• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Wednesday, July 30, 2025
  • Login
Mochan Samachaar
Advertisement
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
Mochan Samachaar
No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
Home देश

वैश्विक ऊर्जा विमर्श में बदलाव की जरूरत, विकसित देशों को कार्बन स्पेस खाली करने की जरूरत है ताकि विकासशील देश विकास कर सकें : केंद्रीय मंत्री आरके सिंह

सरकार हैदराबाद में ऊर्जा परिवर्तन केंद्र स्थापित करने में टीईआरआई की सहायता करेगी : केंद्रीय मंत्री आरके सिंह

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
11/02/2024
in देश, व्‍यापार
Reading Time: 1 min read
0
वैश्विक ऊर्जा विमर्श में बदलाव की जरूरत, विकसित देशों को कार्बन स्पेस खाली करने की जरूरत है ताकि विकासशील देश विकास कर सकें : केंद्रीय मंत्री आरके सिंह
252
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

नई दिल्ली  : केंद्रीय विद्युत् और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आरके सिंह ने भारत सरकार और ऊर्जा और संसाधन संस्थान (टीईआरआई) के बीच एक सहयोगात्मक पहल के रूप में, ऊर्जा परिवर्तन केंद्र की स्थापना की घोषणा की है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस व‍िज्ञप्‍त‍ि के अनुसार (According to the press release issued by PIB) श्री आरके सिंह ने यह घोषणा 9 फरवरी, 2024 को नई दिल्ली में टीईआरआई द्वारा आयोजित विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएसडीएस) के 23वें संस्करण में की। उन्होंने कहा कि संस्थान से टिकाऊ विकास के रास्ते की पहचान करने और ऊर्जा परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद की जाएगी।

“लोगों, शांति, समृद्धि और हमारे ग्रह के लिए ऊर्जा परिवर्तन” विषय पर एक सत्र के दौरान शिखर सम्मेलन के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने जलवायु कार्रवाई और ऊर्जा परिवर्तन में भारत के नेतृत्व पर जोर दिया। उन्होंने भारत की उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला और कहा: “हमारी बिजली उत्पादन क्षमता का 44 प्रतिशतगैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों सेआता है। 427 गीगावॉट की कुल क्षमता में से लगभग 180 से अधिक गीगावॉट गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों से है, जिनमें से अधिकांश की क्षमता नवीकरणीय है। ऊर्जा परिवर्तन की हमारी दर बेजोड़ है। हम चौबीसों घंटे नवीकरणीय ऊर्जा के लिए बोलियां जारी करने वाले एकमात्र देश हैं।”

श्री सिंह ने कहा कि भारत एकमात्र प्रमुख अर्थव्यवस्था है जिसने दोनों एनडीसी को तय समय से पहले हासिल कर लिया है। श्री आरके सिंहने कहा, “जब तटस्थ पर्यवेक्षकों ने हमें श्रेणीबद्ध किया, तो उन्होंने भारत को एकमात्र प्रमुख देश माना,जिसकी ऊर्जा परिवर्तन गतिविधियां वैश्विक तापमान में 2 डिग्री से कम वृद्धि के अनुरूप हैं।”

विद्युत् मंत्री ने सार्वजनिक विमर्श में बदलाव की जरूरत को रेखांकित किया। “विकसित देशजीवाश्म ईंधन का उपयोग करके विकसित हुए, 77 प्रतिशतलेगेसी कार्बन उत्सर्जन विकसित देशों के कारण होता है। यह बात कभी जो सार्वजनिक विमर्श में सामने नहीं आती। भारत में वैश्विक आबादी के17प्रतिशतलोग रहते हैं, जबकि केवल 3प्रतिशतवैश्विक कार्बन उत्सर्जन के लिए हम जिम्मेदार हैं। यदि विकसित देश उत्सर्जन की इसी गति को जारी रखते हैं, तो कार्बन स्पेस जल्द ही समाप्त हो जाएगा, जबकि हम विकासशील देशों को विकसित होने के लिए कार्बन स्पेस की आवश्यकता है।

श्री सिंह ने कहा कि विकसित देशों को यह समझना होगा कि कोई भी देश अपने विकास से समझौता नहीं करेगा। “उन्हें कार्बन स्पेस ख़ाली करने की ज़रूरत है ताकि विकासशील देश विकास कर सकें।”

उन्होंने आगे कहा कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं का प्रति व्यक्ति उत्सर्जन वैश्विक औसत से लगभग 4 गुना है। “यह विमर्श एक बड़ा पाखंड है, क्योंकि कोई भी प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन के बारे में बात नहीं करता है, जोसमस्या की असली जड़ है। कोयले को ख़त्म करने का तर्क ग़लत है, क्योंकि यह सिर्फ़ कोयला नहीं है, बल्कि गैस भी है जो कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन उत्सर्जित करती है। सीओपी की किसी भी सभा ने इस पर ध्यान नहीं दिया।”

