• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Saturday, June 21, 2025
  • Login
Mochan Samachaar
Advertisement
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
No Result
View All Result
Mochan Samachaar
No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें
Home देश

पत्रकारिता की वर्तमान दशा और दिशा गहन चिंता और चिंतन का विषय है : उपराष्ट्रपति

पत्रकारिता व्यवसाय नहीं है, समाज सेवा है, लेकिन अफसोस बहुत से लोग यह भूल गये हैं : उपराष्ट्रपति

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
15/09/2023
in देश
Reading Time: 1 min read
0
पत्रकारिता की वर्तमान दशा और दिशा गहन चिंता और चिंतन का विषय है : उपराष्ट्रपति
254
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

नई दिल्ली : भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि पत्रकार प्रेस की स्वतंत्रता के अंतिम प्रहरी हैं और लोकतंत्र में उनके कंधों पर बहुत बड़ा दायित्व है। पीआईबी द्वारा जारी प्रेस व‍िज्ञप्‍त‍ि के अनुसार स्वतंत्र पत्रकारिता को लोकतंत्र की रीढ़ बताते हुए उपराष्ट्रपति ने चिंता व्यक्त की कि हमारे प्रहरी कुंभकरण मुद्रा और निद्रा में है जोकि देश के लिए ठीक नहीं है।

आज भोपाल में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि सभी जानते हैं पत्रकारिता व्यवसाय नहीं है, समाज सेवा है। लेकिन अफसोस व्यक्त करते हुए उन्होंने आगे कहा कि बहुत से लोग यह भूल गए हैं और “पत्रकारिता एक अच्छा व्यवसाय बन गयी है, शक्ति का केंद्र बन गयी है, सही मानदंडों से हट गयी है, भटक गयी है। इस पर सबको सोचने की आवश्यकता है।”

Glimpses from the Hon’ble Vice-President, Shri Jagdeep Dhankhar’s visit to Makhanlal Chaturvedi Rashtriya Patrakarita Evam Sanchar Vishwavidyalaya in Bhopal today. pic.twitter.com/8gaGZZrKwd

— Vice President of India (@VPIndia) September 15, 2023

धनखड़ ने कहा कि पत्रकार का काम किसी राजनीतिक दल का हितकारी होना नहीं है। न ही पत्रकार का यह काम है कि वह किसी सेट एजेंडा के तहत चले या कोई विशेष नैरेटिव चलाये। सकारात्मक समाचारों को महत्व देने की ज़रूरत है पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता तभी हो सकती है, जब प्रेस जिम्मेवार हो।

धनखड़ ने कहा कि पत्रकारिता की वर्तमान दशा और दिशा गहन चिंता और चिंतन का विषय है। हालात विस्फोटक हैं और, अविलंब निदान होना चाहिए। आप प्रजातंत्र की बहुत बड़ी ताकत हैं, और अपनी ताकत से सभी को सजग कर सकते हैं। लेकिन उन्होंने चिंता व्यक्त की कि लोकतंत्र का यह वाचडॉग, अब व्यवसायिक हितों के आधार पर काम करने लगा है। “जब आप जनता के watchdog हो तो किसी व्यक्ति का हित आप नहीं कर सकते, आप सत्ता का केंद्र नहीं बन सकते। सेवा भाव से काम करना होगा। आवश्यकता है – सच्चाई, सटीकता और निष्पक्षता, इनके बिना कुछ होगा नहीं,” उन्होंने कहा।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि जिनका काम सबको आईना दिखाने का है, हम ऐसे हालात में पहुंच गए हैं कि हमें उनको आईना दिखाना पड़ रहा है I यह चिंता का विषय हैI

विकास को राजनीति से जोड़कर न देखने का आग्रह करते हुए उन्होंने कहा कि विकास की चर्चा करने का यह आशय नहीं है कि आप किसी राजनीतिक दल की प्रशंसा कर रहे हैं, बल्कि विकास एक जमीनी हकीकत है। विभिन्न आंकड़े देते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश ने विकास के क्षेत्र में कई मुकाम हासिल किए गए हैं जिन्हें राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए जैसे कि सिंचाई में 20 साल में 6 गुना वृद्धि हुई और हर डिविजनल हैडक्वाटर, चार लेन से जुड़ा हुआ है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पत्रकार अगर विकास को अपने रडार पर रखेगा तो समाज में जो सकारात्मक बदलाव आ रहा है, उसमें निश्चित रूप से गति आएगी और विकास के मामले में, राजनीतिक चश्मे को निकाल कर छोड़ देना चाहिए।

