नयी दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव (Union Health Secretary Punya Salila Shrivastava) ने कल राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ वर्चुअल मोड में एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और चीन में एचएमपीवी मामलों में वृद्धि की मीडिया रिपोर्टों के बाद एचएमपीवी मामलों की स्थिति और उनके प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की गई।
बैठक में डॉ राजीव बहल, सचिव (डीएचआर); डॉ (प्रो) अतुल गोयल, डीजीएचएस; राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और अधिकारी, एनसीडीसी, आईडीएसपी, आईसीएमआर, एनआईवी और आईडीएसपी की राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञ शामिल हुए। बैठक के दौरान, यह दोहराया गया कि आईडीएसपी के डेटा देश में कहीं भी आईएलआई/एसएआरआई मामलों में किसी भी असामान्य वृद्धि का संकेत नहीं देते हैं। इसकी पुष्टि आईसीएमआर प्रहरी निगरानी डेटा से भी होती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने जोर देकर कहा कि एचएमपीवी (HMPV) से जनता के लिए चिंता का कोई कारण नहीं है उन्होंने दोहराया कि सर्दियों के महीनों में आमतौर पर श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि देखी जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि देश श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में किसी भी संभावित उछाल के लिए अच्छी तरह से तैयार है।
मानव मेटान्यूमोवायरस (HMPV) कई श्वसन वायरस में से एक है जो सभी उम्र के लोगों में विशेष रूप से सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों के दौरान संक्रमण का कारण बन सकता है। वायरस का संक्रमण आमतौर पर हल्का और आत्म-सीमित स्थिति होता है और अधिकांश मामले अपने आप ठीक हो जाते हैं। यह बताया गया कि ICMR-VRDL प्रयोगशालाओं में पर्याप्त नैदानिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं।
राज्य लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाएँ
राज्यों को सलाह दी गई कि वे वायरस के संचरण की रोकथाम के बारे में लोगों के बीच IEC और जागरूकता बढ़ाएँ, जैसे कि साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोना; बिना धुले हाथों से अपनी आँखें, नाक या मुँह को छूने से बचना; ऐसे लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना जिनमें बीमारी के लक्षण दिखाई दे रहे हों; खाँसते और छींकते समय मुँह और नाक को ढकना आदि।