग बुनियादी ढांचे के निर्माण को भी समर्थन दिया जाता है।

एमएचआई द्वारा ई-2डब्ल्यू, ई-3डब्ल्यू और ई-4डब्ल्यू के लिए प्रोत्साहन की मांग:

 फेम इंडिया योजना के चरण II के तहत, 1 दिसम्‍बर, 2023 तक, 11,53,079 इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री पर इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को 5,228 करोड़ रुपये राशि की सब्सिडी दी गई है।

एमएचआई द्वारा ई-बसों के लिए प्रोत्साहन की मांग:

अभी तक फेम-II के तहत, विभिन्न एसटीयू/सीटीयू/नगर निगमों ने एमएचआई द्वारा स्वीकृत संख्‍या के मुकाबले 3390 ई-बसों के लिए आपूर्ति आदेश दिए हैं। उनमें से अब तक 3037 ई-बसें तैनात की जा चुकी हैं।  इसके अलावा, अन्य 3,472 ई-बसों का मामला नीति आयोग के एकत्रीकरण मॉडल के तहत कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के माध्यम से निपटाया जा रहा है। इन 3,472 ई-बसों में से 454 इलेक्ट्रिक बसें तैनात की गई हैं। इस प्रकार, FAME-II योजना के तहत, कुल 3390+3472 = 6862 ई-बसें अंततः विभिन्न राज्यों में तैनात की जाएंगी।

इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन:

कुल 148 ईवी सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (पीसीएस) कमीशन किए गए हैं।28 मार्च, 2023 को, एमएचआई ने देश भर में 7432 तेज गति वाले सार्वजनिक चार्जिंग स्‍टेशन स्थापित करने के लिए पीएसयू तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) – इंडियन ऑयल (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपीसीएल) को फेम-II के तहत 800 करोड़ रुपये की मंजूरी की घोषणा की।

ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल घटकों के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना

ऑटोमोबाइल और ऑटोमोबाइल घटक क्षेत्र में भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के उद्देश्य से, सरकार ने इस क्षेत्र के लिए 5 वर्षों की अवधि के लिए 25,938 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ ‘उत्पादन- आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना’ को मंजूरी दी। पीएलआई योजना, ‘उन्नत स्‍वचालित प्रौद्योगिकी’ (एएटी) उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और स्‍वचालित विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में निवेश आकर्षित करने के लिए, वित्तीय प्रोत्साहन का सुझाव देती है। इसके मुख्य उद्देश्यों में लागत संबंधी बाधाओं पर काबू पाना, इकनॉमीज़ ऑफ स्‍केल बनाना तथा उन्नत स्‍वचालित प्रौद्योगिकी उत्पादों के क्षेत्रों में एक मजबूत आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना शामिल है। इस योजना से रोजगार भी पैदा होगा। यह योजना ऑटोमोबाइल उद्योग को मूल्य श्रृंखला से उच्च मूल्यवर्धित उत्पादों की ओर ले जाने में सुविधा प्रदान करेगी। योजना के अन्‍तर्गत अनुमोदित ‘चैंपियन ओईएम’ श्रेणी के तहत 18 कंपनियां और ‘घटक चैंपियन’ श्रेणी के तहत 67 कंपनियां पीएलआई ऑटो कार्यक्रम लागू कर रही हैं। कार्यान्वयन फर्मों द्वारा किया जाने वाला कुल अनुमानित निवेश रु.67,690 करोड़ है। घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) के प्रमाणन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भी तैयार की गई है और 27 अप्रैल, 2023 को अनुमोदित पीएलआई आवेदकों के साथ साझा की गई है। वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही तक 11,958 करोड़ रुपये की कुल निवेश राशि दर्ज की गई है। टाटा मोटर्स और एमएंडएम को उन्‍नत स्‍वचालित प्रौद्योगिकी (एएटी) और घरेलू मूल्‍य संवर्धन (डीवीए) सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं।

भारत में एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी), बैटरी स्टोरेज के लिए पीएलआई योजना

