नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने 13 मार्च 2024 को मानव विकास रिपोर्ट 2023-2024 जारी की जिसमें स्त्री-पुरूष असमानता सूचकांक 2022 को दर्शाया गया है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB)
स्त्री-पुरूष असमानता सूचकांक (जीआईआई) 2022 में भारत का स्कोर 0.437 है और 193 देशों में से भारत 108वें स्थान पर है। लैंगिक असमानता सूचकांक 2021 में भारत का स्कोर 0.490 था और तब वह 191 देशों में से 122वें स्थान पर था।
इस सूचकांक में 2021 की तुलना में 2022 में 14 रैंक का महत्वपूर्ण सुधार आया है।
पिछले 10 वर्षों में, जीआईआई में भारत की रैंक लगातार बेहतर हुई है, जो देश में स्त्री-पुरूष समानता हासिल करने में प्रगतिशील सुधार का संकेत देती है। 2014 में यह रैंक 127 था, जो अब 108 हो गया है।
यह सरकार के दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक विकास के उद्देश्य का परिणाम है जिसके के तहत नीतिगत पहलों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण सुनिश्चित करने के लिए निर्णायक एजेंडा निर्धारित किया गया। सरकार की पहल महिलाओं के संपूर्ण जीवनचक्र तक विस्तारित है। इसमें बालिका शिक्षा, कौशल विकास, उद्यमिता सुविधा और कार्यस्थल में सुरक्षा निर्धारित की गई है। इन क्षेत्रों में नीतियां और कानून सरकार के ‘महिला-नेतृत्व वाले विकास’ एजेंडे को क्रियान्वित कर रहे हैं।