नई दिल्ली; राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में कहा है: – “महावीर जयंती के पावन अवसर पर मैं सभी देशवासियों, विशेषकर जैन भाइयों और बहनों को बधाई और शुभकामनाएं देती हूं।
अहिंसा और करुणा की प्रतिमूर्ति भगवान महावीर ने ‘अहिंसा परमो धर्म’ के संदेश द्वारा मानवता को नया मार्ग दिखाया, जिसका अर्थ है अहिंसा ही सबसे बड़ा धर्म है। महावीर जयंती हमें आध्यात्मिकता के पथ पर चलने और सादगी, दयालुता और भौतिक संपत्ति तथा इच्छाओं से विराग के मूल्यों को अपनाने का संदेश देती है।
आइए हम भगवान महावीर की शिक्षाओं को अपने जीवन में आत्मसात करें और समाज में शांति, अहिंसा और सद्भाव को बढ़ावा दें।
उपराष्ट्रपति ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने महावीर जयंती के अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।
उनके शुभकामना संदेश का मूलपाठ इस प्रकार है:
“महावीर जयंती के पावन अवसर पर, मैं सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।
भगवान महावीर के शाश्वत उपदेश—अहिंसा, सत्य और अपरिग्रह—हमें एक अधिक करुणामय और समरस विश्व की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा देते हैं। सभी जीवों की समानता और विभिन्न विचारों के प्रति सम्मान का उनका गहन संदेश आज के समय में और भी प्रासंगिक है।
इस महावीर जयंती पर, आइए हम उनके जीवन और आदर्शों से प्रेरणा लेकर आत्मानुशासन, संयम और सार्वभौमिक करुणा को अपनाएं। भगवान महावीर की कालजयी शिक्षाएं हमारे समाज में सहिष्णुता, समझ और शांति की भावना को सुदृढ़ करें—यही कामना है।”
लोक सभा अध्यक्ष ने देशवासियों को शुभकामनाएं दी
लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने महावीर जयंती की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी। अपने सन्देश में श्री बिरला ने कहा:
“जय जिनेन्द्र ।
अहिंसा, दया, क्षमा और करुणा के अवतार जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी जी की जयंती के पावन अवसर पर आप सभी को, विशेष रूप से मेरे जैन बंधुओं को हार्दिक शुभकामनाएँ एवं बधाइयाँ।
भगवान महावीर स्वामी का जीवन और उनका संदेश हमें सिखाता है कि सच्ची शक्ति अहिंसा में है, सच्ची समृद्धि त्याग में है और सच्ची खुशी परोपकार में है। उन्होंने पूरे विश्व को “जियो और जीने दो” का मंत्र दिया, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना उनके समय था।
आज जब दुनिया कई चुनौतियों से जूझ रही है, तब भगवान महावीर के विचार हमें सही मार्ग दिखाते हैं। उनका संदेश केवल किसी धर्म विशेष के लिए नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता के लिए है। अगर हम उनके सिद्धांतों को अपने जीवन में उतारें, तो समाज में प्रेम, शांति और सद्भाव का वातावरण बन सकता है।
आइए, इस महावीर जयंती पर हम संकल्प लें कि हम अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलेंगे, करुणा और दया को अपने जीवन में अपनायेंगे, और हर जीव के प्रति प्रेम व सम्मान का भाव रखेंगे। भगवान महावीर आपका कल्याण करें, उनके आशीर्वाद से आपका जीवन सुख, शांति और सौहार्द से परिपूर्ण रहे।