होली में क्या करें– होली की रात्रि चार पुण्यप्रद महारात्रियों में आती है। होली की रात्रि का जागरण और जप बहुत ही फलदायी होता है।
ऋतु-परिवर्तन के 10-20 दिनों में नीम के 15 से 20 कोमल पत्तों के साथ 2 काली मिर्च चबाकर खाने से वर्ष भर आरोग्य दृढ़ रहता है। बिना नमक का भोजन 15 दिन लेने वाले की आयु और प्रसन्नता में बढ़ोतरी होती है।
होली के बाद खजूर खाना मना है।बाजारू केमिकलों से युक्त रंगों के बदले पलाश के फूलों के रंग से अथवा अन्य प्राकृतिक रंगों से होली खेलनी चाहिए। इससे सप्तरंगों व सप्तधातुओं का संतुलन बना रहता है।
अन्य कुछ प्राकृतिक रंगः मेंहदी पाऊडर के साथ आँवले का पाऊडर मिलाने से भूरा रंग। चार चम्मच बेसन में दो चम्मच हल्दी पाऊडर मिलाने से अच्छा पीला रंग बनता है। बेसन के स्थान पर आटा, मैदा, चावल का आटा, आरारोट या मुलतानी मिट्टी का भी उपयोग किया जा सकता है।
दो चम्मच हल्दी पाउडर दो लीटर पानी में डालकर अच्छी तरह उबालने से गहरा पीला रंग प्राप्त होता है।
आँवला चूर्ण लोहे के बर्तन में रात भर भिगोने से काला रंग तैयार होता है।
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होली पर कुछ छोटे छोटे सरल ओर सार्थक उपाय
1. होलिका दहन की अग्नि की बची हुई राख को घर लाकर लाल कपड़े में बांध लें और फिर उसको धन रखने के स्थान जैसे अलमारी या तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से आपके घर में बरकत आएगी और कर्ज से भी मुक्ति मिलेगी।
2. होलिका दहन की भस्म का टीका संभव हो सके तो हर रोज लगाएं, ऐसा करने से ग्रह बाधा, प्रेत बाधा समेत कई बाधाएं दूर हो जाएंगी।
3. जिन जातकों की शादी नहीं हो पा रही । बार बार रिश्ता हो कर टूट जाता है । रिश्ते तो बहुत आते हैं लेकिन बात नहीं बनती ऐसे जातक होलिका दहन के दिन के समय पूजा की थाली तैयार करें ओर एक जटाधारी नारियल लें ।
शाम को सूर्यअस्त के समय माता होलिका की विधिवत पूजा करें ओर ये नारियल सात बार सिर पर से घुमाकर होलिका दहन की समिधाओं (लकड़ियों) में रख कर सात बार परिक्रमा कर अपनी शादी में आ रही सभी बाधाओं को दूर कर अपना घर बसाने का वरदान माँगे तो निश्चित रूप से लाभ होगा ।