नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई। उनसे पहले इस पद से न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ शुक्रवार को सेवानिवृत्त हुए।
प्रधानमंत्री ने दीं शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने पर शुभकामनाएं दी हैं।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर लिखा:
“न्यायमूर्ति संजीव खन्ना के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ। उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। उनके कार्यकाल के लिए मेरी शुभकामनाएँ।”
Attended the oath taking ceremony of Justice Sanjiv Khanna, who has been sworn in as the Chief Justice of the Supreme Court of India. My best wishes for his tenure. pic.twitter.com/6CxGG6Vao0
— Narendra Modi (@narendramodi) November 11, 2024
कौन हैं न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ?
14 मई, 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का कानूनी करियर चार दशकों से भी अधिक समय तक शानदार रहा है। जस्टिस संजीव खन्ना 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में शामिल हुए, उन्होंने शुरुआत में तीस हजारी स्थित जिला न्यायालयों में और बाद में दिल्ली उच्च न्यायालय तथा विभिन्न न्यायाधिकरणों में वकालत की।
किन क्षेत्रों में रही है उनकी विशेषज्ञता ?
उनकी विशेषज्ञता संवैधानिक कानून, कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून और पर्यावरण कानून सहित कई क्षेत्रों में थी। न्यायमूर्ति खन्ना ने आयकर विभाग के लिए वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में कार्य किया और 2004 में उन्हें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के लिए स्थायी वकील (सिविल) नियुक्त किया गया। वे दिल्ली उच्च न्यायालय में अतिरिक्त लोक अभियोजक और न्यायमित्र के रूप में आपराधिक मामलों में भी पेश हुए।
2019 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में हुए पदोन्नत
2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय में पदोन्नत होकर वे 2006 में स्थायी न्यायाधीश बन गए। उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी और दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र के अध्यक्ष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाईं। 18 जनवरी, 2019 को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत किया गया।
वर्तमान में जस्टिस संजीव खन्ना के पास यह कार्यभार
वर्तमान में, न्यायमूर्ति खन्ना राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हैं और राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, भोपाल की शासी परिषद के सदस्य हैं। इससे पहले उन्होंने जून से दिसंबर 2023 तक सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी की अध्यक्षता की थी।
सीजेआई चंद्रचूड़ का दो साल का कार्यकाल समाप्त
जानकारी के लिए बताना चाहेंगे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ को 2022 में दो साल के लिए सीजेआई के रूप में नियुक्त किया गया था, जो हाल के दिनों में सीजेआई के लिए सबसे लंबे कार्यकाल में से एक रहा है।वे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश वाई.वी. चंद्रचूड़ के बेटे हैं, जो लगभग सात वर्षों तक पद पर रहने वाले सबसे लंबे समय तक सीजेआई थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर के पूर्व छात्र, जस्टिस चंद्रचूड़ ने कोविड के समय में वर्चुअल सुनवाई शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो अब एक स्थायी विशेषता बन गई है। वह अयोध्या विवाद, समलैंगिकता के गैर-अपराधीकरण, व्यभिचार, गोपनीयता, सबरीमाला में महिलाओं के प्रवेश आदि पर ऐतिहासिक निर्णयों का हिस्सा रहे हैं।
उन्हें पहली बार 29 मार्च, 2000 को बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 31 अक्टूबर, 2013 से लेकर 13 मई, 2016 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत होने तक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया।