नई दिल्ली : अपने 154 साल के इतिहास में, कोलकाता गोदी प्रणाली (केडीएस) और हल्दिया गोदी परिसर (एचडीसी) सहित श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता (एसएमपी कोलकाता) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 66.4 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) माल चढ़ा- उतारकर (कार्गो हैंडलिंग) एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की। यह 2022-23 के दौरान 65.66 मिलियन टन के कार्गो हैंडलिंग के पिछले कीर्तिमान से 1.11 प्रतिशत की वृद्धि है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB)
अध्यक्ष श्री रथेंद्र रमन ने इस अभूतपूर्व प्रवाह – क्षमता (थ्रूपुट) का श्रेय उत्पादकता, सुरक्षा उपायों, व्यवसाय विकास और समग्र क्षमता के उपयोग को बढ़ाने हेतु पोर्ट द्वारा कार्यान्वित विभिन्न रणनीतिक पहलों को दिया।
एचडीसी के महत्वपूर्ण योगदान पर प्रकाश डालते हुए, श्री रमन ने कहा कि परिसर ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 49.54 एमएमटी माल चढ़ाने – उतारने का कार्य किया, जो इसकी स्थापना के बाद से अब तक का सबसे अधिक कार्गो वॉल्यूम है और यह वित्तीय वर्ष 2022-23 के 48.608 एमएमटी के पिछले रिकॉर्ड को पार कर गया है, जोकि1.91 प्रतिशत की वृद्धि है। इधर, केडीएस ने 2022-23 के 17.052 एमएमटी की तुलना में 2023-24 के दौरान 16.856 एमएमटी माल चढ़ाने – उतारने का कार्य किया।
अध्यक्ष ने 2023-24 के दौरान पोर्ट के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन पर जोर दिया, जिससे 501.73 करोड़ रुपये का शुद्ध अधिशेष प्राप्त हुआ। यह पिछले वर्ष के 304.07 करोड़ रुपये के शुद्ध अधिशेष से 65 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि है, जोकि एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
पोर्ट की क्षमता बढ़ाने हेतु, एसएमपी कोलकाता बड़े पैमाने पर पीपीपी परियोजनाओं पर जोर दे रहा है।
पीपीपी परियोजनाओं के लिए प्रमुख प्रोत्साहन:
✓केपीडी-I वेस्ट के कायाकल्प (लागत 181.81 करोड़ रुपये) और एचडीसी के बर्थ नंबर-2 के मशीनीकरण (लागत 298.28 करोड़) के लिए 480 करोड़ रुपये की लागत वाली दो पीपीपी परियोजनाओं के लिए एसएमपीके द्वारा रियायत दी गई, जिससे कुल क्षमता में 6.78 एमएमटी (लगभग) की वृद्धि हो सकती है।
✓1160 करोड़ रुपये की लागत से तीन और परियोजनाओं (एचडीसी के लिए बर्थ नंबर 5, बर्थ नंबर 7 एवं 8 का सुदृढ़ीकरण एवं मशीनीकरण तथा डायमंड हार्बर में एनएसडी एवं फ्लोटिंग क्रेन, 4.5 एमएमटी की वृद्धिशील क्षमता) के 2024-25 तक आवंटन चरण तक पहुंचने की संभावना है।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान प्रदान की गई प्रमुख परियोजनाएं:
✓मास्टर ड्रेनेज योजना के तहत हल्दिया स्थित हल्दिया गोदी परिसर में गोदी बेसिन के पूर्वी हिस्से पर ड्रेनेज नेटवर्क (चरण-IIए) का विकास (लागत 26.79 करोड़ रुपये) ।
✓केडीएस में छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र के साथ-साथ ऊर्जा के मामले में किफायती/स्मार्ट फिटिंग और बाह्य उद्देश्य के कार्यान्वयन के संबंध में, स्मार्ट लाइट के लिए आशय-पत्र (एलओआई) जारी किया गया।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 201.23 करोड़ रुपये की लागत से 4 प्रमुख परियोजनाओं का कार्य पूरा हुआ:
✔ एचडीसी पर एक 40 टनरेल माउंटेड क्वे क्रेन (आरएमक्यूसी) की खरीद (लागत 52.82 करोड़ रुपये और 0.25 एमएमटीपीए की क्षमता वृद्धि)।
✓एचओजे-I एंड II में अग्निशमन प्रणाली के विस्तार के साथ-साथ10 वर्षों के लिए ओ एंड एम सहित बार्ज जेट्टी (लागत 107.49 करोड़ रुपये)।
✔जीसीडी यार्ड का विकास (लागत 5.87 करोड़ रुपये)।
✔केडीएस के लिए 2 साल की ऑन-साइट वारंटी और स्पेयर/उपभोग्य सामग्रियों के साथ 8 साल की सीएएमसी के साथ एक ड्राइव-थ्रूएक्स-रे कंटेनर स्कैनिंग सिस्टम की खरीद, आपूर्ति स्थापना, परीक्षण एवं तैनाती (लागत 35.05 करोड़ रुपये) पूर्व परीक्षण पूरा हो गया है और उम्मीद है कि इसका संचालन शीघ्र ही प्रारंभ होगा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान,एचडीसी ने जहां पीओएल (उत्पाद), अन्य तरल, वनस्पति तेल, लौह अयस्क, अन्य कोयला कोक, तैयार उर्वरक, कंटेनर टीईयू आदि के संबंध में वृद्धि दर्ज की, वहीं केडीएस ने तैयार उर्वरक, लकड़ी, अन्य कोयला/कोक, दालों एवं मटर, कंटेनर (टीईयू एवं टन भार दोनों) आदि के संबंध में वृद्धि दर्ज की।