नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने अभी हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को युगपुरुष कहने के संबंध में आज जोर देते हुए कहा कि “मैंने श्री नरेन्द्र मोदी को युगपुरुष इसीलिए कहा क्योंकि उन्होंने देश को समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्य उन्मुख निर्णायक नेतृत्व दिया है।” पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आज रायपुर स्थित हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों से एक संवाद कार्यक्रम के दौरान श्री धनखड़ ने कहा कि मैं बैकफुट पर नहीं हूं, बहुत सोच-समझकर मैंने मुंबई में एक कार्यक्रम में हमारे प्रधान मंत्री को युगपुरुष कहा, क्यों?
A decade ago, we were overtaken by falling economy, despondency, growth potential not being visible.
Some people ask if the office of the Vice-President of India should be saying something about the executive.
I am not on backfoot. It was consciously that I called our Prime… pic.twitter.com/Zw9GXQjKH3
— Vice President of India (@VPIndia) December 3, 2023
आप युवा लड़के-लड़कियाँ विश्लेषण करें, सार्वजनिक डोमेन पर जाएँ, उन विशेषताओं का पता लगाएं जिन्हें हम ‘युगपुरुष’ के गुणों के रूप में माना जा सकता है। आख़िरकार किसी विशेष समय पर कोई युगपुरुष तो होगा ही। एक ऐसा व्यक्ति जिसने हमारे जीवन को बदल दिया और क्रांति ला दी, उन्होने आगे कहा कि हमारे पास समावेशी, कार्य-उन्मुख और निर्णायक नेतृत्व है। हमने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान भेजा है, हमने संसद के विशेष सत्र में महिलाओं को आरक्षण देकर युगांतकारी विकास किया है। हम विघटनकारी प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, और इसे विकसित करने के लिए दूसरों की प्रतीक्षा नहीं कर रहे हैं, चाहे वह क्वांटम कंप्यूटिंग हो, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन या 6जी, अब आपके लिए सब कुछ उपलब्ध है। आप दुनिया के सबसे अच्छे हिस्से में हैं। आपको केवल फ्रंटफुट पर खेलना होगा!
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि आज देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का शुभ अवसर मिला है आप सब सौभाग्यशाली हैं। उन्होंने कहा एक समय था जब सत्ता के गलियारे दलालों से भरे पड़े हुए थे और वह देश की नीतियों को प्रभावित करते थे। उस समय भ्रष्टाचार के बिना कुछ भी संभव नहीं था और वह देश के लिए एक बहुत खतरा था, पिछले एक दशक में उन सभी सत्ता के गलियारों को दलालों से मुक्त कर दिया गया है।
उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए देश में आज एक ऐसा वातावरण बना है जिसमें सबके साथ समान व्यवहार किया जाता है और सभी को समान अवसर उपलब्ध हैं। लोकतंत्र का सही मतलब सबको समान अवसर प्रदान करना है, उन्होने कहा कि जब तक सभी को सामान अवसर नहीं मिलते तब तक प्रजातंत्र का कोई अर्थ नहीं होता, देश में सभी के लिए समान कानून व्यवस्था का होना आवश्यक है। कानून से ऊपर कोई नहीं है।
Some people have very poor appetite for the growth trajectory of our nation.
They make a mischievous effort to set afloat anti-national narratives.
As brilliant young minds, you are fully enabled to neutralise such forces. It is, in fact, your duty.
Nothing can be more… pic.twitter.com/noWnHIQNmQ
— Vice President of India (@VPIndia) December 3, 2023
उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश में एक ऐसी न्यायिक व्यवस्था बनाई जा रही है जिसमें आपको न्याय के लिए अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा, उन्होने कहा कि इस समय हमारे देश में एक बहुत ही प्रतिभाशाली मुख्य न्यायाधीश हैं उन्होंने न्याय चाहने वालों के लिए न्यायिक व्यवस्था तक उनकी पहुंच को आसान बनाया है।
उपराष्ट्रपति ने लोगों को याद दिलाते हुए कहा कि एक समय था जब मैं 1981 में संसद का सदस्य बना उस समय देश की आर्थिक शाख को बचाने के लिए देश के सोने को विदेशों में गिरवी रखना पड़ा था, एक दशक पहले हमारे देश को पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था और दुनिया चिंतित थी, अब देखो दस साल में हम कहां से कहां पहुंच गए आज हम दुनिया की पांचवीं सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बन गए हैं, हमने फ्रांस और यूके को जिन्होंने हम पर सदियों तक राज किया उनको पीछे छोड़ दिया है भारत पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं से निकलकर पांचवीं सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बना यह एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, 2030 तक हम जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
