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“भारत अपने नौसैनिकों के समर्पण को सलाम करता है” : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस 2023 समारोह पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लिया

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
04/12/2023
in देश
Reading Time: 3 mins read
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“भारत अपने नौसैनिकों के समर्पण को सलाम करता है” : प्रधानमंत्री
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नई दिल्ली :  प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी सिंधुदुर्ग में ‘नौसेना दिवस 2023’ समारोह के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए। उन्होंने तारकरली समुद्र तट, सिंधुदुर्ग से भारतीय नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों और विशेष बलों के ‘सामरिक प्रदर्शनों’ को भी देखा। श्री मोदी ने गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस व‍िज्ञप्‍त‍ि के अनुसार उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय नौसेना की गर्जना के साथ मालवन, तारकरली के तट पर सिंधुदुर्ग के भव्य किले के नजदीक 4 दिसम्‍बर के ऐतिहासिक दिन, वीर शिवाजी महाराज के प्रताप और राजकोट किले में उनकी भव्य प्रतिमा के उद्घाटन ने भारत के हर नागरिक को जोश और उत्साह से भर दिया है। श्री मोदी ने नौसेना दिवस के अवसर पर अपनी शुभकामनाएं दीं और देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले बहादुरों को नमन किया।

Salute to our Navy personnel for their steadfast dedication and indomitable spirit in safeguarding the Motherland. https://t.co/8d7vwcqOAf

— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2023

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सिंधुदुर्ग की विजयी भूमि पर नौसेना दिवस मनाना वास्तव में अभूतपूर्व गौरव का क्षण है। प्रधानमंत्री ने कहा, “सिंधुदुर्ग किला भारत के प्रत्येक नागरिक में गर्व की भावना पैदा करता है”, उन्होंने किसी भी राष्ट्र की नौसैनिक सामर्थ्‍य का महत्व पहचानने में शिवाजी महाराज की दूरदर्शिता पर जोर किया। शिवाजी महाराज की इस उद्घोषणा को दोहराते हुए कि जिनका समुद्र पर नियंत्रण है, वे ही अंतिम शक्ति रखते हैं, प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने एक शक्तिशाली नौसेना का मसौदा तैयार किया था। उन्होंने कान्होजी आंग्रे, मायाजी नाइक भटकर और हिरोजी इंदुलकर जैसे योद्धाओं को भी नमन किया और कहा कि वे आज भी प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।

India salutes the dedication of our navy personnel. pic.twitter.com/0ZKj7TJ0QL

— PMO India (@PMOIndia) December 4, 2023

प्रधानमंत्री ने कहा, छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्शों से प्रेरित होकर आज का भारत गुलामी की मानसिकता को त्यागकर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि नौसेना अधिकारियों द्वारा पहने जाने वाले एपोलेट्स में अब छत्रपति वीर शिवाजी महाराज की विरासत की झलक दिखाई देगी क्योंकि नए एपोलेट्स नौसेना के ध्वज के समान होंगे। उन्होंने पिछले साल नौसेना ध्वज के अनावरण को भी याद किया। अपनी विरासत पर गर्व करने की भावना के साथ, प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारतीय नौसेना अपने रैंकों का नाम अब भारतीय परंपराओं के अनुरूप रखने जा रही है। उन्होंने सशस्त्र बलों में नारी शक्ति को मजबूत करने पर भी जोर दिया। श्री मोदी ने नौसेना जहाज में भारत की पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर की नियुक्ति पर भारतीय नौसेना को बधाई दी।

Veer Chhatrapati Maharaj knew the importance of having a strong naval force. pic.twitter.com/GjnNXRJvOi

— PMO India (@PMOIndia) December 4, 2023

प्रधानमंत्री ने कहा कि 140 करोड़ भारतीयों का भरोसा ही सबसे बड़ी ताकत है क्योंकि भारत बड़े लक्ष्य तय कर रहा है और पूरी प्रतिबद्धता के साथ उन्हें हासिल करने के लिए काम कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संकल्पों, भावनाओं और आकांक्षाओं की एकता के सकारात्मक परिणामों की झलक दिखाई दे रही है क्योंकि विभिन्न राज्यों के लोग ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से प्रेरित हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “आज देश इतिहास से प्रेरणा लेकर उज्ज्वल भविष्य का रोडमैप तैयार करने में जुटा है। लोगों ने नकारात्मकता की राजनीति को पराजित कर हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का संकल्प लिया है। यह प्रतिज्ञा हमें विकसित भारत की ओर ले जाएगी”।