भारत में एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) के निर्माण के लिए भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए, सरकार ने भारत में एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी), बैटरी स्टोरेज के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए ‘उत्‍पादन आधारित प्रोत्‍साहन (पीएलआई) योजना’ को मंजूरी दी और इस योजना का परिव्यय 7 साल के लिए 18,100 करोड़ रुपये है। इस योजना का उद्देश्य भारत की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाना और निर्यात को बढ़ाना है – भारत में एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) का निर्माण करना और देश में प्रतिस्पर्धी एसीसी बैटरी सेट-अप स्थापित करने के लिए बड़े घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने की परिकल्पना करना है। योजना के तहत अनुमोदित फर्मों में से तीन ने 30 गीगावॉट एसीसी क्षमता की विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए पीएलआई एसीसी कार्यक्रम को लागू करने के लिए कार्यक्रम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। कार्यान्वयन फर्मों द्वारा किया जाने वाला कुल अनुमानित निवेश लगभग 30 GWh क्षमता के लिए 14,810 करोड़ है। यह योजना बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए देश में एसीसी विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहन देगी। शेष 20 GWh के लिए पुनः बोली प्रक्रियाधीन है।

जीएसटी रियायत प्रमाण पत्र

आर्थोपेडिक रूप से विकलांग व्यक्तियों को जीएसटी रियायत प्रमाणपत्र जारी करना एमएचआई द्वारा अपने नागरिक चार्टर के तहत प्रदान की जाने वाली महत्वपूर्ण सेवाओं में से एक है। डिजिटल इंडिया की दिशा में एक कदम के रूप में, एमएचआई द्वारा नवंबर 2020 में आधार प्रमाणित जीएसटी रियायत प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल शूरू किया गया था। ऑनलाइन पोर्टल के विकास ने इस मंत्रालय द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवा की गुणवत्ता में सुधार किया है। इस आईटी सक्षम पहल ने प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने में मदद की है और जनवरी 2023 से नवंबर 2023 तक 11 महीने की अवधि में 2985 जीएसटी रियायत प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा प्रदान की है (पिछले पांच साल की अवधि में सबसे अधिक)। इस पोर्टल के माध्यम से वर्तमान और पिछले वर्ष में कुल 5513 जीएसटी रियायत प्रमाण पत्र जारी किए गए थे।

भारतीय पूंजीगत माल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धाबढ़ाने की योजना- चरण- II

25 जनवरी, 2022 को, एमएचआई ने सामान्य प्रौद्योगिकी विकास और सेवा अवसंरचना को सहायता प्रदान करने के लिए ‘भारतीय पूंजीगत सामान क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की योजना- चरण- II’ को अधिसूचित किया था।

इस योजना का वित्तीय परिव्यय, 975 करोड़ रुपये की बजटीय सहायता और 232 करोड़ रुपये के उद्योग योगदान के साथ, 1207 करोड़ रुपये है। पूंजीगत वस्तु क्षेत्र चरण II को बेहतर बनाने की योजना के तहत छह घटक हैं, अर्थात्:

ए. प्रौद्योगिकी नवाचार पोर्टलों के माध्यम से प्रौद्योगिकियों की पहचान;

बी. उत्कृष्टता के चार नए उन्नत केंद्रों की स्थापना और मौजूदा उत्कृष्टता केंद्रों का संवर्द्धन;

सी. पूंजीगत माल क्षेत्र में कौशल को बढ़ावा देना-कौशल स्तर 6 और उससे ऊपर के लिए योग्यता पैकेज का निर्माण;

डी. चार सामान्य इंजीनियरिंग सुविधा केंद्रों (सीईएफसी) की स्थापना और मौजूदा सीईएफसी का विस्तार;

ई. मौजूदा परीक्षण और प्रमाणन केंद्रों का विस्तार;

एफ. प्रौद्योगिकी विकास के लिए दस उद्योग त्वरक की स्थापना

कुल 32 मंजूर की गई परियोजनाएं जिनकी कुल परियोजना लागत1363.78 करोड़ रुपये है,जिसमें से भारतीय पूंजीगत सामान क्षेत्र में प्रतिस्पर्धाबढ़ाने के लिए योजना के चरण- II के तहत, अब तक 1363.78 करोड़ रुपये (परियोजना कार्यान्वयन संगठनों द्वारा अधिक योगदान के कारण) चरण- II के तहतअनुमोदित परियोजनाओं के लिए 232.17 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। भारतीय पूंजीगत माल क्षेत्र चरण- II में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की योजना के कार्यान्वयन से विनिर्माण क्षेत्र में निवेश में वृद्धि, प्रौद्योगिकियों के स्वदेशीकरण और सामान्य सेवा बुनियादी ढांचे / परीक्षण सुविधाओं के निर्माण / संवर्द्धन को बढ़ावा मिलेगा।

