नयी दिल्ली : पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भारत की राष्ट्रपति (President of India) द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu)24 जुलाई, 2023 को कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और खान, कोयला और रेलवे राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे की गरिमामय उपस्थिति में राष्ट्रपति भवन के सांस्कृतिक केन्द्र में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2022 प्रदान करेंगी। खान मंत्रालय हर वर्ष तीन श्रेणियों में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रदान करता है:
- लाइफ टाइम अचीवमेंट के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार
- राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार
- भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार।
1966 में शुरू किया गया राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (एनजीए) ऐसे असाधारण व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देने और उनकी सराहना का प्रतीक है, जिन्होंने भूविज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्टता, समर्पण और नवाचार का प्रदर्शन किया है।
पुरस्कार खनिज खोज और अन्वेषण, बुनियादी भूविज्ञान, एप्लाइड भूविज्ञान और खनन, खनिज लाभ और स्थायी खनिज विकास के क्षेत्र में प्रदान किए जाते हैं।
इस वर्ष एनजीए 2022 के लिए, विभिन्न पुरस्कार श्रेणियों के तहत 168 नामांकन प्राप्त हुए और तीन चरण की स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से नामांकनों की जांच की गई। विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत 10 राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कारों के लिए चयन किया गया, जिसमें लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए एक राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार, विभिन्न क्षेत्रों के तहत 8 राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार और एक राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार शामिल हैं। भारत की राष्ट्रपति ये 10 एनजीए पुरस्कार 22 भूवैज्ञानिकों को प्रदान करेंगी।
लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार डॉ. ओम नारायण भार्गव को प्रदान किया जाएगा, जो पिछले चार दशकों से हिमालय में अपने पथ-प्रदर्शक कार्यों के लिए जाने जाते हैं। राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमिया कुमार सामल को प्रदान किया जाएगा, जिन्होंने इंडियन शील्ड के विभिन्न आर्कियन क्रेटन के नीचे उप-महाद्वीपीय लिथोस्फेरिक मेंटल (एससीएलएम) की विविधता को समझने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार प्रतिष्ठित भूवैज्ञानिकों, विद्वानों, नीति-निर्माताओं और उद्योग जगत के नेताओं की गरिमामय उपस्थिति में प्रदान किए जाएंगे।
उद्धरण पुस्तिका: sendgb.com/uIHstavdMZe
राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कारों के बारे में:-
परिचय
राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार खान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 1966 में शुरू किया गया, भूविज्ञान के क्षेत्र के सबसे पुराने और सबसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय पुरस्कारों में से एक है। वर्ष 2009 से पहले इन पुरस्कारों को राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार कहा जाता था। राष्ट्रीय स्तर के इस पुरस्कार का उद्देश्य भूविज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों और उत्कृष्ट योगदान के लिए व्यक्तियों और टीमों को सम्मानित करना है।
