नई दिल्ली : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज (16 जनवरी, 2024) मेघालय के तुरा में बलजेक हवाई अड्डे पर, स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साथ बातचीत की। उन्होंने तुरा में नए एकीकृत प्रशासन परिसर की आधारशिला भी रखी। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि देश को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के सपने को साकार करने के लिए सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक क्षेत्रों में महिलाओं का सशक्तिकरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश की महिलाएं अपनी पहचान बना रही हैं और प्रत्येक क्षेत्र में अन्य महिलाओं के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। चाहे वह क्षेत्र रक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, खेल, शिक्षा, उद्यमिता, कृषि या कोई अन्य कोई भी क्षेत्र हो। महिलाओं को केवल कुछ प्रेरक शब्दों, प्रोत्साहन और अच्छे कार्यों पर सराहना की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि महिला नेतृत्व-विकास का विचार तभी लागू किया जा सकता है जब महिलाओं को अपनी पसंद का चयन करने की स्वतंत्रता मिले। आर्थिक स्वतंत्रता के साथ, यह कुछ हद तक संभव हो पाया है। आर्थिक आत्मनिर्भरता से महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ता है।
President Droupadi Murmu interacted with women of Self Help Groups at Baljek Airport, Tura. The President urged the members of SHGs to keep moving ahead and also hold the hands of other women to take them forward. She said that this is not their journey alone but that of a large… pic.twitter.com/8Stj9HZxFB
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 16, 2024
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है कि महिलाएं देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में सक्रिय रूप से और बड़ी संख्या में योगदान दें। कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी में सुधार के लिए कई कार्य किए गए हैं। सरकार ने न केवल महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए कई प्रयास किए हैं, बल्कि उनकी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में भी बड़े कदम उठाए हैं। हालांकि, महिला सशक्तिकरण की दिशा में अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना बाकी है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे अपने आसपास की महिलाओं के नैतिक मूल्यों और गुणों को पहचानना शुरू करें और उनका समर्थन करें।
राष्ट्रपति ने स्वयं-सहायता समूहों के सदस्यों से कहा कि वे विकास के मार्ग पर आगे बढ़े और अन्य महिलाओं को भी आगे बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि यह अकेले उनकी यात्रा नहीं है, बल्कि हमारे देश में बड़ी संख्या में महिलाओं की यात्रा है, जिन्हें अभी भी अपने घरों की चारदीवारी से परे अवसरों का पता लगाना बाकी है। उन्हें अपने क्षेत्र और देश की अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बनना चाहिए।
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