नई दिल्ली : गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस-जीईएम ने पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में अपने सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) को दोगुना करते हुए इस वित्तीय वर्ष में जीएमवी में 4 लाख करोड़ रुपये का आंकडा पार कर लिया है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB) यह पोर्टल की अनूठी डिजिटल क्षमताओं और कार्यात्मकताओं की क्षमता का प्रमाण है। इसने सार्वजनिक खरीद में अधिक दक्षता, पारदर्शिता और सहजता की सुविधा प्रदान की है।
जीईएम पोर्टल के माध्यम से सेवाओं की खरीद इस चौंका देने वाले जीएमवी के पीछे एक महत्वपूर्ण शक्ति साबित हुई है। इस जीएमवी का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा सेवाओं की खरीद से आया है, जो पिछले वित्त वर्ष में जीईएम पर खरीदी गई सेवाओं के संदर्भ में 205 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि प्रदर्शित करता है। बाजार तक पहुंच बनाकर, जीईएम स्थापित और प्रसिद्ध सेवा प्रदाताओं के गठजोड़ को तोड़ने में असाधारण रूप से सफल रहा है। इससे छोटे घरेलू उद्यमियों के लिए किसी भी समय कहीं से भी सरकारी निविदाओं में भाग लेने का रास्ता खुल गया है। जीईएम पर सेवाओं के विशाल भंडार ने राज्यों को उनकी सभी आवश्यकताओं को पूरा करने वाले अभिनव समाधान प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।
राज्यों की ओर से बढ़ी हुई भागीदारी काभी जीएमवी में इस अभूतपूर्व वृद्धि में योगदान है। इस वित्त वर्ष में, गुजरात, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे उच्चतम खरीदारी करने वाले राज्यों ने दूसरे राज्यों को इस वर्ष के निर्धारित सार्वजनिक खरीद लक्ष्य को पार करने में मदद की है। मंत्रालयों और सीपीएसई सहित केंद्रीय संस्थाओं द्वारा की गई खरीदारी ने भी जीएमवी को बहुत प्रेरित किया है। इन सरकारी संगठनों ने इस 4 लाख करोड़ रुपये की बड़ी उपलब्धि में लगभग 85 प्रतिशत योगदान दिया है। विशेष रूप से, कोयला मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और उनकी सहायक कंपनियां केंद्रीय स्तर पर सबसे अधिक खरीद करने वाली संस्थाओं के रूप में उभरी हैं।
जीईएम के 1.5 लाख से अधिक सरकारी खरीदारों और 21 लाख विक्रेताओं तथा सेवा प्रदाताओं के विशाल नेटवर्क ने इस अविश्वसनीय उपलब्धि को संभव बनाया है। खरीदारों और विक्रेताओं को व्यापक स्तर पर जोड़ने के साथ, जीईएम ने जमीनी स्तर पर जुड़ाव को बढ़ावा दिया है। अपने खरीद परितंत्र के साथ 89,421 पंचायतों और 760 से अधिक सहकारी समितियों को जोड़ कर जीईएम ने प्रशासन के अंतिम स्तर पर सार्वजनिक खर्च में अनुकूलन सुनिश्चित करते हुए स्थायी खरीद की सुविधा प्रदान की है।
जीईएम के सीईओ श्री पी के सिंह ने बताया कि ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’, ‘स्टार्टअप रनवे’, ‘वुमनिया’ आदि जैसी समावेशी पहलों के माध्यम से, जीईएम ने घरेलू व्यवसायों को बढ़ने और फलने-फूलने के लिए एक समान अवसर प्रदान किया है। 4 लाख करोड़ रुपये जीएमवी में से, लगभग 50 प्रतिशत ऑर्डर कारीगरों, बुनकरों, शिल्पकारों, एमएसई विशेष रूप से महिलाओं के नेतृत्व वाले और एससी/एसटी, एसएचजी, एफपीओ और स्टार्टअप जैसे सीमांत विक्रेता खंड को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जीईएम 5.2 लाख से अधिक सीएससी और 1.5 लाख से अधिक इंडिया डाकघरों के साथ जुड़ा हुआ है, जिससे सूक्ष्म स्तरों पर आउटरीच और क्षमता निर्माण को अधिकतम करने में उसे काफी मदद मिलती है। जीईएम पर अपने व्यवसाय को बढ़ाने में विविध विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं को हर कदम पर सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि जीईएम प्लेटफार्म ने भारत के सभी क्षेत्रों में स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को गति दी है, जिसके परिणामस्वरूप रोजगार सृजन और अधिक आय हुई है।
इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत में, जीईएम ने एक अग्रणी प्रौद्योगिकी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ साझेदारी की, जिसका उद्देश्य आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अधिक बहुमुखी और सुरक्षित तकनीकी अवसंरचना का निर्माण करना है ताकि उपयोगकर्ताओं को बेहतर अनुभव कराया जा सके, पारदर्शिता में सुधार किया जा सके और अधिक समावेशिता को प्रेरित किया जा सके। इसका उद्देश्य वर्तमान मंचों को बनाए रखते हुए नई तकनीकों का लाभ उठाकर इसमें सुधार करना, इसका फिर से डिजाइन करना और एक नए आधुनिक समाधान को निर्माण करना है। इसकी गहन विन्यास क्षमता गतिशील आवश्यकताओं के साथ विविध खरीदार संगठनों और विक्रेताओं/सेवा प्रदाताओं को जोड़ना आसान बनाएगी।
12070 से अधिक उत्पाद श्रेणियों और 320से अधिक सेवा श्रेणियों की पेशकश करते हुए जीईएम निर्बाध सार्वजनिक खरीद के लिए वन-स्टॉप शॉप बन गया है। इससे देश भर के विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं के लिए अपने उत्पादों और सेवाओं को प्रदर्शित करने तथा व्यवसाय करने में आसानी का वादा करते हुए पारदर्शी तरीके से सरकारी निविदाओं में भाग लेने के अवसर खुल रहे हैं।
GeM has crossed the ₹4 Lakh Crore GMV milestone! During a media address, Shri PK Singh, CEO of GeM, shared insights into the remarkable GMV growth achieved in the fiscal year 2023-24.
This milestone represents a doubling of GeM’s GMV from the previous fiscal year. He… pic.twitter.com/7uLrxxa4SB
— GeM (@GeM_India) March 29, 2024
इस पोर्टल ने 2016 में जीएमवी में 422 करोड़ रुपये के साथ अब 4 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की अपनी पथ प्रदर्शक यात्रा की शुरुआत की थी। आश्चर्यजनक रूप से कम समय में इसकी उपलब्धियों ने इसे विश्व स्तर पर सबसे अग्रणी सार्वजनिक खरीद प्लेटफार्मों में से एक पर चढ़ने के लिए प्रेरित किया है। दक्षता, पारदर्शिता और समावेशिता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध जीईएम अन्य सार्वजनिक खरीद क्षेत्र को पीछे कर दिया है।