नई दिल्ली : समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत आर्थिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) की तीसरी मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन 14 नवंबर 2023 को अमेरिका की मेजबानी में सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में किया गया। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण, वस्त्र तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने इस मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया।
आईपीईएप का शुभारंभ 23 मई, 2022 को टोक्यो में संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत-प्रशांत क्षेत्र के अन्य भागीदार देशों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था। आईपीईएफ के 14 भागीदार देशों में ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और अमेरिका शामिल हैं। इनका लक्ष्य क्षेत्र में विकास, शांति और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ साझेदार देशों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत बनाना है।
यह प्रारूप व्यापार से संबंधित चार स्तंभों अर्थात व्यापार (स्तंभ I); आपूर्ति श्रृंखला (स्तंभ II); स्वच्छ अर्थव्यवस्था (स्तंभ III); और निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (स्तंभ IV) से संबंधित है। भारत आईपीईएफ के स्तंभ II से IV में शामिल है जबकि स्तंभ-I में इसे पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
इस मंत्रिस्तरीय बैठक में आईपीईएफ स्तंभ-III (स्वच्छ अर्थव्यवस्था), स्तंभ IV (निष्पक्ष अर्थव्यवस्था) और समृद्धि के लिए भारत-प्रशांत आर्थिक प्रारूप पर समझौते (एक आयोग की स्थापना के लिए मंत्री-स्तरीय परिषद) के अंतर्गत वार्तालाप बातचीत हुई। बैठक में सकारात्मक निष्कर्ष पर पहुँचा गया। इसके अलावा, मई 2023 में आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला समझौते पर वार्ता के महत्वपूर्ण निष्कर्ष के बाद, आईपीईएफ मंत्रियों ने मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान आईपीईएफ आपूर्ति श्रृंखला समझौते पर हस्ताक्षर किए। सैन फ्रांसिस्को मंत्रिस्तरीय बैठक के समापन पर स्तंभ-वार प्रेस वक्तव्य जारी किया गया, जिसमें महत्वपूर्ण रूप से संपन्न प्रत्येक स्तंभ के तहत योजनाबद्ध रूपरेखा और प्रयासों का उल्लेख किया गया (इसका लिंक नीचे दिया गया है)
स्वच्छ अर्थव्यवस्था (स्तंभ-III) के अंतर्गत, आईपीईएफ भागीदारों का लक्ष्य स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान, विकास, व्यावसायीकरण, उपलब्धता, पहुंच और तैनाती पर सहयोग को आगे बढ़ाना और क्षेत्र में जलवायु से संबंधित परियोजनाओं के लिए निवेश की सुविधा प्रदान करना है। इस स्तंभ के अंतर्गत अपने विचार रखते हुए श्री गोयल ने नवीन और किफायती जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों के अनुसंधान और विकास पर भागीदारों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, श्री गोयल ने इस स्तंभ के तहत परिकल्पित सहकारी कार्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर भी बल दिया, जिसमें हाइड्रोजन आपूर्ति श्रृंखला पहल और पाइपलाईन में अन्य प्रस्ताव जैसे जैव ईंधन और ई-अपशिष्ट पुनर्चक्रण के लिए भारत का प्रस्ताव शामिल है।
निष्पक्ष अर्थव्यवस्था (स्तंभ-IV) के अंतर्गत, आईपीईएफ भागीदारों का लक्ष्य आईपीईएफ अर्थव्यवस्थाओं के बीच वाणिज्य, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी भ्रष्टाचार विरोधी और कर उपायों के कार्यान्वयन को मजबूत बनाना है। इस स्तंभ के तहत अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री गोयल ने समझौते से उभरने वाले प्रमुख लाभों के रूप में भागीदारों के बीच सूचना साझाकरण को बढ़ाने, संपत्ति की वसूली की सुविधा और सीमा पार जांच एवं अभियोजन को मजबूत करने पर जोर दिया। इसके अलावा, उन्होंने इस बात का भी उल्लेख किया कि इससे भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी वित्तपोषण के खिलाफ लड़ने का संयुक्त संकल्प मजबूत होगा।
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