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उत्तराखंड में वनाग्नि रोकने के लिए अब सचिवों को दी जिम्मेदारी

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
08/05/2024
in देश
Reading Time: 1 min read
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उत्तराखंड में वनाग्नि रोकने के लिए अब सचिवों को दी जिम्मेदारी
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NEW DELHI  : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार (8 मई) को सचिवालय में वनाग्नि को रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई और आगामी मानसून सीजन के दृष्टिगत तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने वनाग्नि रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 10 कार्मिकों को निलंबित किया है। कुछ अन्य कार्मिकों पर भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह निर्देश दिए कि वनाग्नि को पूर्णतः रोकने के लिए सभी सचिवों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी जाए। इसके अलावा सीएम पुष्कर धामी ने जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल को एकत्रित करने के लिए ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन को शुरू करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वे वनाग्नि को रोकने और जनजागरूकता के लिए फायर लाइन बनाने की कार्रवाई में शामिल रहेंगे। उन्होंने कहा कि इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए जनसहयोग लिया जाए। जंगलों में आग लगाने की घटनाओं में जो भी लिप्त पाए जा रहे हैं, उन पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाए। वनाग्नि रोकने के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए।

वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कर रही कार्य

वहीं दूसरी ओर इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज रुद्रप्रयाग पहुंचकर जंगल में बिखरी हुई पिरूल की पत्तियों को एकत्र करते हुए जन-जन को इसके साथ जुड़ने का संदेश दिया। उन्होंने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल एक्स एक पोस्ट में साझा करते हुए कहा पिरूल की सूखी पत्तियां वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती हैं। वनाग्नि को रोकने के लिए सरकार ‘पिरूल लाओ-पैसे पाओ’ मिशन पर भी कार्य कर रही है।

मानसून से पूर्व सभी तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाएं

आगामी मानसून सीजन की तैयारियों के संबंध में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मानसून से पहले नालियों की सफाई, ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन की कार्रवाई पूर्ण की जाए। नदी किनारे सुरक्षा दीवारों के निर्माण और मरम्मत कार्य ससमय पूर्ण किए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी पुराने ब्रिजों का सेफ्टी ऑडिट किया जाए। वर्षाकाल के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों में वैली ब्रिज की पूर्ण व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी डैम की गहराई और क्षेत्रफल की वर्तमान स्थिति जानने के लिए संबंधित विभागों की एक कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई जाए। यह भी आंकलन किया जाए कि डैम के बनने से वर्तमान समय तक डैम की गहराई और क्षेत्रफल की स्थिति क्या है।

प्रो-एक्टिव एप्रोच से काम करें अधिकारी

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मानसून सीजन शुरू होने से पहले डेंगू, मलेरिया और अन्य जल जनित रोगों से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता के साथ पूरी तैयारी की जाए। स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। आपदा के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की रैपिड एक्शन टीम तैयार रखी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रो-एक्टिव एप्रोच के साथ कार्य करें। पेयजल की पर्याप्त आपूर्ति के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। स्वच्छ पेयजल के लिए पर्याप्त वैकल्पिक व्यवस्थाएं रखी जाए। जहां पेयजल की समस्या है वहां टैंकर और खच्चर से पानी आपूर्ति की जाए। इसके लिए सभी कार्यदायी संस्थाएं समन्वय के साथ कार्य करें।

चारधाम यात्रियों को मौसम अलर्ट की व्यवस्था

मुख्यमंत्री धामी ने निर्देश दिए कि राज्य में चारधाम यात्रा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं सुचारु रखी जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि मौसम की जानकारी से संबंधित अलर्ट एसएमएस के माध्यम से लोगों को मिले। चारधाम और मौसम से संबंधित अन्य सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए सूचना तंत्र को मजबूत बनाया जाए। श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत सभी विभाग अपने स्तर पर बेहतर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए आधुनिक तकनीकि का अधिकतम इस्तेमाल किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के दृष्टिगत संवदनशील स्थलों और चारधाम यात्रा मार्गों पर जेसीबी की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।

Tags: Chief Minister pushkar singh dhami
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