कोलकाता : कवि एवं तकनीकविद डॉ. सुनील कुमार शर्मा की वाणी प्रकाशन से प्रकाशित तकनीक आधारित पुस्तकें ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : एक अध्ययन’ एवं ‘चैटजीपीटी : एक अध्ययन’ का शनिवार को पुस्तक परिचर्चा एवं काव्य-संध्या में लोकार्पण हुआ। इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स (आईसीसीआर) में रविशंकर उपाध्याय स्मृति संस्थान द्वारा दो सत्र में आयोजित इस समारोह में देश के प्रतिष्ठित तकनीकविदों ने अपनी बातें रखी वहीं, काव्य-संध्या में हिंदी के चर्चित एवं युवा कवियों ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
पुस्तक परिचर्चा सत्र में प्रो. एसपी. मुखर्जी (सैंटनरी प्रोफेसर, सांख्यिकी विभाग, कोलकाता यूनिवर्सिटी) की अध्यक्षता में प्रो. आर. एस. सिंह (आचार्य, केमिकल इंजीनियरिंग, आईआईटी-बीएचयू), प्रो. चित्रा सिंह (आचार्य, रसायन शास्त्र, क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान, भोपाल), यतीश कुमार (लेखक एवं मुख्य कार्यशाला प्रबंधक, लिलुआ/पूर्वी रेलवे), डॉ. ऋषि भूषण चौबे (सहायक आचार्य, हिंदी विभाग, प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, कोलकाता), दिनेश चंद्र पांडेय (वरिष्ठ लेखा परीक्षक, कैग कोलकाता) एवं पुस्तक के लेखक डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने वक्तव्य रखा। इसका संयोजन व संचालन डॉ. आदित्य विक्रम सिंह ने किया।
इस सत्र में दोनों किताबों पर गहन विचार विमर्श हुआ। वक्ताओं ने इसे हिन्दी ज्ञान परंपरा को समृद्ध करने वाली पुस्तक बताया। भाषा के सरलीकरण की भी बात इस सत्र में हुई।
लेखकीय वक्तव्य में डॉ. सुनील कुमार शर्मा ने कहा, ‘कृत्रिम मेधा भविष्य की संभावनाओं का द्वार खोलेगी। हमारा देश डाटा के मामले में संपन्न होने के साथ ही अपनी समस्याओं के एआई के जरिये समाधान के लिये जरूरी प्रौद्योगिकीय क्षमता रखता है। यह एआई क्रांति सही दिशा में कार्य कर सके इसके लिए प्रभावशाली एवं नैतिक फ्रेमवर्क की जरूरत है।’
पुस्तक परिचर्चा के उपरांत आयोजित काव्य-संध्या में वरिष्ठ लेखक-आलोचक प्रो. अरुण होता के सानिध्य में प्रो. चित्रा सिंह, यतीश कुमार, निशांत, प्रो. आर. एस. सिंह, डॉ. सुनील कुमार शर्मा, संजय रॉय, राज्यवर्धन, अनिला राखेचा ने काव्य पाठ किया।
इस सत्र का संचालन कवि आनंद गुप्ता ने किया। समारोह का संयोजन रविशंकर उपाध्याय स्मृति संस्थान, वाराणसी की तरफ से डॉ. आदित्य विक्रम सिंह ने किया।