नई दिल्ली : बिहार सरकार (Bihar government) द्वारा आरक्षण बढ़ाने के फैसले को पटना उच्च न्यायालय (Patna High Court) ने रद्द कर दिया है। गुरुवार को पटना उच्च न्यायालय ने बिहार के उस कानून (law) को रद्द कर दिया, जिसमें आरक्षण (Reservation) 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया गया था।
कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि यह सीमा अब तोड़ी नहीं जा सकती। ऐसे में 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण को रद्द कर दिया गया है। इसी के साथ पटना उच्च न्यायालय द्वारा पिछली सरकार का फैसला रद्द कर दिया गया है। वर्ष 2023 में बिहार सरकार ने आरक्षण का दायरा बढ़ाया था।
बताना चाहेंगे पहले 50 फीसदी का आरक्षण था जिसे जातीय सर्वे के बाद 65 फीसदी कर दिया गया था। जातीय सर्वे के पश्चात् ही आरक्षण का दायरा बढ़ाने का फैसला लिया गया था।
याद हो, बिहार में जातीय सर्वे को लेकर बड़ी राजनीति भी हुई थी और उसे चुनाव में एक बड़ा मुद्दा भी बनाया गया था। इसके बाद पिछली सरकार ने आरक्षण को 65 फीसदी करने का फैसला लिया था।