उन्होंने वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष के बयान का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले 6 साल में वित्तीय समावेशन में जो भारत ने किया है, वो 47 साल में भी संभव नहीं था। श्री धनखड़ ने कहा कि दस वर्ष पूर्व हम विश्व की पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं (fragile five) में गिने जाते लेकिन आज विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि किसी मुद्दे पर सहमति हो या ना हो विचार विमर्श आवश्यक है। आपका अपना मत और विवेक है, आप सहमत – असहमत हो सकते हैं लेकिन विमर्श से मना नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि राज्यसभा के सभापति की हैसियत से “मैं लगातार इस ओर प्रयास कर रहा हूं, कि वहां क्या होना चाहिए – Dialogue, debate, discussion, deliberation, परंतु हो क्या रहा है? Disturbance, Disruption. संविधान सभा में तो 3 साल तक ऐसा कभी नहीं हुआ था। उन्होंने तो बहुत ही गंभीर मुद्दों का सामना किया था, उनका समाधान ढूंढा विचार विमर्श से।”

उपराष्ट्रपति ने निराशा व्यक्त की कि मीडिया इस मुद्दे पर अपेक्षित ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने अपील की कि यह जन आंदोलन बनना चाहिए कि आपके जन प्रतिनिधि कैसे ऐसा आचरण कर सकते हैं और उस उत्तरदायित्व का निर्वाहन कर रहे हैं या नहीं जो संविधान ने उनको दिया है।

उन्होंने कहा कि खबर वह है जिसे कोई छुपाना चाहता है, जिससे लोग डरते हैं कि सामने ना आ जाए। 80 के दशक में खोजी पत्रकारिता थी। वह बाद में पता नहीं कहां खो गई, कहां भटक गई खोजी पत्रकारिता, लगभग विलुप्त हो चुकी है। श्री धनखड़ ने टीवी डिबेट में असंसदीय भाषा के प्रयोग पर भी चिंता जाहिर की।

कुछ लोगों द्वारा भारत मंडपम को लेकर की गयी भ्रामक रिपोर्टिंग पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि  कुछ लोग देश की प्रशंसा को डाइजेस्ट नहीं कर सकते, उनका हाजमा खराब हो जाता है। भारत में जब भी कुछ अच्छा होता है वह पचा नहीं पाते और मौका ढूंढते हैं कि हमारे भारत को, हमारी संस्थाओं को कैसे कलंकित करें और दुनिया में फेरा लगते हैं|

भ्रष्टाचार को समाप्त करने में पत्रकारों की बड़ी भूमिका बताते हुए उन्होंने कहा कि पहले पत्रकारिता एक मिशन थी, एक उद्देश्य था समाज का हित था, पर अब टॉप आ गयी है  सनसनीखेज रिपोर्टिंग।

धनखड़ ने विश्वास व्यक्त किया कि रचनात्मक, सकारात्मक योगदान ही महान भारत को 2047 में विश्व गुरु बनाएगा, 2047 में निश्चित रूप से भारत दुनिया के शीर्ष पर होगा। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि हमें गर्व होना चाहिए कि हम भारतीय हैं, हमें देश को सर्वोपरि रखना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने खुशी व्यक्त की कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पारंपरिक परिधान और अंगवस्त्र में पूरे भारत की झलक देखने को मिलती है। इस अवसर पर डॉ सुदेश धनखड़, मध्य प्रदेश के मंत्री राजेन्द्र शुक्ला व  मोहन यादव, सांसद, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, प्रो. के.जी. सुरेश, उप-कुलपति, शिक्षक, छात्र-छात्राएं, अभिभावक व अन्य गणमान्य जन उपस्थित रहे।

………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………………….

Tags: Makhanlal Chaturvedi National University of Journalism and CommunicationThe current condition and direction of journalism is a matter of deep concern and contemplation: Vice PresidentVice President of India Jagdeep Dhankharभारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय
Previous Post

प्रधानमंत्री ने सर एम विश्वेश्वरैया को की श्रद्धांजलि अर्पित

Next Post

प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री ली कुआन यू को उनकी 100वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि 

Next Post
प्रधानमंत्री ने राजीव गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर की श्रद्धांजलि अर्पित

प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री ली कुआन यू को उनकी 100वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि 

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Mochan Samachaar

© 2023 Mochan Samachaar Design and Develop by GKB Web Solution.

Udyam Registration Number : UDYAM-WB-10-0083581

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • होम
  • बंगाल
  • देश
    • असम
    • बंगाल
  • विदेश
  • व्‍यापार
  • खेल
  • धर्म
  • स्‍वास्‍थ्‍य
  • संपर्क करें

© 2023 Mochan Samachaar Design and Develop by GKB Web Solution.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In