उपराष्ट्रपति ने आगे जोड़ देते हुए कहा कि आज देश में अवसरों की कमी नहीं है आपको अपनी प्रतिभा को पहचान कर आगे बढ़ना होगा सरकार आपकी हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है। भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है, आज डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी हमारे सामने एक चुनौती बनकर उभरी है जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीकी का सामना करना एक चुनौती है, आज दुनिया आज भारत की ओर देख रही है, भारत दुनिया में इन्वेस्टमेंट के लिए निवेश के लिए सबसे सुरक्षित स्थान है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने वर्ष 2022 में कमाल कर दिया है भारत का डिजिटल ट्रांजेक्शन यूके, यूएसए, फ्रांस और जर्मनी से चार गुना ज्यादा रिकॉर्ड किया गया,भारत का प्रति व्यक्ति डाटा कंजप्शन अमेरिका और चीन से भी ज्यादा है, भारत का उदय अभूतपूर्व रूप से आगे बढ़ रहा है और यह विकास यात्रा रुकने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा अमृत काल गौरव कल बन चुका है, 2047 में हम में से कुछ लोग यहां नहीं होंगे लेकिन आप भारत के योद्धा बनकर भारत को विकसित भारत बनाएंगे, हमें पूरा विश्वास है कि भारत विश्व गुरु होगा।
उन्होंने आगे जोड़ देते हुए कहा कि जब कोई व्यक्ति या राष्ट्र तेज गति से उन्नत कर रहा होता है तो कुछ शक्तियां उसकी आलोचना करती हैं और उनका देश की उन्नति और तरक्की बर्दाश्त नहीं होती है उनका हाजमा खराब हो जाता है और इस तरीके से वह देश में और बाहर जाकर देश को कलंकित करने का काम करते हैं ऐसी शक्तियों से हमें सतर्क रहना पड़ेगा।
उपराष्ट्रपति ने आगे जोड़ देते हुए कहा कि आज भारत में जो भी विकास संभव हुआ है और जो भारत ऊंचाइयों पर जा रहा है उसके पीछे एक दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम है हमारे प्रधानमंत्री ने विश्व स्तर पर भारत को जो सम्मान दिलाया है वह अभूतपूर्व है आज दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारत की राई मानती है और भारत का लोहा पूरी दुनिया मान रही है। देश के बाहर जाकर देश की खिलाफ गलत नॉरेटिव बनाने वाले लोगों को और उनके चेहरे को सबके सामने एक्सपोज करना पड़ेगा।
उपराष्ट्रपति ने कहा कुछ लोग राजनीतिक फायदे के लिए देश की भोली भाली जनता को भ्रम फैलाकर ठगने का काम करते हैं व्यक्तिगत फायदे के लिए यह घृणित कार्य नहीं करना चाहिए देश की उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए हमें भारतीयता पर गर्व होना चाहिए भारत की उपलब्धियां को सर्वोच्च रखना चाहिए भारत और भारतीयता से बढ़कर कुछ भी नहीं है।
उपराष्ट्रपति ने उस दिन को याद दिलाते हुए कहा जब संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित किया गया उन्होंने कहा महिला आरक्षण विधेयक का पास होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है आने वाले समय में उसके परिणाम दिखाई देंगे और महिलाओं की प्रतिभा गीता राजनीति में अभूतपूर्व रूप से बढ़ेगी।
Indian talent does not lag behind!
If you choose to pursue the arbitral process, you will have great avenues.
Disruptive technologies such as Artificial Intelligence, Internet of Things are overtaking us.
These will bring legal challenges that will need to be addressed at… pic.twitter.com/DRnFeYXC3c
— Vice President of India (@VPIndia) December 3, 2023
उपराष्ट्रपति ने चंद्रयान 3 की चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के लिए अभूतपुर उपलब्धि है जो कोई देश नहीं कर पाया भारत ने वह संभव करके दिखाया 23 अगस्त को राष्ट्रीय स्पेस डे घोषित किया जाना भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है हमें भारतीय उपलब्धियां पर गर्व करना चाहिए। उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा कि भारत की संस्कृति और लोकाचार 5000 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं दुनिया ने जी-20 के दौरान भारत की संस्कृति को बारीकी से देखा और भारत की सभ्यतागत लोकाचार और संस्कृति का लोहा माना भारत जैसी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत दुनिया में किसी भी देश के पास नहीं है।
श्री धनखड़ ने कहा कि देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शिता के कारण आज देश में हर घर में टॉयलेट, गैस सिलेंडर और नल से जल पहुंचाया गया है सभी नागरिकों को बैंकिंग सेक्टर से जोड़ा जाना एक महान उपलब्धि है, आज किसानों को सीधे उनके खातों में सहायता पहुंचाई जा रही है भारत ने हर क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है।
उन्होंने आगे कहा कि आज दुनिया का सबसे बड़ा कन्वेंशन सेंटर भारत मंडपम हमारे देश में उपलब्ध है यशोभूमि एक अत्यंत भव्य कन्वेंशन सेंटर भी बनाया गया है जो कि देखने लायक है। श्री धनखड़ ने कहा कि भारत तेज गति से क्वांटम कंप्यूटर और हाइड्रोजन कमिशन के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है यह उपलब्धियां हासिल करने वाले देश दुनिया में अभी बहुत कम हैं। उपराष्ट्रपति ने हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय के छात्रों से संवाद किया और उन्हें नई संसद भवन को देखने के लिए आमंत्रित किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्य न्यायधीश, एवं हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय के कुलपति, रमेश सिन्हा, पूर्व न्यायाधीश, उप कुलपति, प्रोफ़ेसर डॉ. विवेकानंद, जस्टिस डी. रघुराम, पूर्व निदेशक, रजिस्ट्रार, विश्विद्यालय के प्रवक्ता, विश्विद्यालय के छात्र तथा अन्य कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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