नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Union Commerce and Industry Minister Piyush Goyal) ने आज राज्यसभा में बॉयलर विधेयक, 2024 पेश किया। यह बॉयलर अधिनियम, 1923 (1923 का 5) को निरस्त करेगा।
इससे पहले, 2 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने मौजूदा बॉयलर अधिनियम, 1923 को निरस्त करने और संसद में “बॉयलर विधेयक, 2024” पेश करने को मंजूरी दी थी। विधेयक की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
विधेयक के प्रावधानों को अधिक स्पष्टता प्रदान करने के लिए इसे आधुनिक प्रारूपण पद्धतियों के अनुसार तैयार किया गया है। बॉयलर अधिनियम, 1923 में विभिन्न स्थानों पर मौजूद समान प्रावधानों को छह अध्यायों में एक साथ रखा गया है, ताकि अधिनियम को आसानी से पढ़ा और समझा जा सके। किसी भी भ्रम से बचने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकारों और केंद्रीय बॉयलर बोर्ड के सभी कार्यों/शक्तियों का विस्तार से वर्णन किया गया है।
व्यापार करने में आसानी (ईओडीबी) के लिए, विधेयक एमएसएमई क्षेत्र सहित बॉयलर उपयोगकर्ताओं को लाभान्वित करेगा, क्योंकि विधेयक में गैर-अपराधीकरण से संबंधित प्रावधानों को शामिल किया गया है। बॉयलर और बॉयलर का काम-काज करने वाले कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सात अपराधों में से, चार प्रमुख अपराधों में, जिनके परिणामस्वरूप जान और संपत्ति का नुकसान हो सकता है, आपराधिक दंड बरकरार रखा गया है। अन्य अपराधों के लिए, वित्तीय दंड का प्रावधान किया जा रहा है। इसके अलावा, सभी गैर-आपराधिक अपराधों के लिए ‘आर्थिक दंड’ को ‘जुर्माने’ में बदल दिया गया है, जिसे पहले की तरह अदालतों के बजाय कार्यकारी तंत्र के माध्यम से लगाया जाएगा।
प्रस्तावित विधेयक सुरक्षा को बढ़ाएगा, क्योंकि विधेयक में बॉयलर के अंदर काम करने वाले व्यक्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बॉयलर की मरम्मत योग्य और सक्षम व्यक्तियों द्वारा किए जाने के विशिष्ट प्रावधान किए गए हैं।
पृष्ठभूमि
भारत सरकार वर्तमान समय में उपयुक्तता और प्रासंगिकता के दृष्टिकोण से संविधान-पूर्व सभी अधिनियमों की जांच कर रही है।
संविधान-पूर्व अधिनियम; बॉयलर अधिनियम, 1923, जीवन और संपत्ति की सुरक्षा से संबंधित है। इसलिए, मौजूदा अधिनियम के प्रावधानों की समीक्षा करके और संसद में एक नया बॉयलर विधेयक, 2024 पेश करके अधिनियमन को जारी रखना महत्वपूर्ण है।
बॉयलर अधिनियम, 1923 को वर्ष 2007 में भारतीय बॉयलर (संशोधन) अधिनियम, 2007 द्वारा व्यापक रूप से संशोधित किया गया था, जिसमें स्वतंत्र तृतीय पक्ष निरीक्षण प्राधिकरणों द्वारा निरीक्षण और प्रमाणन की शुरुआत हुई थी। हालांकि, मौजूदा अधिनियम की आगे की जांच करने पर, अधिनियम की समीक्षा करने और जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम, 2023 के अनुरूप गैर-अपराधीकरण प्रावधानों को शामिल करने की आवश्यकता महसूस की गई है।
