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रेलवे में 2014 से 2024 तक 5 लाख दो हजार भर्तियां की गईं है : रेल मंत्री

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
01/08/2024
in देश
Reading Time: 1 min read
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भारतीय रेलवे ने 1 अप्रैल, 2023 से 31 दिसंबर, 2023 के बीच कुल 9 महीनों के दौरान अब तक का सबसे अधिक पूंजीगत व्यय का उपभोग किया
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नई दिल्ली  : लोकसभा (loksabha) में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि रेलवे में 2014 से 2024 तक यानि एनडीए (nda) के 10 सालों में 5 लाख 2 हजार भर्तियां की गई हैं। लोकसभा में अपने संबोधन के दौरान रेल मंत्री ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, “हम रील बनाने वाले लोग नहीं हैं। हम कड़ी मेहनत करते हैं, न कि आप लोगों की तरह दिखावे के लिए रील बनाते हैं।” रेल मंत्री ने लोकसभा में गरजते हुए कहा कि कांग्रेस की झूठ की दुकान अब नहीं चलेगी।

रेलवे भारत की लाइफ लाइन

उन्होंने कहा, रेलवे भारत की लाइफ लाइन है। मैं धन्यवाद देना चाहूंगा उन 12 लाख रेल कर्मियों का, 12 लाख के इस रेल परिवार का, जो दिन-रात लगकर, सर्दी-गर्मी, धूप-बारिश में भी लगकर प्रतिदिन करीब 20 हजार से अधिक ट्रेन चलाते हैं और देश की सेवा करते हैं।

रेलवे की अनुदान मांगों को मिली मंजूरी

दरअसल, रेल मंत्रालय के लिए अनुदान की मांगों को लेकर गुरुवार को लोकसभा में तीखी बहस छिड़ गई। इस दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने वक्तव्य में तमाम अहम बातें बताई। इसके बाद लोकसभा ने रेलवे की अनुदान मांगों को भी मंजूरी दे दी। जी हां, पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव विपक्षी सदस्य की टिप्पणी पर भड़क गए और कहा कि मौजूदा सरकार सहानुभूति बटोरने में नहीं बल्कि सुधार के लिए कड़ी मेहनत करने में विश्वास रखती है।

रेल दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण ट्रैक की खराबी  

सदन में यह हंगामा तब शुरू हुआ जब रेल मंत्री वैष्णव ने पूर्ववर्ती यूपीए सरकार पर स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली स्थापित करने पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में एटीपी विकसित करने का फैसला किया, कवच का पहला परीक्षण 2016 में हुआ और 2019 में इसे एसआईएल-4 प्रमाणन प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि 2022 में इस प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए 3,000 किलोमीटर लंबी परियोजना शुरू की गई और 2024 में कवच के संस्करण 4.0 को मंजूरी दी गई। वैष्णव ने कहा कि रेल दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण ट्रैक की खराबी को बड़ी चिंता के साथ संबोधित किया गया है।

इसके अलावा, उन्होंने उल्लेख किया कि यूपीए शासन के दौरान हर साल औसतन 171 दुर्घटनाएं होती थीं। अब इसमें 68 प्रतिशत की कमी आई है, हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अभी भी काम किया जाना बाकी है और सभी इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं।

रेलवे में भर्ती की वर्षों से हो रही थी मांग

लोकसभा में अपने संबोधन में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, “हम रील बनाने वाले लोग नहीं हैं। हम कड़ी मेहनत करते हैं, न कि आप लोगों की तरह दिखावे के लिए रील बनाते हैं।” वैष्णव ने लोकसभा में गरजते हुए कहा कि कांग्रेस की झूठ की दुकान अब नहीं चलेगी। लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगर रेलवे में भर्ती की बात करें तो यूपीए के कार्यकाल में 2004 से 2014 तक रेलवे में सिर्फ 4 लाख 11 हजार कर्मचारियों की भर्ती हुई थी, जबकि 2014 से 2024 तक यानि एनडीए के 10 सालों में ये संख्या 5 लाख 2 हजार हो जाती है, जिसकी सालों से मांग हो रही थी। रेलवे भर्ती के लिए एक वार्षिक कैलेंडर हो, हमने इसे जनवरी 2024 में घोषित कर दिया है। जो युवा रेलवे में जाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, उनके लिए अब साल में 4 बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में वैकेंसी निकलती हैं। अभी भी 40,565 वैकेंसी विज्ञापित हैं जिन्हें भरा जाना है।

रेल मंत्री ने कहा कि लोको पायलटों के औसत काम करने और आराम करने का समय 2005 में बनाए गए एक नियम के अनुसार तय होता है। 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को ज्यादा सुविधाएं दी गईं। सभी रनिंग रूम- 558 को वातानुकूलित बनाया गया। लोको कैब बहुत ज्यादा कंपन करती हैं, गर्म होती हैं और इसलिए 7,000 से ज्यादा लोको कैब वातानुकूलित हैं। यह उन लोगों के समय में शून्य था जो आज रील बनाकर सहानुभूति दिखाते हैं।

रेलवे पर देश की अर्थव्यवस्था करती है निर्भर 

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रेलवे देश की जीवन रेखा है और एक महत्वपूर्ण संगठन है जिस पर देश की अर्थव्यवस्था निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि आगामी 50 अमृत भारत ट्रेनों में 13 नए सुधार शामिल किए जाएंगे। उन्होंने घोषणा की कि 150-200 किलोमीटर की दूरी के लिए डिजाइन की गई वंदे मेट्रो ट्रेन का वर्तमान में परीक्षण किया जा रहा है और इससे यात्री सेवाओं में सुधार होगा।

वंदे स्लीपर ट्रेन की जा रही है विकसित 

उन्होंने उल्लेख किया कि लंबी दूरी की यात्रा के लिए, वंदे स्लीपर ट्रेन विकसित की जा रही है, जिसकी पहली ट्रेन पहले ही बन चुकी है और वर्तमान में इसका परीक्षण चल रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि वंदे भारत, अमृत भारत, वंदे मेट्रो और वंदे स्लीपर ट्रेनों के संयोजन से आने वाले वर्षों में यात्री सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार होगा। (इनपुट-हिंदुस्थान समाचार)

Tags: indian railwayLOKSABHAUnion Railway Minister Ashwini Vaishnav
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