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सार्वजनिक क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और यह सामाजिक उत्थान में अपना योगदान देता है : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने सार्वजनिक क्षेत्र से उभरती प्रौद्योगिकियों और सहायक संस्थानों के अच्छे प्रभावों को सामने लाने का आह्वान किया

Mochan Samachaar Desk by Mochan Samachaar Desk
18/01/2024
in देश
Reading Time: 5 mins read
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सार्वजनिक क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और यह सामाजिक उत्थान में अपना योगदान देता है : उपराष्ट्रपति
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नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, “सार्वजनिक क्षेत्र हमारा गौरव है, सार्वजनिक क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।” पीआईबी द्वारा जारी प्रेस व‍िज्ञप्‍त‍ि के अनुसार उन्होंने आज नई दिल्ली में आयोजित स्कोप पुरस्कार समारोह को संबोधित किया।

 

 

उपराष्ट्रपति ने सार्वजनिक क्षेत्र के संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विचारों को साझा किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सार्वजनिक क्षेत्र का आशय लाभ होता है और यह लोगों की गलत धारणा है कि वे सार्वजनिक क्षेत्र को दायित्व से जोड़ते हैं। उपराष्ट्रपति ने आगे कहा कि यह लाभ सामाजिक उत्थान को लेकर व्यापक योगदान के रूप में है।

 

उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र के समृद्ध मानव संसाधन की भी सराहना की, जिससे आम लोगों के लिए बड़ी संख्या में बैंक खाते खोलने में सहायता प्राप्त हुई, जिसके परिणामस्वरूप आसानी से किसानों और अन्य वंचित वर्गों को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरित हुआ।

श्री धनखड़ ने सार्वजनिक क्षेत्र की संभावना और क्षमता पर विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी उभरती तकनीकों का पूरा उपयोग करने का आह्वान किया।

 

उपराष्ट्रपति ने राष्ट्र की सुरक्षा और विकास के लिए प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “अनुसंधान और विकास यह परिभाषित करेगा कि एक राष्ट्र कितना मजबूत और सुरक्षित होगा।” श्री धनखड़ ने सार्वजनिक क्षेत्र से अनुसंधान व विकास में निवेश करने और इस संबंध में संस्थानों की सहायता करने का आह्वान किया।

 

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने शासन में हालिया सुधारों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अब शासन पारदर्शी व जवाबदेह है और अब प्राधिकारों का सार्वजनिक क्षेत्र के प्रशासन में कोई दखल नहीं है।

उपराष्ट्रपति ने आगे कहा, “सार्वजनिक क्षेत्र में संरक्षण कोई शब्द नहीं है। सार्वजनिक क्षेत्र ने कभी भी संरक्षण में विश्वास नहीं किया है। इसने निष्पक्षता से प्रदर्शन किया है। इससे पहले भी प्राधिकारों द्वारा उनके प्रशासन में कुछ प्रकार की घुसपैठ की गई थी, जहां उन्हें निर्देशित किया गया और असहाय बना दिया गया था।”

उपराष्ट्रपति ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया और कहा कि त्वरित प्रतिक्रियाओं की साहसिक निर्णय लेने की जरूरत है। उन्होंने संसद और राज्य विधानमंडलों में महिलाओं के लिए एक-तिहाई आरक्षण का प्रावधान करने के लिए हालिया संवैधानिक संशोधन की सराहना की।

 

उन्होंने इस प्रावधान को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह आधी आबादी को शासन में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने का अवसर प्रदान करेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा, “इस आरक्षण का एक महान सामाजिक तत्व है। यह क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर है, जिसका आशय है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति, जिनके लिए संसद व विधानमंडल में पहले से ही आरक्षण है, की श्रेणी में एक-तिहाई महिलाएं होंगी।”

उपराष्ट्रपति ने राजनीतिक लाभ के लिए लोगों की अज्ञानता का उपयोग करने पर अपनी पीड़ा व्यक्त की। उन्होंने कहा, “अगर जागरूक मस्तिष्क, बुद्धिमान मस्तिष्क, जिन्हें हम अच्छा मानते हैं, लोगों की अज्ञानता पर अपना कारोबार करते हैं, तो यह नैतिकता के उलट है और राष्ट्र के साथ एक अन्याय है।”

उपराष्ट्रपति ने आगे अपने संबोधन में उपस्थित सभी लोगों से आर्थिक राष्ट्रवाद में विश्वास करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है, जब एक भारतीय के रूप में हमें आर्थिक राष्ट्रवाद में विश्वास करना चाहिए। हमारे देश का नुकसान उन आयातित वस्तुओं के कारण हो रहा है, जिन्हें हम यहां बना सकते हैं। हम वोकल फॉर लोकल का सम्मान नहीं कर रहे हैं। जैसा कि प्रधानमंत्री ने संकेत दिया है कि लोकल के लिए वोकल होना राष्ट्रवाद की भावना को समाहित करता है।”

इस अवसर पर स्कोप के अध्यक्ष श्री संदीप कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष श्री ब्रजेश कुमार उपाध्याय, महानिदेशक श्री अतुल सोबती और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

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Tags: mochan samachaarpibPublic sector is the backbone of the Indian economy and contributes to social upliftment: Vice Presidentसार्वजनिक क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और यह सामाजिक उत्थान में अपना योगदान देता है : उपराष्ट्रपति
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