नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट (delhi high court) ने दिल्ली में आशा किरण आश्रय गृह (Asha Kiran shelter home) में 14 लोगों की मौत के मामले पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव (Social Welfare Secretary ) को निर्देश दिया कि वो 12 अगस्त तक ताजा स्टेटस रिपोर्ट ( status report) दाखिल करें। हाई कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को आशा किरण आश्रय गृह के पानी की जांच करने का भी आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई अब 12 अगस्त को होगी।
बुधवार (7 अगस्त) को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव के इस आश्वासन पर गौर किया कि वो इस मामले की मानिटरिंग व्यक्तिगत रूप से कर रहे हैं। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव को निर्देश दिया कि वो दिल्ली के उप-राज्यपाल से मिलकर उनसे आर्थिक मदद मांगें, ताकि संविदा पर कर्मचारी रखकर स्टाफ की कमी को दूर किया जा सके।
इसके पहले सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए कहा था कि सरकार की ओर से संचालित केंद्र में एक महीने में 14 मौतें महज संयोग नहीं हो सकती हैं। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के समाज कल्याण सचिव को व्यक्तिगत रूप से केंद्र का दौरा करने और कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट ने दिल्ली जल बोर्ड को आशा किरण आश्रय गृह के पानी की जांच करने का भी आदेश दिया, क्योंकि हाई कोर्ट को बताया गया कि मृत महिलाओं में से कई टीबी की बीमारी से पीड़ित थीं।
बता दें, जुलाई में आशा किरण आश्रय गृह में रहने वाले 14 लोगों की मौत रोहिणी के बाबा अंबेडकर अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई थी। मरने वालों में एक किशोर, 8 महिलाएं और 5 पुरुष थे। आशा किरण होम में करीब 980 मानसिक रूप से बीमार लोग रह रहे हैं। फरवरी से लेकर अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है।