नई दिल्ली : भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय प्रेस दिवस, 2023 के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और समारोह को संबोधित किया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अपने संबोधन के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि मीडिया का नैतिक कर्तव्य है कि वह सच बताए। उन्होंने कहा कि मीडिया से जुड़े हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि वह समाज को सच बताए चाहे वह पत्रकार हो, अखबारों से जुड़ा हो या संचार माध्यमों से जुड़े लोग हों। उन्होंने कहा कि अविश्वसनीय और गलत खबरों ने समाज में मीडिया के विश्वास को कम किया है।
Hon’ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar delivered the inaugural address at the National Press Day celebrations at Vigyan Bhawan in New Delhi today. #NationalPressDay @ianuragthakur @Murugan_MoS pic.twitter.com/QyEFr4yAvu
— Vice President of India (@VPIndia) November 16, 2023
उपराष्ट्रपति ने जोर देते हुए कहा कि मीडिया को राजनीति का हिस्सा या हितधारक नहीं होना चाहिए, मीडिया को लोकतंत्र की ताकत होना चाहिए, कमजोरी नहीं। मीडिया को राजनीतिक भागीदारी से बचना चाहिए ताकि प्रगतिशील मीडिया हमारे लोकतंत्र में सच्चाई और जवाब देही का प्रतीक बना रहे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह कहना गलत नहीं होगा कि “फेक न्यूज़” शब्द जितना आज सुना जा रहा है उतना इससे पहले कभी नहीं सुना गया। उपराष्ट्रपति ने मीडिया की कम होती विश्वसनीयता को सबसे बड़ी चुनौती बताया और सोशल मिडिया का भ्रामक खबरें फैलाने के उपयोग पर चिंता व्यक्त की।
The writing on the wall should be clear to all concerned:
Fake news, deliberately fed wrong and mischievous information, political ambitions and preferences, tendency to play power brokers and monetary considerations have eroded people’s faith in the media. #NationalPressDay pic.twitter.com/4sMjJU4V89
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उपराष्ट्रपति ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जिक्र करते हुए कहा कि मीडिया तकनीकी परिवर्तनो से और उनसे जुड़ी चुनौतियों से निपटने में हमेशा सक्षम रहा है, हाल की तकनीकी प्रगति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैट जीपीटी जैसे नवाचारों ने नई चुनौतियां पेश की हैं, इन चुनौतियों का डटकर मुकाबला करना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि इस वर्ष का विषय “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मीडिया” सामायिक और बहुत ही महत्वपूर्ण है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने हमारे सूचना और मनोरंजन के तौर तरीकों को बदल दिया है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बनता चला जा रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमें बदलते हुए समय के साथ बदलना होगा और अपनी क्षमताओं को बेहतर बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी अपनाना होगा लेकिन इसके साथ ही उसके दुरुपयोग से भी अपना बचाव करना होगा।
उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के युग में मीडिया संगठनों को पत्रकारिता की नैतिकता निष्पक्ष रिपोर्टिंग और तत्वों को जानने के जनता के अधिकार के प्रति अटूट समर्पण और अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए निष्पक्ष पत्रकारिता की वचनबद्धता को निभाना चाहिए ताकि जनता को सच का पता चल सके।
उपराष्ट्रपति ने मीडिया में गलत सूचना के प्रसार, डीप फेक, लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्रभावित करने और समाज में अराजकता और अस्थिरता पैदा करने जैसी चुनौतियों से निपटने पर ज़ोर दिया। उन्होंने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज के परिपेक्ष में पत्रकारों और मीडिया के लोगों की जिम्मेदारियां और भी बढ़ गई हैं । उपराष्ट्रपती ने किसी भी सूचना को प्रसारित करने से पहले मीडिया संगठन और मीडिया से जुड़े लोगों को अत्यंत सावधानी और सतर्कता बरतने को कहा जिससे समाज में झूठ का ज़हर न घुल सके।
Concerns regarding #ArtificialIntelligence have been raised by leading figures in the domain of technology, but one thing is clear- #AI is here to stay.
We must adapt to the changing landscape, employing the transformative potential of AI as a tool to improve our capabilities,… pic.twitter.com/V7yHHNCRjk
— Vice President of India (@VPIndia) November 16, 2023
लोकतंत्र में मीडिया के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया सूचना प्रदाता के साथ-साथ लोकतंत्र की आधारशिला रहा है और चौथे स्तंभ के रूप में अपनी भूमिका अदा करता रहा है। मीडिया ने सच के संरक्षक के रूप में अपनी भूमिका अदा की है, मीडिया बेजुबानों की आवाज उठाने के लिए सदैव तत्पर रहा है और सत्ता में बैठे लोगों का निगरानी करता रहा है।
उन्होंने कहा आज सूचना की भरमार है और ऐसे में पत्रकार और मीडिया घराने ईमानदारी के उच्चतम मानकों को बनाए रखें, तथ्यों और विश्वसनीय स्रोतों तथा सत्यापन और संपादकीय स्वतंत्रता बनी रहनी चाहिए आज यह पहले से भी कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
#ArtificialIntelligence brings its own set of challenges and ethical questions.
The spread of misinformation, #deepfakes, creation of echo chambers and micro targeting of information influence the democratic process, creating chaos and instability in society.
AI anchors and… pic.twitter.com/N0kmCmHdJp
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राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर उपराष्ट्रपति ने सच्चाई के लिए रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों को याद करते हुए मीडिया से मीडिया से जुड़े लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज हमें उन पत्रकारों को याद करना चाहिए जिन्होंने सच्चाई के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया।
Concerns regarding #ArtificialIntelligence have been raised by leading figures in the domain of technology, but one thing is clear- #AI is here to stay.
We must adapt to the changing landscape, employing the transformative potential of AI as a tool to improve our capabilities,… pic.twitter.com/V7yHHNCRjk
— Vice President of India (@VPIndia) November 16, 2023
उन्होंने कहा कि हमें उनके साहस का सम्मान करना चाहिए और प्रेस की स्वतंत्रता जो लोकतंत्र का एक आवश्यक अंग है पर किसी भी खतरे के खिलाफ एकजुट होना चाहिए।
इस अवसर पर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा मामले एवं खेल मंत्री, श्री अनुराग सिंह ठाकुर, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, मत्स्य पशुपालन पालन एवं डेयरी राज्य मंत्री श्री एल. मुरूगन, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया की अध्यक्ष श्रीमती जस्टिस रंजना प्रसाद देसाई, जी-20 के शेरपा श्री अमिताभ कांत, प्रेस काउंसिल आफ इंडिया के सचिव एवं अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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