नई दिल्ली : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ( President Smt. Draupadi Murmu )ने नई दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आज आदि महोत्सव 2024 का उद्घाटन किया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB) इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा देश विविधता से भरा है। लेकिन ‘अनेकता में एकता’ की भावना हमेशा मौजूद रही है। इसी भावना के अनुरूप एक-दूसरे की परंपराओं, खान-पान और भाषा को जानने, समझने और अपनाने का हमारा उत्साह रहा है। एक-दूसरे के प्रति सम्मान की यह भावना हमारी एकता के मूल में है। वह आदि महोत्सव में विभिन्न राज्यों की जनजातीय संस्कृति और विरासत का अनूठा संगम देखकर बहुत खुश हुईं। उन्होंने कहा कि यह देश के कोने-कोने के जन-जातीय भाई-बहनों की जीवनशैली, संगीत, कला और खानपान के बारे में जानने का अच्छा अवसर है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस महोत्सव के दौरान लोगों को जन-जातीय समाज के जीवन के विभिन्न पहलुओं को जानने और समझने का अवसर मिलेगा।
President Droupadi Murmu inaugurated the Aadi Mahotsav 2024 at Major Dhyan Chand National Stadium in New Delhi. The President said that today, when the whole world is trying to solve the problem of global warming and climate change, the lifestyle of the tribal community becomes… pic.twitter.com/my46QR0fKH
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 10, 2024
राष्ट्रपति ने कहा कि जैसे-जैसे आधुनिकता आगे बढ़ी, इसने धरती माता और प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाया है। विकास की अंधी दौड़ में इस धारणा को बल देने का माहौल बनाया गया कि प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना प्रगति संभव नहीं है। लेकिन सच्चाई इसके उलट है। दुनिया भर में जन-जातीय समुदाय सदियों से प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर रह रहे हैं। हमारे जन-जातीय भाई-बहन अपने जीवन के हर पहलू में आसपास के पर्यावरण, पेड़-पौधों और जानवरों का ख्याल रखते रहे हैं। हम उनकी जीवनशैली से प्रेरणा ले सकते हैं। आज जब पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने का प्रयास कर रही है, तब जन-जातीय समुदाय की जीवनशैली और भी अनुकरणीय हो जाती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी (आधुनिक युग का एक महत्वपूर्ण योगदान) ने हमारे जीवन को आसान बना दिया है। यह ठीक नहीं है कि हमारा जन-जातीय समुदाय आधुनिक विकास के लाभ से वंचित रहे। उनके योगदान ने देश के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वे भविष्य में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे। हम सभी का प्रयास होना चाहिए कि हम समाज के सभी लोगों, खासकर वंचित वर्गों के सतत विकास और सर्वांगीण विकास के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के पास पारंपरिक ज्ञान का अमूल्य भंडार है। यह ज्ञान दशकों से पारंपरिक रूप से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित होता रहा है। लेकिन अब कई पारंपरिक कौशल ख़त्म होते जा रहे हैं। यह ज्ञान परंपरा लुप्त होने के कगार पर है। जिस तरह कई वनस्पतियां और जीव-जंतु विलुप्त हो रहे हैं, उसी तरह पारंपरिक ज्ञान भी हमारी सामूहिक स्मृति से ओझल हो रहा है। हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि हम इस अमूल्य खजाने को संचित करें और आज की आवश्यकता के अनुसार इसका उचित उपयोग भी करें। इस प्रयास में प्रौद्योगिकी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
राष्ट्रपति ने अनुसूचित जनजातियों के लिए वेंचर कैपिटल फंड (वीसीएफ-एसटी) के शुभारंभ की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्lत किया कि इससे अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के बीच उद्यमिता और स्टार्ट-अप संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने जन-जातीय समुदाय के युवाओं से आग्रह किया कि वे इस योजना का लाभ उठाकर नये उद्यम स्थापित करें और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें।
भारत की जनजातीय विरासत की समृद्ध विविधता को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्वावधान में ट्राइफेड द्वारा आदि महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष यह महोत्सव 10 से 18 फरवरी, 2024 तक आयोजित किया जा रहा है।
