नई दिल्ली : वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह के एक हिस्से के तहत आज नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित सीएसआईआर मुख्यालय भवन में भारत की सबसे बड़ी जलवायु घड़ी स्थापित कर इसे परिचालित किया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB) यह आयोजन जलवायु परिवर्तन और इसके बुरे प्रभावों के बारे में जागरूकता प्रसारित करने के सीएसआईआर के उद्देश्य को दिखाता है।
इस अवसर पर आईआईटी- बॉम्बे के प्रोफेसर और एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक चेतन सिंह सोलंकी ने कहा कि देश के हर एक नागरिक को ऊर्जा साक्षर होने की तत्काल जरूरत है। उन्होंने कहा कि हर एक नागरिक को यथासंभव ऊर्जा के उपयोग से बचने या कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव और राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान के निदेशक डॉ. शैलेश नायक ने “उत्तेजित भूकंपों के रहस्यों को उजागर करना: कोयना में वैज्ञानिक ड्रिलिंग का प्रकाशस्तंभ परियोजना” विषय पर सीएसआईआर अमृत व्याख्यान दिया। सीएसआईआर त्वरित आधुनिक अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी (अमृत) व्याख्यान श्रृंखला आयोजित कर रहा है। इसका उद्देश्य भारत के अग्रणी विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तियों के विचारों और सीख से सीखना है, जो सामान्य रूप से अनुसंधान व विकास संगठनों और विशेष रूप से सीएसआईआर के कार्यों को लेकर राह दिखाने में सहायता कर सकते हैं।
सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी ने कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पृथ्वी दिवस हमारे लिए पर्यावरण की रक्षा के लिए एक अनुस्मारक है। उन्होंने बताया कि सीएसआईआर-एनर्जी स्वराज फाउंडेशन समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत सीएसआईआर में बड़ी संख्या में वैज्ञानिकों और कर्मचारियों ने ऊर्जा साक्षरता प्रशिक्षण प्राप्त किया है। फाउंडेशन की ओर से प्रदान की गई जलवायु घड़ियों को अधिक से अधिक सीएसआईआर प्रयोगशालाओं में स्थापित किया गया है।