कोलकाता : युवा और प्रसिद्ध हिंदी कवि यतीश कुमार के पहले काव्य संग्रह ‘अंतस की खुरचन’ को वर्ष 2021 के लिए भारत सरकार के प्रतिष्ठित ‘मैथिली शरण गुप्त पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान मोहित सिन्हा महानिदेशक (मानव संसाधन), रेलवे बोर्ड, ने बुधवार को दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में दिया।। वर्ष 2021 में प्रकाशित इस काव्य संग्रह को पाठकों, समीक्षकों और समीक्षकों से अपार सराहना मिली है। इस कृति को वर्ष 2022 में राजस्थान की प्रसिद्ध संस्था द्वारा ‘जयपुर साहित्य सम्मान’ से भी सम्मानित किया गया है।
संग्रह में समाज और भावनाओं की आवाज़ है – कविता संग्रह में 96 कविताएँ हैं, जो दो खंडों में विभाजित हैं – देश राग और आस-पास (65 कविताएँ) और सांझा धागा (31 कविताएँ)। इन कविताओं में कवि ने समाज के सकारात्मक पक्ष को चित्रित करने का हर संभव प्रयास किया है। यही कारण है कि पाठकों और आलोचकों द्वारा इस संग्रह को ‘आशा की कविताओं का संग्रह’ कहा गया है। इस काव्य संग्रह पर अपने नोट्स में वरिष्ठ साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल और संग्रह की प्रस्तावना में वरिष्ठ कवि अष्टभुजा शुक्ल ने भी कविताओं के सकारात्मक पहलुओं और कवि के मानवीय पक्ष पर प्रकाश डाला है।
पुरस्कारों के अलावा इस पुस्तक की समीक्षाएँ देश के प्रतिष्ठित समाचार पत्रों, पत्रिकाओं और वेब पोर्टलों में प्रकाशित हो चुकी हैं। प्रख्यात आलोचक अरुण होता, मीना बुद्धिराजा, प्रभात मिलिंद, आनंद गुप्ता और प्रख्यात उपन्यासकार मृत्युंजय कुमार सिंह सहित कई दिग्गज लेखकों की समीक्षाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। इस पुस्तक की चर्चा राष्ट्रीय साहित्यिक आयोजनों, कलिंगा साहित्य महोत्सव, दूरदर्शन-बांग्ला सहित कई स्थापित मंचों पर हो चुकी है। इस संग्रह पर आयोजित चर्चा सत्र में प्रो शंभुनाथ, डॉ आशुतोष, प्रियंकर पालीवाल, नीलकमल, डॉ वेद रमण, राकेश बिहारी, निशांत, वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु रंजन जैसे वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपने विचार व्यक्त किये I यदि संग्रह को प्रकाशन गणना की दृष्टि से देखें तो प्रकाशन के मात्र दो वर्षों में ही संग्रह का तीसरा संस्करण प्रकाशित हो चुका है और अब तक 2000 से अधिक प्रतियाँ पाठकों तक पहुँच चुकी हैं।
यतीश कुमार लोगों को जोड़ने वाली कविताएं बनाते हैं- 21 अगस्त 1976 को मुंगेर (बिहार) में जन्मे यतीश कुमार ने कविता और कहानियों के साथ-साथ लोकप्रिय उपन्यासों, कहानियों और यात्रा वृतांतों पर अपनी अनूठी कविता शैली में एक अलग पहचान बनाई है। साल 2021 में उनका पहला कविता संग्रह ‘अंतस की खुरचन’ प्रकाशित हुआ और जनवरी 2023 में उनका दूसरा कविता संग्रह ‘अविर्भाव’ (हिंदी साहित्य की 11 प्रसिद्ध कृतियों पर कविता) प्रकाशित हुआ, जिसे खूब प्यार मिल रहा है पाठक, आलोचक और साहित्य प्रेमी। 1996 बैच के रेलवे अधिकारी यतीश कुमार अपनी सक्रिय साहित्यिक रचना और कुशल प्रबंधन के लिए जाने जाते हैं। भारतीय रेलवे सेवा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें 2006 में राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। साहित्यिक गतिविधियों के अलावा, वह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए विभिन्न गैर सरकारी संगठनों के साथ काम कर रहे हैं।
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