NEW DELHI : “वैश्विक मानक और आईपीआर” पर एक दिवसीय कार्यशाला में किसी भी देश के विकास के लिए “वैश्विक मानक और आईपीआर” के महत्व पर प्रकाश डाला गया। 15-24 अक्टूबर, 2024 तक भारत द्वारा आयोजित होने वाली महत्वपूर्ण विश्व दूरसंचार मानकीकरण असेंबली (डब्ल्यूटीएसए) के पहले हुई कार्यशाला ने राष्ट्रीय हितधारकों को वैश्विक साझेदारी बनाने और दूरसंचार मानकों में सर्वोत्तम अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के साथ जुड़ने के लिए एक मंच भी प्रदान किया।
कार्यशाला का आयोजन दूरसंचार विभाग (डीओटी) के तहत राष्ट्रीय दूरसंचार नीति अनुसंधान, नवाचार और प्रशिक्षण संस्थान (एनटीआईपीआरआईटी), गाजियाबाद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) क्षेत्र कार्यालय और इनोवेशन सेंटर, नई दिल्ली के सहयोग से विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस मनाने के लिए 17 मई, 2024 को गाजियाबाद परिसर में किया गया था। कार्यक्रम का उद्घाटन दूरसंचार सचिव डॉ. नीरज मित्तल ने किया। कार्यशाला में दूरसंचार विभाग के अधिकारी, आईटीयू विशेषज्ञ, संकाय सदस्य और दिल्ली और एनसीआर के इंजीनियरिंग कॉलेजों के छात्र शामिल हुए। श्री अतुल सिन्हा, डीडीजी (आईसीटी), एनटीआईपीआरआईटी ने कार्यशाला में गणमान्य व्यक्तियों और सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया।
अपने उद्घाटन भाषण में, डॉ. नीरज मित्तल ने नवाचार और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए मानकीकरण में वैश्विक सहयोग के महत्व पर जोर दिया। सदस्य (एस) श्री एके साहू, ने वैश्विक मानकीकरण प्रक्रिया में राष्ट्रीय योगदान के महत्व पर प्रकाश डाला। महानिदेशक (टी), श्री आरआर मित्तर, ने दूरसंचार मानकों की बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया। आईटीयू क्षेत्र कार्यालय, नई दिल्ली के वरिष्ठ सलाहकार, श्री आर शाक्य ने अपने विशेष संबोधन में प्रतिभागियों से मानकीकरण क्षेत्र में आईटीयू गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने डब्ल्यूटीएसए-24 के बारे में भी विस्तार से बताया।
एनटीआईपीआरआईटी के महानिदेशक श्री देब कुमार चक्रवर्ती ने सहयोग और साझेदारी की भावना के बारे में बात की और कार्यशाला के उद्देश्यों और अवलोकनों पर प्रकाश डाला। श्री मार्टिन एडोल्फ, स्टडी ग्रुप काउंसलर, आईटीयू ने आईटीयू की गतिविधियों और तकनीकी/इंजीनियरिंग शिक्षा में वैश्विक मानकों के महत्व के बारे में एक सिंहावलोकन प्रस्तुत किया।
माशमारी के सीईओ श्री शरद अरोड़ा ने मानकीकरण प्रक्रियाओं और तकनीकी शिक्षा पर उनके महत्वपूर्ण प्रभाव के बारे में बताया। सीईडब्ल्यूआईटी, आईआईटी मद्रास के डॉ. क्लुट्टो मिलेथ ने तकनीकी शिक्षा और परियोजनाओं में मानक आवश्यक पेटेंट (एसईपी) और बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) की जटिलताओं पर गहराई से चर्चा की। श्री यूके श्रीवास्तव ने नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए वैश्विक मानकों और आईपीआर का लाभ उठाने पर एक पैनल चर्चा की अध्यक्षता की।
आगामी डब्ल्यूटीएसए-2024 में अधिक भारतीय विशेषज्ञों की भागीदारी के लिए कार्यशाला मंच तैयार करती है और प्रतिभागियों को वैश्विक मानकों और बौद्धिक संपदा डाइनैमिक्स के साथ जुड़ने का अवसर देती है