नई दिल्ली : राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन सोसायटी, डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन के तहत इंडिया एआई और वाधवानी फाउंडेशन के बीच आज नई दिल्ली में एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस समझौता ज्ञापन पर सचिव श्री मनोज आहूजा, अपर सचिव डॉ. पी.के. मेहरदा, सलाहकार (डिजिटल) सुश्री रुचिका गुप्ता, संयुक्त सचिव (विस्तार) श्री सैमुअल प्रवीण कुमार, निदेशक (डिजिटल) श्री मुक्तानंद अग्रवाल, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और वाधवानी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड पॉलिसी के सीईओ श्री प्रकाश कुमार की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।
श्री मनोज आहूजा ने सलाह, फीडबैक एकत्र करने, फसल की निगरानी, उपज के अनुमान, कीट नियंत्रण और संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग संबंधी क्षमताओं का हवाला देते हुए एआई की महत्वपूर्ण बदलावकारी भूमिका पर जोर दिया। श्री प्रकाश कुमार ने अधिक समृद्ध और खाद्य-सुरक्षित भविष्य के लिए नवाचार और ज्ञान के बीज बोते हुए मंत्रालय के साथ अभूतपूर्व यात्रा की शुरुआत करने पर प्रसन्नता व्यक्त की।
एमओयू के अनुसार, वाधवानी फाउंडेशन की ओर से एआई रणनीति तैयार और कार्यान्वित करने में महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की जाएगी। फाउंडेशन एआई के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की राष्ट्रीय योजना के अनुरूप, एआई-संचालित डिजिटल कृषि परिवर्तन में भारत को एक वैश्विक अगुआ के रूप में स्थापित करने में मंत्रालय की सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सहयोग भारत के कृषि परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण क्षण है, जहां मंत्रालय ने मंत्रालय के भीतर एक एआई प्रकोष्ठ के निर्माण के माध्यम से डिजिटल कृषि को रूपातंरित करने में एआई के उपयोग को संस्थागत बनाया है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय किसानों के लाभ और समग्र पैदावार को बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रौद्योगिकियों का लाभ उठा रहा है। एआई के एकीकरण की दिशा में अग्रणी शक्ति के रूप में, मंत्रालय भारत में किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने की मिसाल कायम कर रहा है। यह इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा डिजाइन किए गए इंडिया डिजिटल इकोसिस्टम आर्किटेक्चर (InDEA) 2.0 के नेटवर्क दृष्टिकोण का समर्थन कर रहा है।
इस यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि एआई-संचालित चैटबॉट ‘किसान ई-मित्र’ का विकास है, जो पीएम किसान सम्मान निधि योजना के बारे में किसानों के प्रश्नों का समाधान करता है। हिंदी, तमिल, उड़िया, बांग्ला और अंग्रेजी में उपलब्ध यह समग्र समाधान अन्य सरकारी कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए विकसित किया जा रहा है और 2 महीने के भीतर 21 लाख से अधिक किसानों ने इस तक पहुंच स्थापित की है।
इसके अतिरिक्त, मंत्रालय निजी क्षेत्र के सहयोग से एक राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली विकसित कर रहा है। एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) मॉडल फसल संबंधी समस्याओं का पता लगाते हैं, जिससे किसानों को त्वरित कार्रवाई के लिए समय पर जानकारी मिल जाती है। इस पहल से फसलें स्वस्थ होने, संभावित रूप से पैदावार बढ़ने और किसानों की आजीविका में सुधार होने की उम्मीद है।
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