नई दिल्ली: झारखंड सरकार राज्य के दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए पूर्वी भारत का पहला विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है। राज्य के उच्च एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा मंत्री चंपई सोरेन ने गुरुवार को यह जानकारी दी। शिक्षा मंत्री चंपई सोरेन ने कहा, “मैंने अधिकारियों को दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक विशेष यूनिवर्सिटी खोलने का निर्देश दिया है। रांची में प्रस्तावित यह विश्वविद्यालय पूर्वी भारत का पहला ऐसा शैक्षणिक संस्थान होगा, जिसमें दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए, उनकी जरूरतों के हिसाब से शिक्षा की विशेष व्यवस्था रहेगी। वहां उनके लिए विशेष कोर्स तथा शैक्षणिक उपकरणों का इंतजाम भी रहेगा।”
झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके चंपई सोरेन ने कल (11 जुलाई) अधिकारियों के साथ बैठक कर अपने विभाग में हो रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की इस दौरान उन्होंने अधिकारियों एवं शिक्षाविदों के साथ उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के कार्य प्रगति की समीक्षा के दौरान राज्य में शिक्षा से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने का निर्देश दिया, ताकि छात्रों को शिक्षा हेतु बाहर ना जाना पड़े।
इस बैठक के दौरान जमशेदपुर में बन रहे पंडित रघुनाथ मुर्मू जनजातीय विश्वविद्यालय के कार्य प्रगति की समीक्षा की गई। वहां नए वाइस चांसलर की प्रक्रिया जारी है, जिसके बाद कार्य तेज गति से आगे बढ़ेगा।
चंपई सोरेन ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में जानकारी देते हुआ कहा कि मैंने अधिकारियों को दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए एक विशेष यूनिवर्सिटी खोलने का निर्देश दिया है। रांची में प्रस्तावित यह विश्वविद्यालय पूर्वी भारत का पहला ऐसा शैक्षणिक संस्थान होगा, जिसमें दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए, उनकी जरूरतों के हिसाब से शिक्षा की विशेष व्यवस्था रहेगी। वहां उनके लिए विशेष कोर्स तथा शैक्षणिक उपकरणों का इंतजाम भी रहेगा।
इसके अलावा विभाग द्वारा नवोत्थान छात्रवृत्ति योजना का प्रस्ताव रखा गया, जिसके तहत झारखंड के मेधावी अनाथ एवं दिव्यांग विद्यार्थियों के पूर्ण पाठ्यक्रम शुल्क की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी। इसके अलावा, इन छात्रों को आवासीय एवं भोजना की व्यवस्था हेतु प्रति वर्ष सहायता राशि दी जाएगी।