मंत्री ने कहा कि विकसित देशों ने ऊर्जा भंडारण क्षमता नहीं बढ़ाई, जिसके कारण कीमतें ऊंची हैं। “सतत विकास को दो पहलुओं पर आधारित होना चाहिए: एक, तीव्र गति से उत्सर्जन करने वालों को उत्सर्जन में कमी लाने की आवश्यकता है; दूसरा, विकासशील देशों को  प्रौद्योगिकी और वित्त के सहायता की आवश्यकता है, जिससे ऊर्जा बदलाव की कीमत में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि जहां भारत को वित्तीय सहायता की आवश्यकता नहीं है, वहीं अन्य विकासशील देशों को विकास करने के लिए वित्त और प्रौद्योगिकी तक पहुंच की आवश्यकता है।

मंत्री ने मिशन लाइफपर प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण पर जोर देते हुए कहा, “दुनिया का विकास मॉडल विकसित होना चाहिए; स्थिरता के बिना बढ़ती मांग विनाश का कारण बनती है।” भारत की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “हम हरित वाहनों को बढ़ावा दे रहे हैं और हरित हाइड्रोजन उत्पादन में तेजी ला रहे हैं।” हालाँकि, उन्होंने आगाह किया, “संरक्षणवादी व्यापार बाधाएँ प्रगति में बाधा डालती हैं। यह सामूहिक पुनर्विचार का समय है।”

टेरी गवर्निंग काउंसिल के अध्यक्ष, श्री नितिन देसाई ने स्थायित्व के प्रति भारत की प्रतिबद्धता पर बोलते हुए, सरकार के साथ साझेदारी में हैदराबाद में इस केंद्र की स्थापना की घोषणा की। इस केंद्र का लक्ष्य न केवल भारत के लिए बल्कि अन्य देशों के लिए भी व्यापक ऊर्जा संक्रमण मार्ग विकसित करना है।

टेरी की महानिदेशक, सुश्री विभा धवन ने स्थायित्व के प्रति टेरी की प्रतिबद्धता और सार्थक परिवर्तन लाने के प्रति इसके समर्पण को दोहराते हुए समापन किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की गंभीर चुनौतियों से निपटने और आने वाली पीढ़ियों के लिए अधिक टिकाऊ भविष्य के निर्माण में सहयोग और नवाचार के महत्व पर जोर दिया।

विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन 2024 ने सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में मजबूत चर्चा और सहयोग के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान किया। अब जब भारत ऊर्जा परिवर्तन और स्थायित्व में उदाहरण बन कर आगे बढ़ रहा है, ऊर्जा परिवर्तन केंद्र की स्थापना जैसी पहल देश की हरित भविष्य की यात्रा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

डब्लूएसडीएस 2024 का “लोगों, शांति, समृद्धि और हमारे ग्रह के लिए ऊर्जा परिवर्तन” सत्र यहां देखा जा सकता है।

………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

Tags: developed countries need to free up carbon space so that developing countries can develop: Union Minister RK Singhmochan samachaarpibThere is a need for change in global energy discourseविकसित देशों को कार्बन स्पेस खाली करने की जरूरत है ताकि विकासशील देश विकास कर सकें : केंद्रीय मंत्री आरके सिंहवैश्विक ऊर्जा विमर्श में बदलाव की जरूरत
Previous Post

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विभिन्न विज्ञान मंत्रालयों और विभागों की मासिक संयुक्त बैठक बुलाई

Next Post

विद्युत मंत्रालय ने तेजी से बढ़ती बिजली की मांग के अनुरूप पर्याप्त बिजली सुनिश्चित करने हेतु संसाधन पर्याप्तता दिशानिर्देशों के पालन के संबंध में राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को पत्र लिखा

Next Post
विद्युत मंत्रालय ने तेजी से बढ़ती बिजली की मांग के अनुरूप पर्याप्त बिजली सुनिश्चित करने हेतु संसाधन पर्याप्तता दिशानिर्देशों के पालन के संबंध में राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को पत्र लिखा

विद्युत मंत्रालय ने तेजी से बढ़ती बिजली की मांग के अनुरूप पर्याप्त बिजली सुनिश्चित करने हेतु संसाधन पर्याप्तता दिशानिर्देशों के पालन के संबंध में राज्यों और केन्द्र-शासित प्रदेशों को पत्र लिखा

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Mochan Samachaar

© 2023 Mochan Samachaar Design and Develop by GKB Web Solution.

Udyam Registration Number : UDYAM-WB-10-0083581

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें

© 2023 Mochan Samachaar Design and Develop by GKB Web Solution.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In