वर्ष 2022 में गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों/सुझावों के अनुसार, राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कारों को तर्कसंगत बनाया गया है और पुरस्कारों की कुल संख्या 21 से कम कर 12 कर दी गई है। राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार को राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल यानी www.awards.gov.in पर शामिल किया गया था और एनजीए-2022 के लिए नामांकन इस पुरस्कार पोर्टल के माध्यम से निम्नलिखित तीन पुरस्कार श्रेणियों के लिए ऑनलाइन मोड में आमंत्रित किए गए थे-
(i) लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (एकल पुरस्कार),
(ii) राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार (दस पुरस्कार), और
(iii) राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार (एकल पुरस्कार)।
पुरस्कार के लिए चयन प्रक्रिया
पुरस्कार विजेताओं की चयन प्रक्रिया बहुत अच्छी तरह से परिभाषित है और अंततः पुरस्कार विजेता का चयन करने के लिए तीन स्तर की समितियां होती हैं। खान सचिव और पुरस्कार निर्माण प्राधिकार (एएमए) के अध्यक्ष ने अनुशासन-वार मूल्यांकन और जांच के लिए प्रथम स्तर की समितियों के रूप में 4 अनुभागीय जांच समितियों (एसएससी) और दूसरे स्तर की समिति के रूप में विशेषज्ञों की एक स्क्रीनिंग समिति (एससीई) का गठन किया है। एसएससी की सिफारिशें एससीई के समक्ष रखी जाती हैं। लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार और राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार के लिए नामांकन का मूल्यांकन एसएससी द्वारा नहीं किया जाता है और सीधे एससीई में रखा जाता है। सिफारिशों का अंततः मूल्यांकन किया जाता है और शीर्ष प्राधिकार यानी पुरस्कार गठन प्राधिकार (एएमए) इस पर विचार करता है।
राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2022 के पुरस्कार विजेता
राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2022 के लिए कुल 173 नामांकन प्राप्त हुए थे। तीन पुरस्कार श्रेणियों के तहत वैध नामांकनों की संख्या 168 है। कुल 12 पुरस्कारों में से, एएमए ने अंततः 10 पुरस्कारों का चयन किया है जिसमें 4 व्यक्तिगत पुरस्कार, 3 टीम पुरस्कार और 3 संयुक्त पुरस्कार शामिल हैं। 04 व्यक्तिगत पुरस्कारों में लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार के लिए एक पुरस्कार और राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार के लिए एक अन्य पुरस्कार भी शामिल है। विवरण निम्नानुसार है-
क्र.सं. | पुरस्कार की श्रेणी | पुरस्कारों की संख्या |
1. | लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार | 1 पुरस्कार |
2. | राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक पुरस्कार | 8 पुरस्कार
(3 टीम पुरस्कार+3 संयुक्त पुरस्कार + 2 व्यक्तिगत पुरस्कार = 20 पुरस्कार विजेता) |
3. | राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार | 1 पुरस्कार |
कुल
|
10 पुरस्कार
(22 पुरस्कार विजेता) |
राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कारों 2022 के पुरस्कार विजेताओं की सूची इस प्रकार है-
लाइफटाइम अचीवमेंट के लिए राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2022 | |
डॉ. ओम नारायण भार्गव मानद प्रोफेसर भूविज्ञान विभाग पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ |
|
राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार-2022 | |
अनुभाग- I – खनिज खोज एवं अन्वेषण | |
फ़ील्ड (i): आर्थिक और/या रणनीतिक महत्व के खनिज खोज और अन्वेषण (जीवाश्म ईंधन को छोड़कर) और नवीन तकनीकों का अनुप्रयोग
1. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) टीम में शामिल हैं i. श्रीमती सौभाग्यलक्ष्मी साहू, भूविज्ञानी ii. श्रीमती स्वप्निता ब्रह्मा, भूविज्ञानी iii. श्री योगीशा एस.एन., भूविज्ञानी iv. श्री पी. राजेश दुरई, निदेशक 2. भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) टीम में शामिल हैं i. श्री जीतेन्द्र कुमार, भूविज्ञानी ii. श्री नगाज़िम्मी चाहोंग, भूविज्ञानी iii. श्री विकास कुमार आचार्य, वरिष्ठ भूविज्ञानी iv. श्री अनिंद्य भट्टाचार्य, निदेशक |
