नई दिल्ली : स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, यूएलएलएएस–(अंडरस्टैंडिंग लाइफलांग लर्निंग फॉर ऑल इन सोसायटी) – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में 17 मार्च, 2024 को 23 राज्यों में बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक मूल्यांकन परीक्षण (एफएलएनएटी) आयोजित करने के लिए तैयार है। इस महत्वपूर्ण राष्ट्रव्यापी मूल्यांकन में लगभग 37 लाख शिक्षार्थी शामिल होंगे। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB)
एफएलएनएटी प्रत्येक भाग लेने वाले राज्य/केंद्रशासित प्रदेश के सभी जिलों में आयोजित की जाएगी, जिसमें जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डीआईईटी) और सरकारी/सहायता प्राप्त स्कूल परीक्षा केंद्र के रूप में काम करेंगे। इस मूल्यांकन में तीन विषय- पढ़ना, लिखना और संख्यात्मकता शामिल हैं। प्रत्येक के कुल 50 अंक होंगे। इस प्रकार परीक्षा के कुल 150 अंक होंगे। यह परीक्षा पंजीकृत गैर-साक्षर शिक्षार्थियों की बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल का मूल्यांकन करने के लिए विकसित की गई है।
इससे पहले, वर्ष 2023 में दो एफएलएनएटी – मार्च और सितंबर में आयोजित किए गए थे। पिछला एफएलएनएटी 24 सितंबर, 2023 को आयोजित किया गया था, जिनमें 17,39,097 शिक्षार्थी उपस्थित हुए थे, जिनमें 15,58,696 प्रमाणित हुए थे। अभी तक कुल 36,00,870 शिक्षार्थी प्रमाणित किये जा चुके हैं। यह परीक्षा बहुभाषावाद को बढ़ावा देने और शिक्षा के माध्यम के रूप में मातृभाषा या स्थानीय भाषा का उपयोग करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप, शिक्षार्थियों की क्षेत्रीय भाषा में आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा को क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने से भाषाई विविधता को प्रोत्साहन देने और संरक्षित करने में सहायता मिलेगी।
इस बार, चंडीगढ़, पुदुचेरी, लक्षद्वीप और गोवा सहित कुछ केंद्र शासित प्रदेशों का एफएलएनएटी के माध्यम से शत प्रतिशत साक्षरता घोषित करने का लक्ष्य है। यह परीक्षा यूएलएलएएस – नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में आयोजित प्रशिक्षण-शिक्षण सत्रों के प्रभाव का आकलन करने के लिए बहुत आवश्यक है। योग्य शिक्षार्थियों को राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) द्वारा जारी एक प्रमाण पत्र दिया जाएगा, जो बुनियादी साक्षरता और संख्यात्मक कौशल प्राप्त करने में उनकी उपलब्धि को मान्यता देगा।
17 मार्च, 2024 को आयोजित हो रहा एफएलएनएटी विकसित भारत और जन जन साक्षर भारत के विजन को अर्जित करने की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। हम पूरे देश में साक्षरता दर बढ़ाने में यूएलएलएएस की निरंतर सफलता और प्रभाव को देखने के लिए उत्सुक हैं।