अन्य महत्वपूर्ण पहल:

  • ऑटोमोबाइल के स्टार्टअप और इनोवेशन इकोसिस्टम की सुविधा के लिए ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) ने एडवांस मोबिलिटी ट्रांसफॉर्मेशन एंड इनोवेशन फाउंडेशन (एएमटीआईएफ) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। एएमटीआईएफ, भारतीय पूंजीगत माल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की योजना के चरण- II के तहत, एमएचआई द्वारा स्वीकृत ऑटोमोबाइल संबंधित प्रौद्योगिकियों पर आधारित त्‍वरकों को स्थापित कर रहा है। आयोजन के दौरान, एएमटीआईएफ ने औद्योगिक त्वरक के तहत चुने गए दस औद्योगिक भागीदारों और स्टार्टअप के साथ समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया।
  • 4 फरवरी, 2023 को इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (ICAT), मानेसर में, केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री ने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए ‘पंचामृत की ओर’ एक कार्यक्रम का उद्घाटन और उसको संबोधित किया। इस कार्यक्रम में एमएचआई द्वारा ऑटोमोटिव उद्योग को बढ़ावा देने संबंधी सम्‍मेलन और प्रदर्शनी का भी आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में 2200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया, ऑटो उद्योग, शिक्षा जगत, अन्य मंत्रालय, विभाग और छात्र शामिल थे।
  • एमएचआई ने 13 से 15 फरवरी, 2023 तक लखनऊ में आयोजित पहली डिजिटल इकोनॉमी वर्किंग ग्रुप (डीईडब्ल्यूजी), जी20 बैठक में भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री, भारत सरकार की उपस्थिति में किया गया। प्रदर्शनी में, एमएचआई ने “भारतीय पूंजीगत माल क्षेत्र में प्रतिस्पर्धाको बढ़ाने” के लिए एमएचआई की योजना के तहत विकसित समर्थ केंद्रों के माध्यम से अपनी डिजिटल क्षमताओं और पहलों को चित्रित किया। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) ने कार्यक्रम के दौरान ‘इंडस्ट्रियल इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईआईओटी)’ और इंडस्ट्री 4.0 पर अपनी पहलों का भी प्रदर्शन किया।

भेलने निम्नलिखित के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए:

  • हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ के लिए लाइन रिप्लेसेबल यूनिट्स (एलआरयू) के लिए दीर्घकालिक रखरखाव, मरम्मत और संचालन सहायता के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ।
  • 15 फरवरी 2023 को बेंगलुरु में एयरो शो कार्यक्रम के दौरान स्मार्ट गोला-बारूद सहित गोला-बारूद के सह-उत्पादन और आपूर्ति के लिए म्यूनिशन्स इंडिया लिमिटेड (MIL)के साथ।
  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने 24 मार्च, 2023 को ‘भारतीय पूंजीगत माल क्षेत्र, चरण II में प्रतिस्पर्धामें वृद्धि’ योजना के तहत एमएचआई द्वारा वित्त पोषित और एचएमटी के सहयोग से आईआईटी-बीएचयू में मशीन टूल्स डिजाइन से संबंधित उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) की आधारशिला रखी। इस उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र में (सीओई), आईआईटी-बीएचयू, हाई-टेक मशीन टूल्स का डिज़ाइन विकसित करेगा और तीन नई प्रौद्योगिकियांका सृजन करेगा,जो वर्तमान में देश में उपलब्ध नहीं हैं। इन प्रौद्योगिकियों का उपयोग राष्ट्रीय रक्षा, एयरोस्पेस, बिजली और ऊर्जा क्षेत्र, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, सटीक घटक मशीनीकरण आदि के क्षेत्रों में किया जाएगा। यह सीओई वर्ष 2030 तक 400 करोड़ रुपये के आयात को कम करने में मदद करेगा और भारत को डिजाइन और विकास में उच्च स्तर की विश्वसनीयता और दक्षता में आत्मनिर्भर बनाते हुए घरेलू स्रोत को प्रोत्साहित करेगा। यह केंद्र स्टार्टअप और कौशल विकास को प्रोत्साहित करेगा तथा तकनीकी शिक्षा और रोजगार सृजन में भी सहायक सिद्ध होगा।
  • BHEL ने शहरी गैस वितरण और ईंधन सेल-आधारित पावर बैकअप सिस्टम के लिए टाइप-IV सिलेंडर (CNG और/या हाइड्रोजन) के विकास, निर्माण और तैनाती के लिए संयुक्त सहयोग के लिए इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। यह समझौता ज्ञापन भारत सरकार के ‘राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन’ में योगदान देने में सहायता करेगा।
  • बिजली और भारी उद्योग राज्य मंत्री (एमओएस) श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने 23 मई, 2023 को बीएचईएल हरिद्वार में कॉमन इंजीनियरिंग सुविधा केंद्र (सीईएफसी), डब्ल्यूआरआई त्रिची के विस्तार केंद्र का उद्घाटन किया। श्री गुर्जर ने टीम बीएचईएल की प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और विनिर्माण क्षमताओं की सराहना की और प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विज़न में योगदान देने में बीएचईएल की भूमिका की प्रशंसा की।
  • एमएचआई ने इलेक्ट्रिक बस सहायता कार्यक्रम की दिशा में एमईए और संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) सरकार के साथ काम किया है। इसके परिणामस्वरूप भारत और अमेरिका का संयुक्त बयान आया। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति, श्री जो बिडेन और प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने परिवहन क्षेत्र को डीकार्बोनाइजेशन करने के महत्व को रेखांकित किया, जिसमें शून्य उत्सर्जन वाहनों की तैनाती में तेजी लाना, इलेक्ट्रिक परिवहन के लिए सार्वजनिक और निजी वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए निरंतर सहयोग और जैव ईंधन का विकास शामिल है, इसमें टिकाऊ विमानन ईंधन भी सम्मिलित है। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत ने एक भुगतान सुरक्षा तंत्र बनाने की योजना की भी घोषणा की, जो भारत मेंभारत निर्मित 10,000 इलेक्ट्रिक बसों की तैनाती की सुविधा प्रदान करेगी तथा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने के भारत के केंद्रित प्रयासों को बढ़ाएगी।
  • एमएचआई ने केंद्रीय विनिर्माण प्रौद्योगिकी संस्थान (सीएमटीआई), बेंगलुरु और भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), बेंगलुरु के सहयोग से 3-4 जुलाई, 2023 को बेंगलुरु में ‘रोबोटिक्स पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ का आयोजन किया। सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री डॉ. पांडे और भारी उद्योग राज्य मंत्री ने किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने इस राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए अपना संदेश दिया और इसके लिए अपनी शुभकामनाएं व्यक्त कीं। ये सम्मेलन विनिर्माण क्षेत्र में रोबोटिक्स की प्रगति, चुनौतियों और परिवर्तनकारी क्षमता पर चर्चा करने के लिए देश भर के विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, उद्योग जगत के नेताओं को एक साथ लेकर लाया। सम्मेलन में औद्योगिक जगत के प्रमुखों, अग्रणी कंपनियों, स्टार्ट-अप और शिक्षा जगत के प्रमुखों सहित लगभग 350 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
  • डॉ. पांडे ने अमेरिकी सरकार के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) और फेम-इंडिया योजना चरण- II के तहत ई-बसों के संबंध में आगे बढ़ने पर चर्चा करने के लिए 26 जुलाई, 2023 को बैठक की।
  • केंद्रीय मंत्री, एमएचआई ने 2047 तक नेट ज़ीरो हासिल करने के उद्देश्य से भेल को हरित कंपनी में बदलने की पहल ‘ग्रीन बीएचईएल’ (हरित बीएचईएल) का उद्घाटन किया।
  • भारत सरकार के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत बीएचईएल द्वारा की गई विभिन्न पहलों के परिणामस्वरूप देश भर में फैली बीएचईएल की 14 टाउनशिप को पिछले 3 वर्षों से एकल-उपयोग प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र के रूप में प्रमाणित किया गया है।
  • एमएचआई ने 17 अगस्‍त, 2023 को विज्ञान भवन में अपने 16 चालू केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उद्यमों (सीपीएसई) की ‘वार्षिक प्रदर्शन समीक्षा’ पर एक सम्मेलन आयोजित किया। सम्मेलन में स्वतंत्र निदेशकों और एमएचआई के वरिष्ठ अधिकारियों सहित चालू सीपीएसई के सीएमडी और सभी निदेशक मंडल ने भाग लिया।यह समीक्षा उनके मुख्य उद्देश्यों को पूरा करने, उनकी प्रगति और उपलब्धियों का आकलन करने की दिशा में सीपीएसई की प्रभावकारिता का मूल्यांकन करने के लिए मंत्रालय के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है। भेल ने तेलंगाना में 5×800 मेगावाट क्षमता वाले यदाद्री तापीयबिजली घर के लिए एनओएक्स उत्सर्जन को सीमित करने के लिए भारत के चयनात्मक उत्प्रेरक रिएक्टर (एससीआर) के पहले सेट का सफलतापूर्वक निर्माण किया है। विशेष रूप से, यह भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि पहले इन उत्प्रेरकों का आयात किया जा रहा था।
  • डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने भारतीय ऑटोमोटिव उद्योग द्वारा विद्युतीकरण में की गई प्रगति को प्रदर्शित करने और भारतीय बाजार में उपलब्ध उत्कृष्ट गुणवत्ता वाले ईवी उत्पादों पर ग्राहकों के बीच जागरूकता फैलाने और विश्वास बढ़ाने के लिए 18 अक्टूबर, 2023 को भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में एमएचआई के साथ साझेदारी में सियाम द्वारा आयोजित ‘द ग्रीन प्लेट ईवी रैली’ का, उद्घाटन किया और हरी झंडी भी दिखाई।
  • एमएचआई ने 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर, 2023 तक स्वच्छता पर अपना विशेष अभियान 3.0 सफलतापूर्वक पूरा किया और इसे मंत्रालय के भीतर और अपने सीपीएसई और एबी में 781 अभियान स्थलों पर स्वच्छता उत्सव के रूप में मनाया। स्क्रैप के निपटान से 5.78 करोड़से भी ज्‍यादा का राजस्व प्राप्‍त हुआ। एमएचआई ने विशेष अभियान 3.0 में निम्नलिखित स्थान हासिल किए हैं:

