नई दिल्ली : कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) ने बुधवार, 14 अगस्त को विनेश फोगाट की सिल्वर मेडल देने की अपील को खारिज कर दिया है। जानकारी के अनुसार विनेश फोगाट को पेरिस ओलिंपिक में सिल्वर मेडल नहीं मिलेगा। बता दें कि फोगाट को फाइनल से पहले ओवरवेट होने की वजह से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने CAS में अपील की थी।अपील पर फैसला 16 अगस्त को होना था, लेकिन 14 अगस्त को ही उनकी अपील खारिज कर दी गई। फैसले के बाद भारतीय ओलिंपिक कमेटी की प्रेसिडेंट पीटी उषा ने नाराजगी जताई।
विनेश ने रेसलिंग के 50 किग्रा विमेंस कैटेगरी में लगातार 3 मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाई थी। 8 अगस्त को फाइनल होना था, लेकिन मैच से पहले ओलिंपिक कमेटी ने विनेश का वजन 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा होने के कारण रेसलर को डिसक्वालिफाई कर दिया था।
No medal for Vinesh Phogat at Paris Olympics as CAS dismisses her plea
Read @ANI Story | https://t.co/ZbmWNRVvQa#VineshPhogat #CAS #ParisOlympics pic.twitter.com/yyufC4PzPL
— ANI Digital (@ani_digital) August 14, 2024
पीटी उषा ने जताई नाराजगी
इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन (IOA) की प्रेसिडेंट पीटी उषा ने CAS के नतीजे पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) और इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) के फैसले से उन्हें झटका लगा है।
बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा, “यह हमारे लिए बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बात
विनेश फोगाट के आवेदन को CAS द्वारा खारिज किए जाने पर बॉक्सर विजेंदर सिंह ने कहा, “यह हमारे लिए बहुत दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बात है… अगर वह फाइनल तक पहुंच जाती तो हम ओलंपिक में स्वर्ण जीत सकते थे। हम विनेश के साथ खड़े हैं और हमेशा उसका समर्थन करेंगे… यह एक दुखद खबर है और मैं इस खबर से खुश नहीं हूं…”
#WATCH | Delhi: On Vinesh Phogat’s application dismissed by CAS | Boxer Vijender Singh says, “This is a very sad and unfortunate thing for us…We could have won gold in the Olympics if she had made it through the finals. We are standing with Vinesh and will always support… pic.twitter.com/lU7f46gfGc
— ANI (@ANI) August 14, 2024
विनेश के सिल्वर मेडल पर 13 अगस्त को टला था फैसला
विनेश की अपील के बाद CAS ने 9 अगस्त को 3 घंटे तक सुनवाई की। विनेश भी इस दौरान वर्चुअली मौजूद रहीं। भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) की ओर से सीनियर वकील हरीश साल्वे ने विनेश का पक्ष रखा।
फाइनल मैच से पहले विनेश को 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के चलते अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जबकि शुरुआती दौर से पहले किए गए वजन में विनेश 50 kg वेट कैटेगरी की तय सीमा से कम थीं। ऐसे में विनेश ने जॉइंट सिल्वर मेडल की मांग की थी।
विनेश के पक्ष में यह दलीलें रखी गईं
100 ग्राम वजन बहुत कम है। यह एथलीट के वजन का 0.1% से 0.2% से भी ज्यादा नहीं है। वजन गर्मी के मौसम में इंसान के शरीर के फूलने से भी आसानी से बढ़ सकता है। इंसान के जीवित रहने की जरूरत के कारण से शरीर में ज्यादा पानी जमा होता है, इसी कारण इतना वजन कभी भी बढ़ सकता है।
विनेश को एक ही दिन में 3 कॉम्पिटिशन लड़ने पड़े। इस दौरान एनर्जी को मेंटेन करने के लिए भी उन्हें खाना पड़ा। ऐसे में उनका वजन 52.7 किलो पहुंच चुका था।
खेल गांव और ओलिंपिक गेम्स के एरीना के बीच की दूरी और पहले दिन लगातार मुकाबलों के कारण विनेश को वजन घटाने का पर्याप्त टाइम ही नहीं मिला।
क्या है CAS?
कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट यानी CAS दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक ऑर्गनाइजेशन है। इसका काम खेल से जुड़े कानूनी विवादों को खत्म करना है। इसकी स्थापना साल 1984 में हुई थी। इसका मुख्यालय स्विटजरलैंड के लॉजेन में स्थित है। वहीं इसके कोर्ट न्यूयॉर्क और सिडनी में भी हैं। वैसे अस्थायी कोर्ट वर्तमान ओलिंपिक शहरों में भी बनाई जाती हैं। इसी वजह से CAS इस बार पेरिस में स्थापित है, जहां विनेश फोगाट मामले की सुनवाई हुई।