नई दिल्ली : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (18 दिसंबर, 2023) आईआईटी खड़गपुर के 69वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया और समारोह को संबोधित किया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि पूरे विश्व में हमारी आईआईटी प्रणाली की प्रतिष्ठा है। आईआईटी को प्रतिभा और प्रौद्योगिकी का इन्क्यूबेशन केंद्र माना जाता है। उन्होंने कहा कि आईआईटी खड़गपुर को देश का पहला आईआईटी होने का गौरव हासिल है। इस संस्था ने लगभग 73 वर्षों की अपनी यात्रा में अनूठी प्रतिभाओं को तराशा है और देश के विकास में इसका योगदान अतुलनीय है।
President Droupadi Murmu graced 69th convocation of IIT Kharagpur. The President said that Institutions like IIT Kharagpur will have to play an important role in making 21st century, the India’s century through innovation and technology.https://t.co/aWq1zHtVw0 pic.twitter.com/l2Gn0sHdmI
— President of India (@rashtrapatibhvn) December 18, 2023
राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि भारत सरकार की आईआईटी के अंतर्राष्ट्रीयकरण और वैश्वीकरण की नीति के अनुरूप, आईआईटी खड़गपुर अन्य वैश्विक संस्थानों के साथ गठबंधन और सहयोग पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल आईआईटी खड़गपुर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा स्थापित करने में मदद करेगा बल्कि भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम होगा।
राष्ट्रपति ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि दुनिया की प्राचीन ज्ञान परंपरा वाले इतने विशाल देश का एक भी शैक्षणिक संस्थान दुनिया के शीर्ष 50 शैक्षणिक संस्थानों में शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि रैंकिंग की दौड़, अच्छी शिक्षा से अधिक महत्वपूर्ण नहीं है, लेकिन अच्छी रैंकिंग न केवल दुनिया भर के छात्रों और अच्छे संकाय-सदस्यों को आकर्षित करती है बल्कि देश की प्रतिष्ठा भी बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि देश की सबसे पुरानी आईआईटी होने के नाते आईआईटी खड़गपुर को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईआईटी खड़गपुर जैसे संस्थानों को नवाचार और प्रौद्योगिकी के माध्यम से 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्हें तकनीक विकसित करने और उसे क्रियान्वित करने के लिए परिवर्तनकारी प्रयास करने होंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी पर हर किसी का अधिकार होना चाहिए। इसका उपयोग समाज में खाई बढ़ाने के लिए नहीं बल्कि सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि डिजिटल भुगतान प्रणाली आम लोगों के जीवन को सरल बनाने वाली प्रौद्योगिकी का सबसे अच्छा उदाहरण है।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है, नए मानक स्थापित कर रहा है और एक प्रमुख विश्व शक्ति के रूप में उभर रहा है। हम वसुधैव कुटुंबकम की भावना से दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान तलाशने के लिए तत्पर हैं। भारत के इस अमृत काल में प्रौद्योगिकी का उपयोग करके ही स्वर्ण युग आएगा। कम्प्यूटरीकरण, सौर ऊर्जा, जीनोमिक्स और कई भाषा मॉडल ऐसे कुछ प्रयोग हैं जो सामाजिक जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखते हैं।
150 साल पहले जो बीमारियां लाइलाज लगती थीं, उनका इलाज अब लगभग मुफ्त में किया जाता है। लोगों का जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। इस दुनिया को बेहतर और समावेशी बनाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका अहम है। उन्होंने सभी से विकासोन्मुखी, भविष्यवादी और जिज्ञासु सोच विकसित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही उन्हें अपने बेहतर वर्तमान के लिए देश और समाज के प्रति कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे देश और दुनिया को बेहतर एवं सुरक्षित भविष्य देने में सक्षम होंगे।
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