तदनुसार, मौजूदा अधिनियम की समीक्षा की गई है, जिसमें अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधानों को हटा दिया गया है तथा नियमों और विनियमों के लिए कुछ सक्षम प्रावधान किए गए हैं, जो पहले मौजूद नहीं थे। कुछ नई परिभाषाएँ भी शामिल की गई हैं और कुछ मौजूदा परिभाषाओं में संशोधन किया गया है, ताकि विधेयक के प्रावधानों को और अधिक स्पष्टता दी जा सके। (संलग्न अनुलग्नक में विस्तृत जानकारी दी गई है)
अनुलग्नक
बॉयलर विधेयक, 2024 की मुख्य विशेषताएं
अधिनियम को छह अध्यायों में विभाजित किया गया है और प्रावधानों को अध्यायवार पुनर्व्यवस्थित किया गया है। (मौजूदा अधिनियम में कोई अध्याय नहीं है और समान प्रावधान अलग-अलग स्थानों पर हैं)।
बॉयलर अधिनियम, 1923 में निम्नलिखित अनावश्यक/अप्रचलित प्रावधानों को हटा दिया गया है;
धारा 1(2): अधिनियम की संपूर्ण भारत पर प्रयोज्यता,
धारा 2ए: अधिनियम की फीड-पाइप पर प्रयोज्यता, और
धारा 2बी: अधिनियम की इकोनोमाईजर पर प्रयोज्यता।
बॉयलर विधेयक, 2024 के खंड-2 में निम्नलिखित नई परिभाषाएँ शामिल की गई हैं: 2(के): अधिसूचना, 2(पी): विनियम, 2(क्यू): राज्य सरकार।
अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप बॉयलर विधेयक, 2024 के खंड-2 में निम्नलिखित परिभाषाओं में संशोधन किया गया है: 2(डी): बॉयलर घटक, 2(एफ): सक्षम प्राधिकरण, 2(जे): निरीक्षण प्राधिकारी।
जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक में निहित बॉयलर अधिनियम, 1923 के लिए गैर-अपराधीकरण प्रावधानों को खंड 27, 28, 29, 30, 31, 39 और 42 में शामिल किया गया है तथा बॉयलर विधेयक, 2024 में दो नए खंड अर्थात् 35 (न्यायनिर्णय) और 36 (अपील) शामिल किए गए हैं। तदनुसार, गैर-आपराधिक अपराधों के लिए ‘आर्थिक दंड’ को ‘जुर्माने’ में बदल दिया गया है (खंड: 27, 28, 30(1) और 31)।
अधिनियम में विद्यमान नियमों और विनियमों के लिए सक्षम प्रावधान बनाने हेतु विधेयक में निम्नलिखित प्रावधान शामिल किए गए हैं: खंड 3(7), 5(8), 10(1)(एफ), 10(2), 11(2), 12(9), 23(4) और 32(2)।
विधेयक में विभिन्न प्रावधानों के अनुरूप, नियम बनाने की केंद्र सरकार की शक्ति (खंड 39); नियम बनाने की बोर्ड की शक्ति (खंड 40) और नियम बनाने की राज्य सरकार की शक्ति (खंड 42) को विस्तार से सूचीबद्ध किया गया है।
विधेयक में निम्नलिखित नए प्रावधान शामिल किए गए हैं:
(i) खंड 43 (कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति): बॉयलर अधिनियम, 2024 के प्रावधानों को तीन वर्ष की अवधि के भीतर प्रभावी करने में किसी भी कठिनाई को दूर करने के लिए
(ii) खंड 44 (निरस्त और रक्षण): बॉयलर अधिनियम, 1923 के तहत विभिन्न नियमों, विनियमों, आदेशों आदि को तब तक रक्षित रखना, जब तक कि पुनः अधिनियमित बॉयलर अधिनियम, 2024 के तहत नए नियम, विनियम, आदेश आदि अधिसूचित नहीं हो जाते।
वर्तमान प्रारूपण तौर-तरीकों के अनुसार विभिन्न खंडों का पुनः प्रारूपण किया गया तथा विभिन्न प्रावधानों के संदर्भ शामिल किये गए।