छत्रपति वीर शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेते हुए आज भारत, गुलामी की मानसिकता को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। pic.twitter.com/flfEk4nmOu

— PMO India (@PMOIndia) December 4, 2023

भारत के विस्‍तृत इतिहास पर विचार करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि यह केवल गुलामी, पराजयों और निराशाओं की बात नहीं है, बल्कि इसमें भारत की विजय, शौर्य, ज्ञान और विज्ञान, कला और सृजन कौशल और भारत की समुद्री सामर्थ्‍य के गौरवशाली अध्याय भी शामिल हैं। उन्होंने सिंधुदुर्ग जैसे किलों का उदाहरण देकर भारत की क्षमताओं पर प्रकाश डाला, जिन्हें तब बनाया गया था जब तकनीक और संसाधन न के बराबर थे। उन्होंने गुजरात के लोथल में पाए गए सिंधु घाटी सभ्यता के बंदरगाह की धरोहर और सूरत बंदरगाह में 80 से अधिक जहाजों को गोदी में लाने का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने चोल साम्राज्य द्वारा दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में व्यापार के विस्तार के लिए भारत की समुद्री सामर्थ्‍य को श्रेय दिया। इस बात पर अफसोस व्‍यक्‍त करते हुए कि यह भारत की समुद्री सामर्थ्‍य थी जिस पर सबसे पहले विदेशी शक्तियों ने हमला किया था, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जो नौकाएं और जहाज बनाने के लिए प्रसिद्ध था, उसने समुद्र पर नियंत्रण खो दिया और इस तरह रणनीतिक-आर्थिक सामर्थ्‍य खो दी। जैसे-जैसे भारत विकास की ओर बढ़ रहा है, प्रधानमंत्री ने खोए हुए गौरव को पुनः प्राप्त करने पर जोर दिया और ब्लू इकोनॉमी को सरकार के अभूतपूर्व प्रोत्साहन पर प्रकाश डाला। उन्होंने ‘सागरमाला’ के तहत बंदरगाह आधारित विकास का उल्लेख किया और कहा कि भारत ‘समुद्री विजन’ के तहत अपने महासागरों के पूरे सामर्थ्‍य का दोहन करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार ने मर्चेंट शिपिंग को बढ़ावा देने के लिए नए नियम बनाए हैं, जिससे पिछले 9 वर्षों में भारत में समुद्र यात्रा करने वालों की संख्या 140 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है।

We are committed to increasing the strength of our women in the armed forces. pic.twitter.com/YbqCx8aVSK

— PMO India (@PMOIndia) December 4, 2023


वर्तमान समय के महत्व पर जोर देते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, ”यह भारत के इतिहास का वह कालखंड है, जो सिर्फ 5-10 साल का नहीं बल्कि आने वाली सदियों का भविष्य लिखने जा रहा है।” उन्होंने बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत 10वें स्थान से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और तेजी से तीसरे स्थान की ओर बढ़ रहा है। “दुनिया भारत में विश्व मित्र (दुनिया का दोस्‍त) का उदय देख रही है”। श्री मोदी ने कहा, भारत मध्य पूर्व यूरोपीय कॉरिडोर जैसे उपायों से खोया हुआ मसाला मार्ग को फिर से बनेगा। उन्होंने मेड इन इंडिया की ताकत को भी छुआ और तेजस, किसान ड्रोन, यूपीआई प्रणाली और चंद्रयान-3  का उल्लेख कर इसका उदाहरण दिया। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता परिवहन विमान, विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के उत्पादन की तत्‍काल शुरुआत से दिखाई दे रही है।