टीम पुरस्कार
टीम पुरस्कार
|
फील्ड (ii): कोयला, लिग्नाइट और कोल बेड मीथेन की खोज और आर्थिक और/या रणनीतिक महत्व की खोज और अन्वेषण तथा नवीन तकनीकों का अनुप्रयोग और तेल, प्राकृतिक गैस, शेल गैस और गैस हाइड्रेट्स की खोज और अन्वेषण (संसाधनों के दोहन और जलाशय प्रबंधन के लिए परियोजना विकास और योजना सहित)
भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) टीम में शामिल हैं i. डॉ. सत्य नारायण सेठी, भूविज्ञानी ii. श्री नितिन नरेंद्र राऊत, भूविज्ञानी iii. श्री राकेश दीपांकर, वरिष्ठ भूविज्ञानी iv. श्री सुमित जयसवाल, भूविज्ञानी |
टीम पुरस्कार
|
अनुभाग- II – खनन, खनिज लाभ और स्थायी खनिज विकास | |
फील्ड (iv) खनिज लाभ (खनिज प्रसंस्करण, निम्न श्रेणी के अयस्कों के उपयोग और मूल्यवर्धित खनिज उत्पादों और खनिज अर्थशास्त्र के उत्पादन के लिए परियोजना विकास सहित) और स्थायी खनिज विकास (खान बंद करने, परियोजना विकास, संस्थागत विकास और क्षमता निर्माण सहित)
श्री पंकज कुमार सतीजा प्रबंध निदेशक, टाटा स्टील माइनिंग लिमिटेड नयापल्ली, भुवनेश्वर, ओडिशा |
व्यक्तिगत पुरस्कार |
अनुभाग- III – बुनियादी भूविज्ञान |
|
फील्ड (v): स्ट्रैटिग्राफी, संरचनात्मक भूविज्ञान, पेलियोन्टोलॉजी, जियोडायनामिक्स, जियोकैमिस्ट्री, जियोक्रोनोलॉजी और आइसोटोप भूविज्ञान, महासागर विकास (समुद्र विज्ञान और समुद्री भूविज्ञान), ग्लेशियोलॉजी और आर्कटिक और अंटार्कटिक अनुसंधान सहित भू-वैज्ञानिक अभियानों सहित बुनियादी भूविज्ञान; और विज्ञान सर्वेक्षण/आधारभूत भूविज्ञान डेटा संग्रह जिसमें भूवैज्ञानिक और भू-रासायनिक मानचित्रण और सर्वेक्षण, और व्यवस्थित विषयगत मानचित्रण शामिल हैं 1. प्रो. सईबल गुप्ता, भूविज्ञान और भूभौतिकी विभाग आईआईटी खड़गपुर, पश्चिम बंगाल 2. संयुक्त पुरस्कार- (i) डॉ. वलीउर रहमान, वैज्ञानिक ई, राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, गोवा और (ii) प्रो. दीपक चंद्र पाल, भूवैज्ञानिक विज्ञान विभाग, जादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता |
व्यक्तिगत पुरस्कार
संयुक्त पुरस्कार |
अनुभाग- IV – एप्लाइड भूविज्ञान | |
फ़ील्ड (vi): एप्लाइड भूविज्ञान: इंजीनियरिंग भूविज्ञान, जियोथर्मल एनर्जी, सिस्मोटेक्टोनिक्स, जियोस्टैटिस्टिक्स, रिमोट सेंसिंग और जियो-इंफॉर्मेशन सिस्टम (स्थानिक डेटा प्रबंधन अनुप्रयोगों और डेटा एकीकरण सहित); भूजल अन्वेषण (परियोजना विकास, हाइड्रोजियोलॉजिकल अध्ययन और भूजल संसाधनों के प्रबंधन सहित; खनन, शहरी, औद्योगिक, तटीय और रेगिस्तानी प्रबंधन, पुराजलवायु, पुरापर्यावरण, चिकित्सा भूविज्ञान, जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी तंत्र पर उनके प्रभाव से संबंधित अध्ययन से संबंधित भू-पर्यावरणीय अध्ययन।
संयुक्त पुरस्कार- i. डॉ. हरीश बहुगुणा निदेशक, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, जम्मू और ii. डॉ. कीसारी तिरुमलेश वैज्ञानिक अधिकारी, भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र, मुंबई |
संयुक्त पुरस्कार
|
फील्ड (viii): प्राकृतिक खतरों की जांच जिसमें भूकंप, भूस्खलन, बाढ़ और सुनामी जैसे प्राकृतिक खतरों से संबंधित वैज्ञानिक अध्ययन शामिल हैं।
1. संयुक्त पुरस्कार- i. डॉ. सईबल घोष उप-महानिदेशक जनरल, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, कोलकाता और ii. डॉ. विक्रम गुप्ता वैज्ञानिक – एफ, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, देहरादून |
संयुक्त पुरस्कार
|
राष्ट्रीय युवा भूवैज्ञानिक पुरस्कार-2022 | |
डॉ. अमिया कुमार सामल
सहायक प्रोफेसर भूविज्ञान विभाग बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी |
……………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………