नई दिल्ली : झारखंड के राज्यपाल श्री सी.पी. राधाकृष्णन की अध्यक्षता और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा के मुख्य आतिथ्य में विकसित गांव-विकसित भारत थीम पर खरसावां, झारखंड में किसान समागम (कृषि मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम) का शुभारंभ हुआ। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार विकसित गांव-विकसित भारत थीम पर गोंडपुर मैदान, खरसावां, झारखंड में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा किसान समागम (कृषि मेला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम) आयोजित किया जा रहा है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की विभिन्न संस्थाओं, राष्ट्रीय बीज निगम, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, इफको, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, अटारी (पटना), कृषि विज्ञान केंद्रों, नेफेड, नाबार्ड व राज्य की विभिन्न संस्थाओं के साथ मिलकर यह वृहद आयोजन किया गया, जिसमें हजारों किसान शामिल हुए।
इस मौके पर राज्यपाल श्री राधाकृष्णन ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री लालबहादुर शास्त्री ने जय जवान-जय किसान का नारा दिया था, जो प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सार्थक सिद्ध हो रहा है। प्रधानमंत्री से हमने झारखंड के लिए रेलवे इलेक्ट्रिक लाइन सहित अनेक सुविधाओं का आग्रह किया था, जो पूरी हुई हैं। उन्होंने ने कहा कि आज राष्ट्रपति पद को आदिवासी महिला- श्रीमती द्रौपदी मुर्मु सुशोभित कर रही हैं। इसी तरह आदिवासी नेता श्री अर्जुन मुंडा को जनजातीय कार्य के साथ ही कृषि एवं किसान कल्याण जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय का प्रभार प्रधानमंत्री ने सौंपा है। स्टालों का अवलोकन करते हुए मैंने देश में कृषि क्षेत्र में अहम बदलाव को महसूस किया है, केंद्रीय योजनाओं के जरिये क्रांतिकारी बदलाव करते हुए कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसान देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इस परिप्रेक्ष्य में किसान हित में इस प्रकार के समागम अत्यंत सराहनीय है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किसानों की आय में वृद्धि हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि गांवों-कस्बों-शहरों को विकसित बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार योजनाबद्ध ढंग से काम कर रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 2047 तक देश को विकसित बनाने का संकल्प लिया है, जिसे हम सबको मिलकर पूरा करना है। श्री मुंडा ने किसानों से आग्रह किया कि सिर्फ एक फसल लेकर अपने खेतों को खाली नहीं रखें, बल्कि बहुफसली प्रणाली अपनाकर आय बढ़ाते हुए देश के विकास में योगदान दें। केंद्र ने खेतों की मिट्टी की जांच करने की सुविधा मुहैया कराई है, जिसका किसान लाभ उठाएं, इसमें विभाग पूर्णतः सहयोग करेगा। उन्होंने झारखंड की माटी के वीर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि इन्हें सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब हम अपने खेतों को हरा-भरा बनाएं। इसके लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई है, जिनका सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। खेती के लिए ड्रोन एवं नैनो यूरिया का उपयोग भी इसमें अहम है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से मातृ शक्ति गांवों को विकसित बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है, जिनमें हजारों पीएम ड्रोन दीदी शामिल हैं।
श्री मुंडा ने कहा कि किसान हितैषी मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र को हमेशा प्राथमिकता पर रखा है। इसी क्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के बजट को वर्ष 2013-14 के करीब 22 हजार करोड़ रुपये के मुकाबले चालू वर्ष में लगभग सवा पांच गुना तक बढ़ाया गया है। आपदा प्रभावित किसानों को राहत के लिए भी केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को राशि उपलब्ध कराई है, जिसे किसानों तक शीघ्रता से पहुंचाने के लिए राज्य सरकार से कहा गया है। साथ ही, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ झारखंड के किसानों को भी दिलाने के लिए अधिकारियों से कहा है कि वे राज्य सरकार से चर्चा कर राज्य को योजना में शामिल करवाएं। श्री मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा 6,865 करोड़ रु. बजट के साथ 10 हजार नए एफपीओ के गठन व संवर्धन के लिए नई केंद्रीय क्षेत्र की योजना प्रारंभ की गई थी, जिसके तहत लगभग सवा सात हजार एफपीओ पंजीकृत किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत संकल्प यात्रा प्रारंभ की है, जिसके जरिये किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। मोदी की गारंटी की गाड़ियां गांव-गांव घूम रही है। हमें गरीबों को साथ लेकर आगे बढ़ना है।
श्री मुंडा ने कहा कि किसान हित में श्री अन्न को बढ़ावा देने के लिए केंद्र के प्रयास जोरों पर है। सूदरवर्ती क्षेत्रों के आदिवासियों के कल्याण के लिए जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा कई कार्यक्रमों के साथ 24 हजार करोड़ रु. की पीएम-जनमन योजना भी प्रारंभ की गई है। उन्होंने कहा कि एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना के साथ सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास के मूलमंत्र से देश में काम हो रहा है।
इस मौके पर राज्यपाल व केंद्रीय मंत्री ने प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया। 150 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे, जहां बड़ी संख्या में किसानों ने जानकारी लेकर लाभ प्राप्त किया। किसानों के लिए केंद्र की योजनाओं का लघु फिल्म द्वारा प्रचार-प्रसार किया गया। किसानों को इफको द्वारा नैनो यूरिया किट, एचआईएल द्वारा सुरक्षा किट व पौधों का वितरण किया गया। चारा बीज उत्पादन पर प्रशिक्षण के साथ कृषि अवसंरचना कोष, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती, ड्रोन का उपयोग, कृषि को उद्यम के रूप में विकसित करने, नैनो यूरिया सहित पीपीवीएफआरए गतिविधियों व अन्य योजनाओं के बारे में जागरूकता का प्रसार किया गया। माध्यमिक कृषि, मुर्गीपालन, एकीकृत कृषि प्रणाली आदि से अवगत कराया गया। मेले में सांसद श्री संजय सेठ व श्री बिद्युत बरन महतो सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कृषि वैज्ञानिक, वरिष्ठ अधिकारी आदि उपस्थित थे।
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