नई दिल्ली : विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और चिली के विदेश मंत्री अल्बर्टो वान क्लावेरेन ने बुधवार को दिल्ली में हैदराबाद हाउस में मुलाकात की। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि भारत वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में चिली की भागीदारी को अत्यधिक महत्व देता है। विदेश मंत्री अल्बर्टो वान क्लावेरेन 27 अगस्त से 31 अगस्त तक चलने वाली पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए भारत आए हैं।
आज नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय भारत-चिली संयुक्त आयोग की बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने अपने चिली समकक्ष अल्बर्टो वान क्लावेरेन का स्वागत किया। इस दौरान इस जयशंकर ने कहा कि भारत-चिली संयुक्त आयोग की पहली बैठक कोविड के समय में वर्चुअली हुई थी। ऐसे में इस साल व्यक्तिगत रूप से मिलने का अवसर खुशी की बात है।
उन्होंने कहा कि हम वॉयस ऑफ़ ग्लोबल साउथ समिट में चिली की भागीदारी को बहुत महत्व देते हैं। 17 अगस्त को आयोजित तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक के व्यावहारिक वक्तव्य की प्रशंसा करते हुए जयशंकर ने कहा कि हमने आपके राष्ट्रपति को सुना। उन्होंने अगस्त में शिखर सम्मेलन में बहुत ही व्यावहारिक टिप्पणियां कीं और हम विस्तारित सुरक्षा परिषद में हमारी स्थायी सदस्यता के लिए आपके समर्थन के लिए भी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर.ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि आज दिल्ली में चिली के विदेश मंत्री अल्बर्टो वान क्लावेरेन का स्वागत करते हुए प्रसन्नता हुई। दूसरी भारत-चिली संयुक्त आयोग बैठक की सह-अध्यक्षता की, जिसमें व्यापार और निवेश, महत्वपूर्ण खनिजों, कृषि, रक्षा, रेलवे, स्वास्थ्य, अंतरिक्ष, संस्कृति और लोगों के बीच आपसी संबंधों में हमारे सहयोग पर चर्चा की। वैश्विक हॉटस्पॉट और एक-दूसरे के क्षेत्रों में विकास पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। मुझे विश्वास है कि हमारे संबंधों की 75वीं वर्षगांठ पर हमारी दोस्ती और बढ़ेगी।
बता दें कि चिली के विदेश मंत्री अल्बर्टो वान क्लावेरेन पांच दिवसीय आधिकारिक यात्रा के लिए भारत में हैं। वह मंगलवार को भारत पहुंचे। विदेश मंत्रालय ने कहा यह यात्रा भारत के साथ राजनयिक और आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए चिली की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है और दोनों देशों के बीच गहरी होती साझेदारी पर प्रकाश डालती है।