नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने कुछ सोशल मीडिया पोस्ट और मीडिया रिपोर्टों का संज्ञान लिया है, जिसमें दो अलग-अलग राज्यों के मतदाताओं के समान ईपीआईसी नंबर होने के मुद्दे को उठाया गया है। इस संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि कुछ मतदाताओं के ईपीआईसी नंबर समान हो सकते हैं, लेकिन समान ईपीआईसी नंबर वाले मतदाताओं के लिए जनसांख्यिकीय विवरण, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र सहित अन्य विवरण अलग-अलग हैं। ईपीआईसी नंबर चाहे जो भी हो, कोई भी मतदाता अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के अपने संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में अपने निर्धारित मतदान केंद्र पर ही वोट डाल सकता है, जहां उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है और कहीं और नहीं।
विभिन्न राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के कुछ मतदाताओं को समान ईपीआईसी संख्या/श्रृंखला का आवंटन सभी राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के मतदाता सूची डेटाबेस को ईआरओएनईटी प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करने से पहले अपनाई गई विकेंद्रीकृत और मैन्युअल प्रणाली के कारण हुआ। इसके परिणामस्वरूप कुछ राज्य/संघ शासित प्रदेशों के सीईओ कार्यालयों ने एक ही ईपीआईसी अल्फान्यूमेरिक श्रृंखला का उपयोग किया और विभिन्न राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं को डुप्लिकेट ईपीआईसी संख्या आवंटित किए जाने की संभावना बनी रही।
हालांकि, किसी भी आशंका को दूर करने के लिए, आयोग ने पंजीकृत मतदाताओं को अनूठा ईपीआईसी नंबर आवंटित करने का निर्णय लिया है। डुप्लिकेट ईपीआईसी नंबर के किसी भी मामले को एक अनूठा ईपीआईसी नंबर आवंटित करके ठीक किया जाएगा। इस प्रक्रिया की सहायता के लिए ईआरओएनईटी 2.0 प्लेटफार्म को अपडेट किया जाएगा।
EC clarifies that duplication in EPIC number does not imply duplicate/fake voters.
Cases of duplicate EPIC numbers due to use of identical alphanumeric series in two States/UTs
Unique EPIC number to be allotted to registered electors
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— Election Commission of India (@ECISVEEP) March 2, 2025