–  शीर्ष 5 मंत्रालयों/विभागों में दूसरा स्थान – 21.13 लाख वर्ग फीट जगहों को मुक्त कराने के लिए

–  63032 फाइलों [रिकॉर्ड्स वीडेड आउट (भौतिक + ई-फाइलें)]के लिए शीर्ष 5 मंत्रालयों/विभागों में 5वां स्थान।

  • डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने 22 नवंबर, 2023 को यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में “मंथन-लोकल से वैश्विक भारत-विनिर्माण से आत्मनिर्भरता” पर एक बैठक की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में आयात पर अंकुश लगाने, स्थानीयकरण बढ़ाने और निर्यात को बढ़ावा देने की रणनीतियों की समीक्षा करने के लिए ऑटोमोटिव और पूंजीगत माल क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले विभिन्न हितधारकों और उद्योग संघों ने भाग लिया। इस आयोजन में स्थानीयकरण की गति को बढ़ाने के लिए उपलब्ध अवसरों को समझने पर विशेष ध्यान दिया गया।
  • केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री ने घरेलू व्यापार भागीदारों, उद्योग संघों, शिक्षाविदों और अनुसंधान संस्‍थानों के साथ चर्चा के माध्यम से आयातित वस्तुओं के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 9 नवम्‍बर, 2023 को भेल द्वारा आयोजित “भेल संवाद 3.0 – अनुसंधान से आत्मनिर्भरता की ओर, भेल की एक और पहल” का उद्घाटन किया। केन्‍द्रीय मंत्री ने ‘अनुसंधान से आत्मनिर्भरता’ शीर्षक से बीएचईएल के अनुसंधान एवं विकास संग्रह का अनावरण किया और 2023-24 के लिए एमएचआई की ‘वार्षिक क्षमता निर्माण योजना (एसीबीपी)’ को शुरू किया। एसीबीपी प्रधानमंत्री के मिशन कर्मयोगी के विज़न के अनुरूप सभी स्तरों पर क्षमता बढ़ाने और अधिकतम शासन प्राप्त करने के लिए मंत्रालय के भीतर प्रमुख रणनीतिक क्षेत्रों और केंद्रित क्षमता निर्माण पहलों की रूपरेखा तैयार करता है।
  • भेल ने 16 उन्‍नत सुपर रैपिड गन माउंट्स (एसआरजीएम) की आपूर्ति के लिए रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के साथ 2956.89 करोड़ रुपये के अनुबंध पत्र पर हस्‍ताक्षर किया है। इन्हें भारतीय नौसेना के सेवारत और नवनिर्मित दोनों तरह के जहाजों पर स्थापित किया जाएगा और इसे इसकी हरिद्वार इकाई में निर्मित किया जाएगा।

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