नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने आज रांची में देश की पांचवीं एवं पूर्वी क्षेत्र की पहली अत्याधुनिक वृहद शहद परीक्षण प्रयोगशाला तथा एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र, बांस संवर्धन परियोजना एवं अन्य परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके साथ ही पूर्वी भारत में मीठी क्रांति का आगाज हुआ। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार (According to the press release issued by PIB) अभी एनडीडीबी आणंद (गुजरात), आईएआरआई पूसा दिल्ली, आईआईएचआर बेंगलुरू एवं आईबीडीसी हरियाणा में ऐसी लैब्स हैं। रांची में नई लैब बनने से पूर्वी भारत हनी हब के रूप में विकसित होगा। शहद उत्पादकों को घरेलू बाजार में विस्तार व निर्यात के अवसर मिलेंगे, उनकी प्रगति होगी।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री मुंडा ने कहा कि इस क्षेत्र से कभी शहद का निर्यात नहीं हुआ, जबकि शहद उत्पादन के लिए यह एक बड़ा क्षेत्र है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शहद उत्पादन की काफी संभावना है, जिसका उपयोग किसानों की आय बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए। श्री मुंडा ने कहा कि क्षेत्र की लगभग 30% भूमि जंगल से ढकी हुई है, जिसमें प्रचुर मात्रा में फसलें, फल, सब्जियां और जंगली पेड़ हैं, जो शहद उत्पादन के लिए सबसे महत्वपूर्ण संसाधन हैं।
श्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश में शहद का उत्पादन बढ़ रहा है और इसका निर्यात भी बढ़ रहा है। शहद परीक्षण प्रयोगशालाएं उत्पादित शहद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद करेगी। मधुमक्खी बॉक्स निर्माण इकाइयां शहद उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि व्यापार, ब्रांडिंग और विपणन इकाइयां घरेलू व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शहद की बिक्री को बढ़ावा देने में मदद करेगी, साथ ही, मधुमक्खी पालकों और किसानों को भी लाभान्वित करेगी और झारखंड मीठी क्रांति का हब बनेगा।
श्री मुंडा ने कहा कि 1940 से 1960 के बीच देश में जो खाद्यान्न की कमी हुई, उसके बाद हरित क्रांति आई और फिर देश में खाद्य उत्पादन बढ़ा। उत्पादन तो बढ़ा, पर मिट्टी क्षरण भी हुआ। 2013 के बाद हम कई मामलों में सतर्क हुए हैं, जिनमें मृदा स्वास्थ्य- पर्यावरण भी है। मनुष्य को प्रकृति के साथ संबंध बनाते हुए मिट्टी को नुकसान पहुंचाए बिना आगे बढ़ना है। क्षेत्र में बांस मिशन परियोजना भी शुरू हो रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों तथा किसानों को केंद्र सरकार ने हमेशा प्राथमिकता पर रखा है। भारत किसानों का देश है, यह समझते हुए केंद्र सरकार गारंटी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश हर मामले में आदर्श बनें, सबके प्रयत्नों से भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनें, इस दिशा में तेजी से काम हो रहा है।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान व मधुमक्खीपालक शामिल हुए। राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन व शहद मिशन एवं कृषि विज्ञान केंद्र-खूंटी, रांची, गुमला, सिमडेगा, सराईकेला, पश्चिमी सिंहभूम सहित विभिन्न संस्थान सहभागी रहे। रांची सांसद श्री संजय सेठ, पद्मश्री अशोक भगत, बीएयू के कुलपति डॉ. एस.सी. दुबे, निदेशक डा. अभिजीत कर, डॉ. सुजय रक्षित, खादी एवं ग्रामोद्योग के अधिकारी सहित जनप्रतिनिधि एवं गणमान्यजन उपस्थित भी थे।