Today, India is setting impressive targets. pic.twitter.com/m7Q8TYt2GE

— PMO India (@PMOIndia) December 4, 2023

तटीय और सीमावर्ती गांवों को अंतिम के बजाय पहला गांव मानने के सरकार के दृष्टिकोण को दोहराते हुए, श्री मोदी ने कहा, “आज, तटीय क्षेत्रों पर रहने वाले प्रत्येक परिवार के जीवन को बेहतर बनाना केन्‍द्र सरकार की प्राथमिकता है।” उन्होंने 2019 में अलग मत्स्य पालन मंत्रालय बनाने और इस क्षेत्र में 40 हजार करोड़ रुपये के निवेश का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 2014 के बाद मत्स्य उत्पादन में 8 प्रतिशत और निर्यात में 110 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा, किसानों के लिए बीमा कवर 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है और उन्हें किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ मिल रहा है।

India has a glorious history of victories, bravery, knowledge, sciences, skills and our naval strength. pic.twitter.com/CTKWYrqEA3

— PMO India (@PMOIndia) December 4, 2023

मत्स्य पालन क्षेत्र में मूल्य श्रृंखला विकास के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि सागरमाला योजना तटवर्ती क्षेत्रों में आधुनिक कनेक्टिविटी को मजबूत कर रही है। इस पर लाखों करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं और तटीय इलाकों में नए व्यापार और उद्योग लगेंगे। समुद्री खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित उद्योग और मछली पकड़ने वाली नौकाओं का आधुनिकीकरण भी किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “कोंकण अभूतपूर्व संभावनाओं का क्षेत्र है”। क्षेत्र के विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने सिंधुदुर्ग, रत्नागिरी, अलीबाग, परभणी और धाराशिव में मेडिकल कॉलेजों के उद्घाटन, चिपी हवाई अड्डे के संचालन और मानगांव तक जुड़ने वाले दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने यहां काजू किसानों के लिए तैयार की जा रही विशेष योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि समुद्री तट पर स्थित आवासीय क्षेत्रों की सुरक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने इस प्रयास में मैनग्रोव का दायरा बढ़ाने पर जोर दिये जाने का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि मैनग्रोव प्रबंधन के लिए मालवण, अचरा-रत्नागिरी और देवगढ़-विजयदुर्ग समेत महाराष्ट्र के कई स्थानों का चयन किया गया है।

Today India is giving unprecedented impetus to blue economy. pic.twitter.com/v5i3bDdVAF

— PMO India (@PMOIndia) December 4, 2023

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “विरासत के साथ-साथ विकास, यही विकसित भारत का हमारा मार्ग है।” उन्होंने कहा कि केन्‍द्र और राज्य सरकार किलों और छत्रपति वीर शिवाजी महाराज के काल में बने किलों को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहां कोंकण सहित पूरे महाराष्ट्र में इन धरोहरों के संरक्षण पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे क्षेत्र में पर्यटन भी बढ़ेगा और रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

The world is seeing India as a ‘Vishwa Mitra.’ pic.twitter.com/w9eXeEu4CI

— PMO India (@PMOIndia) December 4, 2023

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने दिल्ली के बाहर सशस्त्र बल दिवस जैसे सेना दिवस, नौसेना दिवस आदि आयोजित करने की नई परम्‍परा के बारे में बात की क्योंकि इससे इसका विस्तार पूरे भारत में होता है और नए स्थानों पर नये सिरे से ध्यान जाता है।

‘Made in India’ is being discussed all over the world. pic.twitter.com/ToGiVOTpgF

— PMO India (@PMOIndia) December 4, 2023


इस अवसर पर अन्‍य लोगों के अलावा महाराष्ट्र के राज्यपाल, श्री रमेश बैस, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, श्री एकनाथ शिंदे, केन्‍द्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह, केन्‍द्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री श्री नारायण राणे, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री, श्री देवेन्द्र फड़नवीस और श्री अजीत पवार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल अनिल चौहान और नौसेना अध्‍यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार उपस्थित थे।

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Tags: "India salutes the dedication of its sailors": Prime Minister"भारत अपने नौसैनिकों के समर्पण को सलाम करता है" : प्रधानमंत्रीmochan samachaar
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