KOLKATA : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में गुरुवार को करीब 100 आम लोगों को 2 मई का सीसीटीवी फुटेज दिखाया। राज्यपाल ने राजभवन के दोनों गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरा के 2 मई शाम 5:30 बजे के फुटेज की स्क्रीनिंग की। इस एक घंटे लंबे वीडियो में वह महिला भी नजर आई, जिसने राज्यपाल पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। ब्लू जींस और टॉप पहने यह महिला पुलिस आउटपोस्ट की तरफ जाती दिखी। उसके साथ कई पुलिस वाले भी थे। उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजभवन आने वाले थे। उनकी विजिट के लिए पुलिसवाले राजभवन में मौजूद थे।
सीसीटीवी फुटेज देखने आए एक व्यक्ति ने अपना नाम प्रोफेसर तुषार कांति मुखर्जी बताया। उसने कहा कि मैंने फुटेज देखा पर महिला के व्यवहार में मुझे कुछ अजीब नहीं लगा। Nराजभवन में संविदा पर नियुक्त महिला कर्मचारी ने गवर्नर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कोलकाता पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद कोलकाता पुलिस ने मामले की जांच के लिए SIT बना दी है।
पुलिस और सीएम को फुटेज नहीं दिखाएंगे
बुधवार को गवर्नर बोस ने कहा था कि वे राजभवन की सीसीटीवी फुटेज 100 लोगों को दिखाने के लिए तैयार हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि वे सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग कोलकाता पुलिस और सीएम ममता बनर्जी को नहीं दिखाएंगे।
शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज शेयर करने की अपील की थी। हालांकि, राज्यपाल ने अपने कर्मचारियों को इस केस में पुलिस के साथ सहयोग न करने कहा है। पुलिस ने राजभवन के कुछ अधिकारियों और वहां तैनात कर्मियों से पूछताछ की है। हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत राज्यपाल के पद पर रहते हुए उनके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती।